नई दिल्ली: कांग्रेस को दक्षिणी राज्यों में उल्लेखनीय बढ़त हासिल करने की उम्मीद है क्योंकि पार्टी 3 अप्रैल को एक मेगा शो की मेजबानी करने की तैयारी कर रही है जब राहुल गांधी दूसरी बार वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के भी उनके साथ आने की उम्मीद है.
केरल के प्रभारी एआईसीसी सचिव पी विश्वनाथन ने ईटीवी भारत को बताया,'हम सभी बहुत उत्साहित हैं. कल एक मेगा रोड शो और रैली होगी जब राहुल गांधी वायनाड से अपना नामांकन दाखिल करेंगे.' एआईसीसी पदाधिकारी के मुताबिक, 2019 में केरल में 19/20 लोकसभा सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार सभी सीटें जीतेगी. केरल की सभी 20 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा. उन्होंने कहा, 'राहुल के वायनाड से दोबारा चुनाव लड़ने से अन्य दक्षिणी राज्यों में एक संदेश जाएगा और लोकसभा में पार्टी की संख्या में योगदान होगा.'
विश्वनाथन ने आगे कहा, 'इस बार केरल की सभी 20 लोकसभा सीटें जीतना हमारा लक्ष्य है. पिछले वर्षों में मैंने वायनाड और राज्य के अन्य क्षेत्रों के विकास में राहुल गांधी की भूमिका देखी है. जब मतदाताओं को उनकी जरूरत पड़ी तो उन्होंने तुरंत प्रतिक्रिया दी और लोग निश्चित रूप से हमारे नेता का समर्थन करेंगे. हालांकि यह चुनाव का समय है, राज्य भर से लोग कल रैली में शामिल होंगे. राहुल गांधी के केरल से चुनाव लड़ने से पार्टी अन्य दक्षिणी राज्यों में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी.' एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार यह तथ्य कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ केरल में सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले एलडीएफ से लड़ेगा लेकिन सबसे पुरानी पार्टी और वामपंथी दल राष्ट्रीय स्तर पर गंठबंधन में शामिल है ये लोगों के बीच चिंता का विषय नहीं होगा.'
विश्वनाथन ने कहा, 'देखिए केरल के मतदाता जागरूक हैं. उन्होंने दशकों से एलडीएफ बनाम यूडीएफ का मुकाबला देखा है. अपने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान हम केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में विजयन सरकार दोनों की कमियों को उजागर करेंगे.' केरल के अलावा कांग्रेस प्रबंधक पड़ोसी राज्य तेलंगाना और कर्नाटक में भी लाभ की उम्मीद कर रहे हैं, जहां पार्टी सत्ता में है, और तमिलनाडु में जहां पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है.
तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी सचिव रोहित चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा, 'हमें तेलंगाना में 17 में से लगभग 15 सीटें जीतने की उम्मीद है. राज्य में 10 साल तक शासन करने वाली बीआरएस कमजोर हो गई है और पिछले कुछ महीनों में उसके ज्यादातर नेता हमारे साथ आ गए हैं. भाजपा के चार सांसद हैं लेकिन भगवा पार्टी को इस बार ज्यादा फायदा नहीं होगा.' उन्होंने कहा, 'हमने चुनाव प्रबंधन पर गहन ध्यान देने के लिए 17 लोकसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक के प्रभारी वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को तैनात किया है.'
कर्नाटक में पार्टी प्रबंधक राज्य इकाई प्रमुख और उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार के मजबूत संगठनात्मक और चुनाव प्रबंधन कौशल पर भरोसा कर रहे हैं. इन्होंने आलाकमान को राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से कम से कम 20 सीटें जीतने का आश्वासन दिया है. सिद्धारमैया सरकार ने सामाजिक कल्याण से संबंधित सभी प्रमुख चुनावी वादों को लागू किया है. इस कदम से लोग खुश हैं. इसके अलावा हमने बहुत अच्छे उम्मीदवार खड़े किये हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन को 2019 में 38 सीटों के मुकाबले सभी 39 लोकसभा सीटें जीतने की उम्मीद है.