वायनाड: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड का दौरा करने के लिए भारत जोड़ो न्याय यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया. यात्रा इस समय यूपी में है. राहुल गांधी का फैसला वन्यजीवों के हमलों से जनता के जीवन और संपत्तियों की रक्षा के लिए स्थायी समाधान की मांग को लेकर बढ़ते विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर आया. शुक्रवार को जंगली जानवरों के हमले में एक और व्यक्ति की जान जाने के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया.
कुरुवा द्वीप इको-पर्यटन केंद्र के अस्थायी गाइड पॉल की जंगली हाथी के हमले में मौत हो गई थी, इसके विरोध में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. राहुल गांधी शनिवार और कल (18 फरवरी) सुबह वाराणसी में निर्धारित कार्यक्रम स्थगित करने के बाद वायनाड लौट आए. फिलहाल भारत जोड़ो न्याय यात्रा वाराणसी में है. राहुल शनिवार देर शाम कन्नूर पहुंचे और कल सुबह कलपेट्टा पहुंचेंगे. राहुल गांधी जंगली हाथी के हमले में मारे गए पॉल और अजीश के घरों का दौरा करेंगे.
पार्थिव शरीर रख प्रदर्शन किया: वायनाड में वन्य जीव हमले में मानव जीवन की हानि पर स्थानीय निवासियों में आक्रोश देखा गया. प्रदर्शनकारियों ने जंगली हाथी के हमले के शिकार को दफनाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कुरुवा इको पर्यटन केंद्र के मृत अस्थायी पर्यटक गाइड के पार्थिव शरीर के साथ पुलपल्ली बस स्टैंड के पास अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
आज सुबह पुलपल्ली पक्कम के मूल निवासी पॉल का शव कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए पुलपल्ली लाया गया. लेकिन जनता का गुस्सा चरम पर पहुंच गया. पहले शव के साथ सड़क पर प्रदर्शन जारी रहा. कई दौर की बातचीत के बाद परिजन माने और शाम तक अंतिम संस्कार कर दिया गया.
पुलपल्ली में आज सुबह से ही भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा था. स्थानीय लोगों ने वन विभाग की गाड़ी को रोककर विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने बाघ के हमले में मारी गई गाय के शव को वन विभाग की गाड़ी के ऊपर रखकर विरोध जताया.
विरोध के बाद मौके पर पहुंचे विधायकों के साथ भी प्रदर्शनकारियों ने बदसलूकी की. विधायक टी. सिद्दीकी और आईसी बालाकृष्णन के साथ धक्कामुक्की की गई. घटना के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया.
विरोध प्रदर्शन कई घंटों तक जारी रहा. भाजपा, यूडीएफ और एलडीएफ ने सुबह से शाम तक वायनाड में हड़ताल का आह्वान किया था. वन्यजीवों के हमलों से जनता के जीवन और संपत्तियों की रक्षा के लिए स्थायी समाधान की मांग करते हुए सभी दलों ने हड़ताल का आह्वान किया था. जिले में सार्वजनिक परिवहन बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ. कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए अंतरराज्यीय बस सेवाएं भी प्रभावित हुईं.