प्रयागराजः पूर्व प्रधानमंत्री जहवार लाल नेहरू के गृहनगर और कांग्रेस की गढ़ रही इलाहाबाद सीट से इस बार कांग्रेस ने हाल ही में सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक और पूर्व मंत्री उज्ज्वल रमण सिंह पर दांव लगाया है. रमण सिंह को जिताने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा मुखिया अखिलेश यादव रविवार यानि 19 मई को उज्जवल रमण सिंह के लिए जीत का मैदान तैयार करने पहुंच रहे हैं. बता दें कि उज्ज्वल रमण के पिता कुंवर रेवती रमण सिंह इसी सीट से सपा के टिकट पर 2004 और 2009 का चुनाव जीत चुके हैं. यही कारण कि भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी का मुकाबला उज्जवल से राजनीतिक जानकार मान रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इलाहाबाद लोकसभा सीट पर इस बार 40 सालों बाद कांग्रेस को उम्मीद दिख रही है.
आखिरी बार इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर अमिताभ बच्चन जीते थे
1984 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने जीत हासिल की थी. अमिताभ बच्चन की जीत के बाद इस सीट पर अभी तक किसी भी कांग्रेसी नेता को जीत हासिल नहीं हो सकी है. पिछले 4 दशक में हुए हर चुनाव में कोंग्रेस प्रत्याशियों को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है. इंडी गठबंधन ने इस चुनाव में जिस तरह से सपा नेता रहे उज्ज्वल रमण सिंह को कांग्रेस में शामिल कर टिकट देते हुए कैंडिडेट बनाया है. जबकि उज्जवल रमण सिंह के सामने भाजपा ने पूर्व राज्यपाल और यूपी के विधानसभा अध्यक्ष रहे केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे को नीरज त्रिपाठी को कैंडिडेट बनाया है. नीरज त्रिपाठी इससे पहले कोई चुनाव नहीं लड़े हैं और हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से वकालत करते थे. डेढ़ साल पहले नीरज त्रिपाठी के पिता केशरी नाथ त्रिपाठी की मौत हो गई थी.फिलहाल राजनीति का नीरज त्रिपाठी को ज्यादा अनुभव नहीं है.
लालबहादुर शास्त्री इस सीट से जीतकर बने थे प्रधानंमत्री
इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 1987 तक चुनाव छोड़कर का कांग्रेस का कब्जा रहा है. इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जीत चुके हैं. 1984 में कांग्रेस के टिकट पर महानायक अमिताभ बच्चन ने जीत हासिल की थी. जिसके बाद से नेहरू गांधी के इस पैतृक शहर में कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई थी. 4 दशक से कांग्रेस के नेता इस सीट पर जीत के करीब भी नहीं पहुंच सके हैं. लेकिन इस बार उज्ज्वल रमण सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. सपा के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह अपने बेटे का चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
जानिए भाजपा प्रत्याशी कौन हैं?
वहीं, नीरज त्रिपाठी के पिता रहे केशरी नाथ त्रिपाठी शहर दक्षिणी सीट से 5 बार विधायक चुने गए थे. इसके साथ ही यूपी विधानसभा के अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके थे. साल भर पहले उनकी मौत हो चुकी है. अब 2024 के इस चुनाव में भाजपा ने वर्तमान सांसद रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है. इलाहाबाद लोकसभा सीट के लिए 6वें चरण में 25 मई को मतदान होना है. मतदान में अब सिर्फ हफ्ते समय बचा हुआ है. ऐसे में अब प्रयागराज में सत्ता और विपक्षी दलों के नेताओं का जमघट लगेगा और पूरी ताकत के साथ नेताओं की जनसभा और रोड शो का आयोजन होने जा रहा है.
रविवार को राहुल गांधी और अखिलेश यादव करेंगे जनसभा
प्रयागराज की दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार करने के लिए इंडी गठबंधन की तरफ से चुनाव प्रचार करने के लिए राहुल गांधी और अखिलेश यादव जनसभा करने आएंगे. राहुल गांधी और अखिलेश यादव इलाहाबाद लोकसभा सीट के करछना विधानसभा क्षेत्र में जनसभा करेंहे और फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के फाफामऊ विधानसभा क्षेत्र में जनसभा करेंगे.
पिछले चार चुनावों का परिणाम
इलाहाबाद लोकसभा सीट पर बीते दस सालों से भाजपा का कब्जा था. जबकि उससे पहले दस सालों तक इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था. साल 2004 से लेकर 2009 तक वर्तमान सपा कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार उज्ज्वल रमण सिंह में पिता कुंवर रेवती रमण सिंह लगातार दोनों बार सांसद चुने गए थे. जबकि 2014 में भाजपा के टिकट पर श्यामा चरण गुप्ता सांसद चुने गए थे. इसी तरह से 2019 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर ही रीता बहुगुणा जोशी चुनाव जीतकर संसद जा चुकी है. रीता बहुगुणा जोशी ने सपा कैंडिडेट राजेन्द्र सिंह पटेल को 1 लाख 84 हजार 275 वोट से सपा प्रत्याशी को हराया था.
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