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क्या JDU के साथ 'खेला' हो गया? मोदी सरकार में सिर्फ 2 मंत्री बनने पर उठ रहे सवाल - JDU in Modi cabinet

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 10, 2024, 6:51 PM IST

Nitish Kumar : कहते हैं जो सोचो और उस मनुताबिक फल ना मिले तो सवाल उठते हैं. कुछ ऐसा ही जेडीयू के साथ हुआ है. कहां लोग कह रहे थे कि मोदी मंत्रिमंडल में 3 मंत्री जेडीयू से होंगे. लेकिन 2 पर ही संतोष करना पड़ा है. इसको लेकर जामकर राजनीति हो रही है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

मोदी सरकार में बिहार के मंत्री.
मोदी सरकार में बिहार के मंत्री. (Etv Bharat)

पटना : प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ग्रहण किया. NDA-3 की सरकार में कुल 72 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें बिहार के 8 सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली. सबसे चौंकाने वाला फैसला जेडीयू के लिए था. जहां एक ओर नीतीश कुमार को किंगमेकर कहा जाने लगा था, वहां पर उनकी पार्टी के सिर्फ 2 सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.

30 सीटों NDA का हुआ कब्जा : बिहार में 40 में से 30 सीटों पर एनडीए के सांसद चुने गए हैं. जब मोदी मंत्रिमंडल का बंटवारा हुआ तो बिहार के खाते में सिर्फ आठ मंत्री ही आए. उसमें भी सबसे ज्यादा बीजेपी के झोली में 4 मंत्री गए. आइये आपको बताते हैं किस पार्टी के कितने सांसद जीते और कितने मंत्री बने.

बिहार से आठ मंत्री.
बिहार से आठ मंत्री. (ETV Bharat)

12 सांसदों वाली JDU को मिला 2 मंत्री : नीतीश कुमार की जेडीयू लोकसभा चुनाव 2024 में सीटों के लिहाज से एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी. जेडीयू ने लोकसभा चुनाव में 12 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू को सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री और 1 राज्‍य मंत्री का पद मिला. जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को कैबिनेट मंत्री और रामनाथ ठाकुर को राज्‍य मंत्री के रूप में जगह मिली. मतलब जेडीयू को मौजूदा लोकसभा सीटों पर सिर्फ 16.6% मंत्री पद मिले हैं. मीडिया में इस बात पर चर्चा थी कि जेडीयू ने कम से कम 2 कैबिनेट मंत्री पद की मांग की थी.

कौन-कौन बने मंत्री.
कौन-कौन बने मंत्री. (ETV Bharat)

JDU को मिली 2 सीट पर सियासत : जदयू को मोदी मंत्रिमंडल में दो सीट दिया गया है. जदयू कोटे से 2 मंत्री बनाये जाने पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. राजद ने केसी त्यागी के बहाने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. राजद के प्रवक्ता और पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने जदयू के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर कटाक्ष किया है. ऋषि मिश्रा ने कहा कि जदयू और उनके वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के अथक प्रयास एवं जुमलेबाजी के बाद मोदी मंत्रिमंडल में जदयू को दो सीट मिली है. अब मोदी सरकार में 2 मंत्री लेकर संतुष्ट हो गये.

''जदयू के लोगों को अब मंत्रिमंडल में सीट के बदले विशेष राज्य के दर्जे, विशेष पैकेज की मांग, अग्निवीर योजना को खत्म कराने, महंगाई कम करने पेट्रोल डीजल के दाम कम करवाने एवं पूरे देश में जाति आधारित गणना करवाने को लेकर संघर्ष करना चाहिए. ताकि बिहार का कुछ भला हो सके. जदयू के नेता जुमलेबाजी कर के अधिक सीट लेने का प्रेशर बना रहे थे, लेकिन अब जदयू नेता को बिहार के हित में काम करना चाहिए ना कि मंत्रिमंडल में और जगह को लेकर सोचना चाहिए.''- ऋषि मिश्रा, राजद प्रवक्ता

JDU ने किया पलटवार : मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू को दो सीट मिलने पर राजद के सवाल पर जेडीयू ने पलटवार किया है. जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि इंडिया गठबंधन की नींव नीतीश कुमार ने रखी थी. ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ बैठने के लिए तैयार नहीं थे. नीतीश कुमार ने बाद में एनडीए के साथ जाने का फैसला किया. नीतीश कुमार के फैसले पर बिहार के लोगों ने मुहर लगाई.

''देश के लोगों ने एनडीए के पक्ष में अपना समर्थन दिया. नीतीश कुमार को तरह-तरह के प्रलोभन दिए गए. नीतीश कुमार ने एनडीए सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया है. एनडीए सरकार के साथ नीतीश कुमार कंधा से कंधा मिलाकर चलेंगे. देश की मजबूती के लिए केंद्र सरकार काम करेगी.''- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

क्या कहना है विश्लेषक का? : वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है मंत्रिमंडल विस्तार पर जो राजनीति हो रही है उससे वह सहमत नहीं है. वर्ष 2019 में जदयू को 2024 के मुकाबले ज्यादा सीटें मिली थी, लेकिन उसे समय भी जदयू को दो ही मंत्री पद का ऑफर किया गया था. इसलिए यह कहना कि नीतीश कुमार किंग मेकर होते हुए भी इस बार ठगे गए हैं यह गलत है.

''मंत्रिमंडल को लेकर प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि किसको अपने मंत्रिमंडल में शामिल करवाना है. एनडीए के घटक दलों में सामंजस्य बैठाने के लिए सभी दलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है. एनडीए में मंत्रिपरिषद की बात है तो अभी इस सरकार में 10 और मंत्री बनाए जा सकते हैं. महाराष्ट्र में एनसीपी की तरफ से कोई मंत्री नहीं बना है. इस पर अभी समीक्षा होनी बांकी है, भविष्य में हो सकता है कि जदयू को एक या दो और मंत्री पद दिया जा सकता है.''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

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पटना : प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ग्रहण किया. NDA-3 की सरकार में कुल 72 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें बिहार के 8 सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली. सबसे चौंकाने वाला फैसला जेडीयू के लिए था. जहां एक ओर नीतीश कुमार को किंगमेकर कहा जाने लगा था, वहां पर उनकी पार्टी के सिर्फ 2 सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.

30 सीटों NDA का हुआ कब्जा : बिहार में 40 में से 30 सीटों पर एनडीए के सांसद चुने गए हैं. जब मोदी मंत्रिमंडल का बंटवारा हुआ तो बिहार के खाते में सिर्फ आठ मंत्री ही आए. उसमें भी सबसे ज्यादा बीजेपी के झोली में 4 मंत्री गए. आइये आपको बताते हैं किस पार्टी के कितने सांसद जीते और कितने मंत्री बने.

बिहार से आठ मंत्री.
बिहार से आठ मंत्री. (ETV Bharat)

12 सांसदों वाली JDU को मिला 2 मंत्री : नीतीश कुमार की जेडीयू लोकसभा चुनाव 2024 में सीटों के लिहाज से एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी. जेडीयू ने लोकसभा चुनाव में 12 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू को सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री और 1 राज्‍य मंत्री का पद मिला. जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को कैबिनेट मंत्री और रामनाथ ठाकुर को राज्‍य मंत्री के रूप में जगह मिली. मतलब जेडीयू को मौजूदा लोकसभा सीटों पर सिर्फ 16.6% मंत्री पद मिले हैं. मीडिया में इस बात पर चर्चा थी कि जेडीयू ने कम से कम 2 कैबिनेट मंत्री पद की मांग की थी.

कौन-कौन बने मंत्री.
कौन-कौन बने मंत्री. (ETV Bharat)

JDU को मिली 2 सीट पर सियासत : जदयू को मोदी मंत्रिमंडल में दो सीट दिया गया है. जदयू कोटे से 2 मंत्री बनाये जाने पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. राजद ने केसी त्यागी के बहाने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. राजद के प्रवक्ता और पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने जदयू के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर कटाक्ष किया है. ऋषि मिश्रा ने कहा कि जदयू और उनके वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के अथक प्रयास एवं जुमलेबाजी के बाद मोदी मंत्रिमंडल में जदयू को दो सीट मिली है. अब मोदी सरकार में 2 मंत्री लेकर संतुष्ट हो गये.

''जदयू के लोगों को अब मंत्रिमंडल में सीट के बदले विशेष राज्य के दर्जे, विशेष पैकेज की मांग, अग्निवीर योजना को खत्म कराने, महंगाई कम करने पेट्रोल डीजल के दाम कम करवाने एवं पूरे देश में जाति आधारित गणना करवाने को लेकर संघर्ष करना चाहिए. ताकि बिहार का कुछ भला हो सके. जदयू के नेता जुमलेबाजी कर के अधिक सीट लेने का प्रेशर बना रहे थे, लेकिन अब जदयू नेता को बिहार के हित में काम करना चाहिए ना कि मंत्रिमंडल में और जगह को लेकर सोचना चाहिए.''- ऋषि मिश्रा, राजद प्रवक्ता

JDU ने किया पलटवार : मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू को दो सीट मिलने पर राजद के सवाल पर जेडीयू ने पलटवार किया है. जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि इंडिया गठबंधन की नींव नीतीश कुमार ने रखी थी. ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ बैठने के लिए तैयार नहीं थे. नीतीश कुमार ने बाद में एनडीए के साथ जाने का फैसला किया. नीतीश कुमार के फैसले पर बिहार के लोगों ने मुहर लगाई.

''देश के लोगों ने एनडीए के पक्ष में अपना समर्थन दिया. नीतीश कुमार को तरह-तरह के प्रलोभन दिए गए. नीतीश कुमार ने एनडीए सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया है. एनडीए सरकार के साथ नीतीश कुमार कंधा से कंधा मिलाकर चलेंगे. देश की मजबूती के लिए केंद्र सरकार काम करेगी.''- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

क्या कहना है विश्लेषक का? : वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है मंत्रिमंडल विस्तार पर जो राजनीति हो रही है उससे वह सहमत नहीं है. वर्ष 2019 में जदयू को 2024 के मुकाबले ज्यादा सीटें मिली थी, लेकिन उसे समय भी जदयू को दो ही मंत्री पद का ऑफर किया गया था. इसलिए यह कहना कि नीतीश कुमार किंग मेकर होते हुए भी इस बार ठगे गए हैं यह गलत है.

''मंत्रिमंडल को लेकर प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि किसको अपने मंत्रिमंडल में शामिल करवाना है. एनडीए के घटक दलों में सामंजस्य बैठाने के लिए सभी दलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है. एनडीए में मंत्रिपरिषद की बात है तो अभी इस सरकार में 10 और मंत्री बनाए जा सकते हैं. महाराष्ट्र में एनसीपी की तरफ से कोई मंत्री नहीं बना है. इस पर अभी समीक्षा होनी बांकी है, भविष्य में हो सकता है कि जदयू को एक या दो और मंत्री पद दिया जा सकता है.''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

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