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हरियाणा CM के घर के बाहर पंजाब कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन, हाईकोर्ट में किसान आंदोलन पर सुनवाई, पूछा- बस से क्यों नहीं जाते किसान ?

Punjab Congress Protest : पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर को सील करने के विरोध में पंजाब कांग्रेस ने आज हरियाणा के सीएम के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया.इस दौरान पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. वहीं किसान आंदोलन को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने पूछा कि किसान बसों से दिल्ली क्यों नहीं जा रहे हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली से जाने की जिद पर ही क्यों अड़े हुए हैं.

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'सील' पर संग्राम
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 20, 2024, 8:18 PM IST

चंडीगढ़ : एक तरफ किसान अंबाला के शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच करने के लिए डटे हुए हैं और पुलिस-प्रशासन उनको रोकने के लिए मुस्तैद है. इस बीच चंडीगढ़ में भी बवाल हो रहा है. दरअसल पंजाब-हरियाणा की सीमाएं सील करने के विरोध में मंगलवार को पंजाब कांग्रेस ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया है. वहीं किसान आंदोलन को लेकर दाखिल दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र और किसानों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा मांगा है. अब एक हफ्ते के बाद पूरे मामले में सुनवाई की जाएगी.

सीएम के घर के बाहर संग्राम : किसान आंदोलन पार्ट-2 के चलते हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर को सील कर दिया गया है जिससे किसानों को दिल्ली जाने से हर हाल में रोका जा सके. अंबाला के शंभू बॉर्डर और जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर आने के बावजूद किसान एंट्री नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी खुलकर किसानों के समर्थन में खड़ी हो गई है. मंगलवार को पंजाब कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के घर के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता पंजाब-हरियाणा की सीमाओं को सील करने का विरोध कर रहे थे. पुलिस फोर्स उनको रोकने के लिए डटी हुई थी. ऐसे में हालात इस कदर बिगड़े कि कांग्रेसियों को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा. इसके बाद पुलिस ने रोड पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबर्दस्ती रोड से उठाया और हिरासत में ले लिया.

मनोहर लाल के आवास के बाहर पंजाब कांग्रेस का प्रदर्शन

"सरकार को वॉर्निंग देने आए थे": इस मौके पर पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे प्रगट सिंह ने कहा कि "हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने आए थे, हम यहां भारत के झंडे लेकर आए थे, ताकि हम हरियाणा सरकार को जगा सके, देश में तानाशाही का शासन नहीं चलेगा. जिन देशों में तानाशाही थी, उन देशों के हालात क्या है, वो सबको पता है. हम हरियाणा सरकार को वार्निंग देने आए हैं कि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने दिया जाए."

बस से क्यों नहीं जाते किसान ? : वहीं इस बीच किसान आंदोलन को लेकर दाखिल दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. लेकिन किसानों की ओर से आज भी कोई वकील हाईकोर्ट में पेश नहीं हुआ. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का सभी को अधिकार है, लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. जो भी प्रदर्शन किया जाए, वो नियमों के तहत होना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि किसान अगर दिल्ली जाना चाहते हैं तो वे बस से भी जा सकते हैं. ट्रैक्टर और ट्रॉली का काफिला लेकर ही क्यों जाना चाहते हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हाईवे पर प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ा जमावड़ा हो चुका है, इसे कम किया जाए. प्रदर्शनकारियों को छोटी-छोटी टुकड़ियों में इकट्ठा होने की इजाजत दी जाए. इसके अलावा कोर्ट ने रविवार को केंद्र के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा मांगा है. अब एक हफ्ते के बाद पूरे मामले पर सुनवाई की जाएगी.

किसान आंदोलन पर सुनवाई

ये भी पढ़ें : दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग, सरकार को बुधवार 11 बजे तक अल्टीमेटम

चंडीगढ़ : एक तरफ किसान अंबाला के शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच करने के लिए डटे हुए हैं और पुलिस-प्रशासन उनको रोकने के लिए मुस्तैद है. इस बीच चंडीगढ़ में भी बवाल हो रहा है. दरअसल पंजाब-हरियाणा की सीमाएं सील करने के विरोध में मंगलवार को पंजाब कांग्रेस ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया है. वहीं किसान आंदोलन को लेकर दाखिल दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र और किसानों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा मांगा है. अब एक हफ्ते के बाद पूरे मामले में सुनवाई की जाएगी.

सीएम के घर के बाहर संग्राम : किसान आंदोलन पार्ट-2 के चलते हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर को सील कर दिया गया है जिससे किसानों को दिल्ली जाने से हर हाल में रोका जा सके. अंबाला के शंभू बॉर्डर और जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर आने के बावजूद किसान एंट्री नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी खुलकर किसानों के समर्थन में खड़ी हो गई है. मंगलवार को पंजाब कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के घर के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता पंजाब-हरियाणा की सीमाओं को सील करने का विरोध कर रहे थे. पुलिस फोर्स उनको रोकने के लिए डटी हुई थी. ऐसे में हालात इस कदर बिगड़े कि कांग्रेसियों को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा. इसके बाद पुलिस ने रोड पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबर्दस्ती रोड से उठाया और हिरासत में ले लिया.

मनोहर लाल के आवास के बाहर पंजाब कांग्रेस का प्रदर्शन

"सरकार को वॉर्निंग देने आए थे": इस मौके पर पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे प्रगट सिंह ने कहा कि "हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने आए थे, हम यहां भारत के झंडे लेकर आए थे, ताकि हम हरियाणा सरकार को जगा सके, देश में तानाशाही का शासन नहीं चलेगा. जिन देशों में तानाशाही थी, उन देशों के हालात क्या है, वो सबको पता है. हम हरियाणा सरकार को वार्निंग देने आए हैं कि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने दिया जाए."

बस से क्यों नहीं जाते किसान ? : वहीं इस बीच किसान आंदोलन को लेकर दाखिल दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. लेकिन किसानों की ओर से आज भी कोई वकील हाईकोर्ट में पेश नहीं हुआ. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का सभी को अधिकार है, लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. जो भी प्रदर्शन किया जाए, वो नियमों के तहत होना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि किसान अगर दिल्ली जाना चाहते हैं तो वे बस से भी जा सकते हैं. ट्रैक्टर और ट्रॉली का काफिला लेकर ही क्यों जाना चाहते हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हाईवे पर प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ा जमावड़ा हो चुका है, इसे कम किया जाए. प्रदर्शनकारियों को छोटी-छोटी टुकड़ियों में इकट्ठा होने की इजाजत दी जाए. इसके अलावा कोर्ट ने रविवार को केंद्र के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा मांगा है. अब एक हफ्ते के बाद पूरे मामले पर सुनवाई की जाएगी.

किसान आंदोलन पर सुनवाई

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