नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हमलों में तीव्र वृद्धि देखने को मिली है, जो एक चिंता का विषय बनता जा रहा है. विशेष रूप से इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) मंदिरों को मुख्य लक्ष्य बनाया जा रहा है, जहां हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. इन हमलों में इस्कॉन के प्रमुख संत को गिरफ्तार करने की घटनाएं भी शामिल हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है.
इस्कॉन ने उठाई आवाज़: इन घटनाओं के विरोध में, दिल्ली के ईस्ट आफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में रविवार को एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में भक्तों ने एक साथ मिलकर भगवान के नाम का जाप किया और प्रार्थना की कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा को रोका जाए. इस्कॉन द्वारा बताया गया कि न केवल दिल्ली, बल्कि विश्व भर के 1000 इस्कॉन मंदिरों में समान प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश में हो रहे सनातन विरोधी कार्यों पर ध्यान आकर्षित करना है.
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प्रार्थना सभा की महत्वपूर्ण बातें: कार्यक्रम में, इस्कॉन इंडिया के उपाध्यक्ष बृजनंदन दास ने बताया, "भगवान की प्रार्थना से हमें शक्ति मिलती है. हम सभी के लिए यह समय संकट का है, और हमारी प्रार्थना है कि बांग्लादेश में जो हमले हो रहे हैं, उन पर तत्काल रोक लगनी चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि इस जघन्य अपराध के खिलाफ भारत सरकार को सक्रिय होना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.
बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति: बांग्लादेश में हाल के दिनों में राजनीतिक अस्थिरता ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है. तख्ता पलट के बाद जब एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया, तब से हिंदू समुदाय और मंदिरों के खिलाफ हमलों की संख्याएं बढ़ गई हैं. ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि भारत की सरकार इस मुश्किल घड़ी में बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के प्रति एक मजबूत संदेश भेजे.
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