देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी के इतिहास में एक और गौरवमयी पल जुड़ गया. अकादमी से आज शनिवार को 394 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए. इनमें से 355 कैडेट्स भारतीय सेना में बतौर अफसर शामिल हो गए. उधर 39 मित्र देशों के कैडेट्स भी इंडियन मिलिट्री अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद पास आउट हुए हैं. भारतीय सैन्य अकादमी में परेड की सलामी लेने के लिए उत्तरी कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार पहुंचे. उन्होंने युवाओं अफसरों को हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने का संदेश दिया.
भारतीय सैन्य अकादमी में प्रथम कदम के साथ ही शनिवार को 355 नौजवान युवा कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. दरअसल अकादमी से 394 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए हैं. इसमें 39 विदेशी कैडेट भी शामिल हैं. इस मौके पर भारतीय सैन्य अकादमी में इस गौरवमई पल के गवाह तमाम सैन्य अफसरों के साथ ही जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन भी बने. अकादमी के ऐतिहासिक चैटवुड भवन के ठीक सामने परंपरागत रूप से पासिंग आउट परेड आयोजित की गई. इस दौरान जेंटलमैन कैडेट्स ने शानदार परेड करते हुए सभी का दिल जीत लिया. इस बार रिव्यूइंग अफसर के रूप में उत्तरी कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार पहुंचे थे जिन्होंने परेड की सलामी ली.
चेटवुड ड्रिल स्क्वायर से कैडेट आगे बढ़कर कदमताल करते हुए विजय धुन पर परेड मार्च करते नजर आए. इसके बाद रिव्यूइंग अफसर ने परेड का निरीक्षण किया. इस दौरान सेना के हेलीकॉप्टरों ने सेना में इन जांबाज अफसरों का स्वागत करते हुए आसमान से पुष्प वर्षा की. वहीं इस ऐतिहासिक और गौरवमई पल के साक्षी बनने यहां पहुंचे सैन्य अफ़सर और कैडेट्स के परिजन देखते रहे. भारतीय सैन्य अकादमी में 154 नियमित और 137वें तकनीकी ग्रेजुएट कोर्स को पास आउट करने वाले ये कैडेट सेना में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुए हैं.
भारतीय सैन्य अकादमी का एक लंबा इतिहास है. 1932 में अस्तित्व में आई अकादमी ने अब तक हजारों सैन्य अफ़सर देश को दिए हैं. यहां 92 सालों के दौरान अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता को 40 से 1650 जेंटलमैन कैडेट्स तक बढ़ाई है. अकादमी से अब तक 65,628 जैंटलमैन कैडेट पास आउट हुए हैं. इसमें मित्र देशों के 2953 कैडेट्स भी शामिल हैं.
भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के दौरान पीपिंग सेरेमनी भी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है. परेड के बाद होने वाली इस सेरेमनी में कैडेट्स के परिजन कैडेट के कंधों पर बैच पहनाते हैं. इसके बाद खुलकर यह जेंटलमैन कैडेट्स अपनी खुशी का इजहार भी करते हैं. अकादमी में इस बार स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर प्रवीण सिंह को मिला है. सेना में अफसर बनने के साथ भारतीय सैन्य अकादमी में बेहतर प्रशिक्षण के साथ स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर लेने वाले प्रवीण सिंह कहते हैं कि अकादमी में अनुशासन और कठिन प्रशिक्षण के साथ कैडेट को तैयार किया जाता है. नितिन सिंह कहते हैं कि जो प्रशिक्षण उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में लिया है, इसकी बदौलत वह अब देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं.
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