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क्या है पीएम विश्वकर्मा योजना और किसको मिलता है लाभ? जानें सबकुछ - PM VISHWAKARMA YOJANA

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना है.

पीएम विश्वकर्मा योजना
पीएम विश्वकर्मा योजना (X@minmsme)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 30, 2024, 12:30 PM IST

Updated : Dec 30, 2024, 1:12 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार लोगों के लिए कई लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के जरिए सरकार एक बड़े वर्ग को लाभ देने की कोशिश कर रही है.इन योजनाओं में 'पीएम विश्वकर्मा योजना' भी शामिल है. इस यौजना को सरकार ने 2023 में शुरू किया था. मौजूदा समय में इस योजना से बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं और लाभ ले रहे हैं.

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना है. इस योजना में 18 व्यवसायों में लगे कारीगर और शिल्पकार शामिल हैं, जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लौहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार , पत्थर तोड़ने वाला, मोची , राजमिस्त्री, धोबी और दर्जी आदि.

पीएम विश्वकर्मा योजना के फायदे
पीएम विश्वकर्मा योजना के पात्र लोगों को स्कीम से जुड़ने पर सस्ती ब्याज दर पर लोन मिलता है. साथ ही उसके लाभार्थी को लोन के लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं होती. स्कीम के तहत लाभार्थी को 18 महीने और 30 महीने की अवधि के साथ 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये की दो किस्तों में 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है.

ट्रेनिंग के दौरान रोजाना मिलते हैं 500 रुपये
जो लोग इस योजना से जुड़ते हैं, उन्हें कुछ दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है और जब तक ट्रेनिंग चलती है उन्हें रोजाना 500 रुपये दिए जाते हैं. इसके अलावा लाभार्थियों को टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए जाते हैं.

जो लाभार्थी बुनियादी प्रशिक्षण पूरा कर लेते हैं, वे 1 लाख रुपये तक की ऋण सहायता की पहली किस्त का लाभ उठाने के पात्र हो जाते हैं. दूसरी ऋण किस्त उन लाभार्थियों मिलती है, जिन्होंने पहली किस्त का लाभ उठाया है और एक स्टैंडर्ड लोन अकाउंट बनाए रखा है और अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या एडवांस ट्रेनिंग प्राप्त किया है.

मार्केट सपोर्ट
कारीगरों और शिल्पकारों को क्वालिटी सार्टिफिकेशन, ब्रांडिंग, GeM जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर शामिल करना, विज्ञापन, प्रचार और अन्य मार्केट एक्टिविटीज के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वैल्यू चैन से जुड़ाव में सुधार हो सके.

उपर्युक्त लाभों के अतिरिक्त, यह योजना लाभार्थियों को उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म पर औपचारिक MSME इको सिस्टम में 'उद्यमी' के रूप में शामिल करेगी. लाभार्थियों का नामांकन पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आधार-आधारित बायोमेट्रिक सार्टिफिकेशन के साथ कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किया जाएगा.

लाभार्थियों के नामांकन के बाद थ्री- स्टेप वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर वेरिफिकेशन, जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा जांच और सिफारिश और स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन शामिल होगा .

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी की 'आयुष्मान भारत' को टक्कर देने के लिए केजरीवाल लाए 'संजीवनी', जानें दोनों में क्या है अंतर?

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार लोगों के लिए कई लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के जरिए सरकार एक बड़े वर्ग को लाभ देने की कोशिश कर रही है.इन योजनाओं में 'पीएम विश्वकर्मा योजना' भी शामिल है. इस यौजना को सरकार ने 2023 में शुरू किया था. मौजूदा समय में इस योजना से बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं और लाभ ले रहे हैं.

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना है. इस योजना में 18 व्यवसायों में लगे कारीगर और शिल्पकार शामिल हैं, जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लौहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार , पत्थर तोड़ने वाला, मोची , राजमिस्त्री, धोबी और दर्जी आदि.

पीएम विश्वकर्मा योजना के फायदे
पीएम विश्वकर्मा योजना के पात्र लोगों को स्कीम से जुड़ने पर सस्ती ब्याज दर पर लोन मिलता है. साथ ही उसके लाभार्थी को लोन के लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं होती. स्कीम के तहत लाभार्थी को 18 महीने और 30 महीने की अवधि के साथ 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये की दो किस्तों में 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है.

ट्रेनिंग के दौरान रोजाना मिलते हैं 500 रुपये
जो लोग इस योजना से जुड़ते हैं, उन्हें कुछ दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है और जब तक ट्रेनिंग चलती है उन्हें रोजाना 500 रुपये दिए जाते हैं. इसके अलावा लाभार्थियों को टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए जाते हैं.

जो लाभार्थी बुनियादी प्रशिक्षण पूरा कर लेते हैं, वे 1 लाख रुपये तक की ऋण सहायता की पहली किस्त का लाभ उठाने के पात्र हो जाते हैं. दूसरी ऋण किस्त उन लाभार्थियों मिलती है, जिन्होंने पहली किस्त का लाभ उठाया है और एक स्टैंडर्ड लोन अकाउंट बनाए रखा है और अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या एडवांस ट्रेनिंग प्राप्त किया है.

मार्केट सपोर्ट
कारीगरों और शिल्पकारों को क्वालिटी सार्टिफिकेशन, ब्रांडिंग, GeM जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर शामिल करना, विज्ञापन, प्रचार और अन्य मार्केट एक्टिविटीज के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वैल्यू चैन से जुड़ाव में सुधार हो सके.

उपर्युक्त लाभों के अतिरिक्त, यह योजना लाभार्थियों को उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म पर औपचारिक MSME इको सिस्टम में 'उद्यमी' के रूप में शामिल करेगी. लाभार्थियों का नामांकन पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आधार-आधारित बायोमेट्रिक सार्टिफिकेशन के साथ कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किया जाएगा.

लाभार्थियों के नामांकन के बाद थ्री- स्टेप वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर वेरिफिकेशन, जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा जांच और सिफारिश और स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन शामिल होगा .

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी की 'आयुष्मान भारत' को टक्कर देने के लिए केजरीवाल लाए 'संजीवनी', जानें दोनों में क्या है अंतर?

Last Updated : Dec 30, 2024, 1:12 PM IST
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