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शिव मंदिर विवाद के बीच पीएम मोदी का बड़ा कदम, अजमेर शरीफ की दरगाह पर भेजेंगे चादर - PM NARENDRA MODI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ दरगाह पर अपनी सालाना परंपरा को जारी रखते हुए औपचारिक चादर भेजने वाले हैं.

PM Narendra Modi to send chadar
अजमेर शरीफ की दरगाह पर भेजेंगे चादर (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2025, 11:16 AM IST

नई दिल्ली: शिव मंदिर विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अजमेर शरीफ दरगाह पर अपनी सालाना परंपरा को जारी रखते हुए औपचारिक चादर भेजने वाले हैं. यह चादर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को शाम 6 बजे सौंपी जाएगी, जो ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान दरगाह पर चादर चढ़ाएंगे.

प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी 10 बार अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ा चुके हैं. इस साल वे इस परंपरा में 11वीं बार शामिल होंगे. पिछले साल 812वें उर्स के दौरान उनकी ओर से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी के साथ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल ने चादर पेश की थी.

हिंदू सेना का शिव मंदिर होने का दावा
पीएम मोदी ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब राजस्थान की एक अदालत ने हिंदू सेना ने याचिका दायर कर यह दावा किया है कि राजस्थान में स्थित अजमेर शरीफ दरगाह वास्तव में भगवान शिव का मंदिर है. कोर्ट ने इस याचिका को स्वाकार भी कर लिया है.

गौरतलब है कि अजमेर शरीफ दरगाह पिछले साल विवाद का विषय बन गई थी, जब 27 नवंबर को अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने एक सिविल मुकदमे में तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के भीतर एक शिव मंदिर मौजूद है.

24 जनवरी को होगी सुनवाई
20 दिसंबर को अजमेर शरीफ दरगाह समिति ने अजमेर में मुंसिफ कोर्ट में 5-पेज का आवेदन दायर किया, जिसमें अजमेर दरगाह के नीचे एक मंदिर के अस्तित्व का आरोप लगाने वाली याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया. मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को होनी है.

प्रतिष्ठित सूफी तीर्थस्थल
बता दें कि उर्स उत्सव के दौरान चादर चढ़ाना वर्शिप का शक्तिशाली रूप माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इससे आशीर्वाद मिलता है और मन्नतें पूरी होती हैं. भारत में सबसे प्रतिष्ठित सूफी तीर्थस्थलों में से एक अजमेर शरीफ दरगाह, उर्स उत्सव के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालुओं की मेजबानी करती है. यह आयोजन ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की पुण्यतिथि के अवसर पर किया जाता है.

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ और इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. पूरे भारत और विदेशों से श्रद्धालु श्रद्धांजलि देने और आशीर्वाद लेने के लिए एकत्रित हो रहे हैं.

वेब पोर्टल और गरीब नवाज ऐप श्रद्धालुओं के लिए जारी करेंगे केंद्रीय मंत्री रिजिजू

पीएम नरेंद्र मोदी की चादर लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को सुबह विमान से जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. वहां से वह सड़क मार्ग से अजमेर पहुंचेंगे. 4 जनवरी को सुबह 11 बजे वह अजमेर दरगाह पहुंच कर पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर पेश करेंगे. इसके बाद दरगाह के वेब पोर्टल पर श्रद्धालुओं को ख्वाजा गरीब नवाज के जीवन परिचय के साथ-साथ उनकी शिक्षाओं के विस्तृत जानकारी मिल सके इसके लिए दरगाह कमेटी की ओर से बनाए गए वह पोर्टल और गरीब नवाज एप को भी केंद्रीय मंत्री रिजिजू श्रद्धालुओं के लिए जारी करेंगे. इसके अलावा उर्स आयोजन के लिए ऑपरेशन मैन्युअल भी जारी किया जाएगा, इसमें उर्स की परंपराओं और इतिहास का विवरण होगा.

इस संबंध में दरगाह कमेटी में असिस्टेंट नाजिम आदिल ने बताया कि दरगाह के वे पोर्टल पर श्रद्धालुओं को जीवन परिचय और उनकी शिक्षाओं के अलावा दरगाह कमेटी की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की भी जानकारी मिलेगी. इसके अलावा वह पोर्टल के माध्यम से श्रद्धालु दरगाह में लाइव दर्शन भी कर पाएंगे.

यह भी पढ़ें- अमित शाह का ऑर्गेनिक मिशन पर जोर, पैक्स को दिए कड़े निर्देश

नई दिल्ली: शिव मंदिर विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अजमेर शरीफ दरगाह पर अपनी सालाना परंपरा को जारी रखते हुए औपचारिक चादर भेजने वाले हैं. यह चादर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को शाम 6 बजे सौंपी जाएगी, जो ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान दरगाह पर चादर चढ़ाएंगे.

प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी 10 बार अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ा चुके हैं. इस साल वे इस परंपरा में 11वीं बार शामिल होंगे. पिछले साल 812वें उर्स के दौरान उनकी ओर से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी के साथ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल ने चादर पेश की थी.

हिंदू सेना का शिव मंदिर होने का दावा
पीएम मोदी ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब राजस्थान की एक अदालत ने हिंदू सेना ने याचिका दायर कर यह दावा किया है कि राजस्थान में स्थित अजमेर शरीफ दरगाह वास्तव में भगवान शिव का मंदिर है. कोर्ट ने इस याचिका को स्वाकार भी कर लिया है.

गौरतलब है कि अजमेर शरीफ दरगाह पिछले साल विवाद का विषय बन गई थी, जब 27 नवंबर को अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने एक सिविल मुकदमे में तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के भीतर एक शिव मंदिर मौजूद है.

24 जनवरी को होगी सुनवाई
20 दिसंबर को अजमेर शरीफ दरगाह समिति ने अजमेर में मुंसिफ कोर्ट में 5-पेज का आवेदन दायर किया, जिसमें अजमेर दरगाह के नीचे एक मंदिर के अस्तित्व का आरोप लगाने वाली याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया. मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को होनी है.

प्रतिष्ठित सूफी तीर्थस्थल
बता दें कि उर्स उत्सव के दौरान चादर चढ़ाना वर्शिप का शक्तिशाली रूप माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इससे आशीर्वाद मिलता है और मन्नतें पूरी होती हैं. भारत में सबसे प्रतिष्ठित सूफी तीर्थस्थलों में से एक अजमेर शरीफ दरगाह, उर्स उत्सव के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालुओं की मेजबानी करती है. यह आयोजन ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की पुण्यतिथि के अवसर पर किया जाता है.

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ और इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. पूरे भारत और विदेशों से श्रद्धालु श्रद्धांजलि देने और आशीर्वाद लेने के लिए एकत्रित हो रहे हैं.

वेब पोर्टल और गरीब नवाज ऐप श्रद्धालुओं के लिए जारी करेंगे केंद्रीय मंत्री रिजिजू

पीएम नरेंद्र मोदी की चादर लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को सुबह विमान से जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. वहां से वह सड़क मार्ग से अजमेर पहुंचेंगे. 4 जनवरी को सुबह 11 बजे वह अजमेर दरगाह पहुंच कर पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर पेश करेंगे. इसके बाद दरगाह के वेब पोर्टल पर श्रद्धालुओं को ख्वाजा गरीब नवाज के जीवन परिचय के साथ-साथ उनकी शिक्षाओं के विस्तृत जानकारी मिल सके इसके लिए दरगाह कमेटी की ओर से बनाए गए वह पोर्टल और गरीब नवाज एप को भी केंद्रीय मंत्री रिजिजू श्रद्धालुओं के लिए जारी करेंगे. इसके अलावा उर्स आयोजन के लिए ऑपरेशन मैन्युअल भी जारी किया जाएगा, इसमें उर्स की परंपराओं और इतिहास का विवरण होगा.

इस संबंध में दरगाह कमेटी में असिस्टेंट नाजिम आदिल ने बताया कि दरगाह के वे पोर्टल पर श्रद्धालुओं को जीवन परिचय और उनकी शिक्षाओं के अलावा दरगाह कमेटी की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की भी जानकारी मिलेगी. इसके अलावा वह पोर्टल के माध्यम से श्रद्धालु दरगाह में लाइव दर्शन भी कर पाएंगे.

यह भी पढ़ें- अमित शाह का ऑर्गेनिक मिशन पर जोर, पैक्स को दिए कड़े निर्देश

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