जम्मू: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन तीन लोगों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे, जो 23 दिसंबर को पुंछ जिले के सुरनकोट के बाफलियाज में 48 राष्ट्रीय राइफल्स के शिविर के अंदर कथित तौर पर सेना की हिरासत में मारे गए थे. 22 दिसंबर को कथित हिरासत में टोपा पीर गांव के कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हुए थे. इसके एक दिन बाद आतंकवादियों ने धत्यार मोड़ पर सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार सैनिक मारे गए और तीन घायल हो गए.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मृतकों की पहचान 44 वर्षीय सफीर अहमद, 22 वर्षीय शौकत अली और 32 वर्षीय शब्बीर अहमद के रूप में हुई. राजभवन जम्मू के आदेश के अनुसार सफीर अहमद की पत्नी जरीना बेगम, शब्बीर अहमद के भाई मोहम्मद कबीर, शौकत अली के भाई मोहम्मद रज़ाक को सदर-ए-रियासत आयुध के तहत नियुक्ति पत्र सौंपे गए.
इसके अतिरिक्त आवासीय उद्देश्य के लिए पीड़ित परिवारों को भूमि आवंटन आदेश के पत्र भी सौंपे गए. सिन्हा ने परिजनों को भविष्य में प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया. इस दौरान पुंछ के डिप्टी मजिस्ट्रेट चौधरी मोहम्मद यासीन भी मौजूद रहे. बता दें, 27 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजौरी अस्पताल में पंगाई के पांच घायलों से मुलाकात की थी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सुरनकोट अस्पताल में सवानी गांव के घायलों से मुलाकात की थी. 16 जनवरी को पुलिस ने टोपा पीर गांव के मृतकों और घायल नागरिकों के परिवार के सात सदस्यों का बयान दर्ज किया था. 22 दिसंबर को पुलिस ने सुरनकोट पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत सेना के 'अज्ञात' आरोपियों के खिलाफ एक खुली प्राथमिकी दर्ज की थी.