मुंबई: महाराष्ट्र के पुणे से मंगलवार को वाशिम ट्रांसफर की गई आईएएस ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर की वॉट्सऐप चैट से कई नई जानकारियां सामने आई हैं. उन्हें कथित तौर पर पावर के दुरुपयोग के आरोप में ट्रांसफर किया गया था. पूजा खेडकर की वॉट्सऐप चैट से पता चला है कि 2023 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालने से पहले एक अलग केबिन, घर, कार और स्टाफ की मांग की थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूजा खेडकर ने पुणे के जिला कलेक्टर आईएएस सुहास दिवासे से वॉट्सऐप पर ये डिमांड की थीं. बता दें कि पूजा खेडकर हाल ही में लाल बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करने के कारण विवादों में घिर गई थीं.
जिला कलेक्टर से विशेष सुविधा की मांग
चैट से पता चला कि पूजा खेडकर ने कई बार जिला कलेक्टर से विशेष सुविधा की मांग की थी. 3 जून, 2024 को जॉइनिंग से पहले पूजा कलेक्टर से एक केबिन और वाहन मांगा. इस पर उन्हें बताया गया कि ट्रेनी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें इस तरह की सुविधाएं नहीं मिल सकती. हालांकि, उन्हें आवास प्रदान किया जाएगा.
इसके बाद जिला कलेक्टर ने पूजा की इन डिमांड्स को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के सामने रखा. फिलहाल खेडकर को 30 जुलाई, 2025 तक वाशिम में अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में काम करने का आदेश दिया गया है. उन पर अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे की ऑफिस नेमप्लेट हटाने का भी आरोप लगा है.
फर्जी सर्टिफिकेट किया जमा
इतना ही नहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि खेडकर ने कथित तौर पर एक फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है. उन्होंने मानसिक बीमारी का सर्टिफिकेट भी जमा किया है. पीटीआई ने बताया कि उन्हें अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के वेरिफिकेशन के लिए अप्रैल 2022 में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन वह कोविड संक्रमण का हवाला देकर वेरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंची.