देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव 2024 की जल्द रणभेरी बजने वाली है. वहीं बीजेपी ने प्रत्याशी के नाम तक का ऐलान कर दिया है और इस मामले में कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है. वहीं प्रदेश में जब-जब चुनाव आते हैं आधी आबादी उपेक्षित दिखाई देती है. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भले ही वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी आधी हो, लेकिन प्रतिनिधित्व में उनका हिस्सा नाम मात्र का ही है. उत्तराखंड के लिहाज से देखें तो लोकसभा में प्रतिनिधित्व के रूप में महिलाओं की हिस्सेदारी बेहद कम रही है. उधर जिन महिलाओं को टिकट भी दिए गए वह खास परिवार से होने के चलते ही टिकट हासिल कर पाई.
चुनाव में महिलाओं की भागीदारी निर्णायक: लोकसभा चुनाव नजदीक है और इसके साथ ही एक बार फिर चुनाव से पहले शुरू होने वाली बहस तेज होती दिखाई दे रही है. यह चर्चा महिलाओं की भागीदारी को लेकर है. भले ही वोटर्स के रूप में महिलाएं आधी आबादी बन गई हो, लेकिन संसद में प्रतिनिधित्व के रूप में उन्हें आधा हिस्सा नहीं मिल पा रहा है. उत्तराखंड के लिहाज से देखें तो यहां पर महिलाओं की लोकसभा में स्थिति हमेशा से ही नाम मात्र दिखाई दी है. यह स्थिति तब है जब लोकसभा चुनाव में मतदाता के रूप में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं और इन्हीं के वोट निर्णायक भूमिका भी अदा करते रहे हैं.
आधी आबादी को ज्यादा नहीं मिल पाया प्रतिनिधित्व: इस तरह उत्तराखंड में महिलाओं की स्थिति को देखें तो लोकसभा में टिकट के रूप में इन्हें ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. उधर आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर टिहरी लोकसभा सीट से माला राज्य लक्ष्मी को ही टिकट दे दिया है. इसको लेकर पार्टी के नेता कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा महिलाओं को सम्मान और उन्हें उचित जगह दिलाने के लिए काम करती रही है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहे हैं. पार्टी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान कहते हैं कि आधी आबादी को आधा प्रतिनिधित्व पंचायत में यदि किसी ने देने का काम किया है तो वह भाजपा ही है.
कांग्रेस की प्राथमिकता जिताऊ प्रत्याशी: इस मामले में कांग्रेस के विचार फिलहाल कुछ और ही कहते नजर आ रहे हैं. हालांकि कांग्रेस ने अब तक अपने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड की किसी भी सीट को लेकर नाम तय नहीं किए हैं. लेकिन आने वाले दिनों में पांच सीटों पर कहीं भी किसी महिला को टिकट मिल पाएगा, इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इस मामले पर कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में यदि कोई महिला जिताऊ प्रत्याशी के रूप में सामने आएगी तो ही उसे टिकट दिया जाएगा. कांग्रेस की प्राथमिकता फिलहाल लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने वाला प्रत्याशी ही है.
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