नई दिल्ली: 29 नवंबर से 1 दिसंबर, 2024 तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण घटकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, नए आपराधिक कानून, नारकोटिक्स आदि शामिल हैं. सम्मेलन के दौरान विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किया जाएगा.
यह सम्मेलन देश के वरिष्ठ पुलिस पेशेवरों और सुरक्षा प्रशासकों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विविध मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से चर्चा और अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए एक संवादात्मक मंच प्रदान करेगा, साथ ही भारत में पुलिस के सामने आने वाली विभिन्न परिचालन, अवसंरचना और कल्याण संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा होगी. विचार-विमर्श में आंतरिक सुरक्षा खतरों के अलावा अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था प्रबंधन से संबंधित चुनौतियों से निपटने में पेशेवर कार्यप्रणालियों और प्रक्रिया निर्माण और साझाकरण भी शामिल होगा.
प्रधानमंत्री सदैव डीजीपी सम्मेलन में शामिल होने के इच्छुक रहे हैं. प्रधानमंत्री न केवल सभी के योगदानों को ध्यान से सुनते हैं, बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं के वातावरण के पक्ष में रहते हैं, जिससे नए विचारों का उदय होता है. इस वर्ष, सम्मेलन में कुछ विशिष्ट विशेषताएं भी शामिल की गई हैं. योग सत्र, व्यावसायिक सत्र, ब्रेक-आउट सत्र और विषयगत व्यंजन तालिकाओं से प्रारंभ होकर पूरे दिन का सकारात्मक रूप से उपयोग किया जाएगा.
इससे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण पुलिस और आंतरिक सुरक्षा मामलों पर अपने दृष्टिकोण और सुझाव प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने का एक मूल्यवान अवसर प्राप्त होगा. प्रधानमंत्री ने 2014 से पूरे देश में वार्षिक डीजीएसपी/आईजीएसपी सम्मेलन के आयोजन की प्रेरणा दी है.
यह सम्मेलन गुवाहाटी (असम), कच्छ के रण (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना), टेकनपुर (ग्वालियर, मध्य प्रदेश), स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (केवड़िया, गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), नई दिल्ली और जयपुर (राजस्थान) में आयोजित किया जा चुका है. इस परंपरा को जारी रखते हुए, 59वें डीजीएसपी/आईजीएसपी सम्मेलन 2024 का आयोजन इस बार भुवनेश्वर (ओडिशा) में किया जा रहा है. सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख शामिल होंगे.
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