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'हम पूरी ताकत से सेक्युलर सिविल कोड पर काम कर रहे हैं', UCC पर पीएम मोदी का बड़ा बयान - PM MODI ON UCC

लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता को सेक्युलर सिविल कोड कहा.

We are working with full force on a secular civil code', PM Modi's big statement on UCC
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली : लोकसभा में 'भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (UCC) का भी मुद्दा उठाया और इस पर आगे बढ़ने को लेकर इशारों में अपनी सरकार की मंशा भी जाहिर कर दी. पीएम मोदी ने यूसीसी को सेक्युलर सिविल कोड कहा.

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का विषय संविधान सभा के ध्यान के बाहर नहीं था. संविधान सभा ने यूसीसी को लेकर गहन चर्चा की और उन्होंने बहस के बाद निर्णय किया कि अच्छा होगा कि जो भी सरकार चुनकर आए वह उसका निर्णय करे और देश में यूसीसी लागू करे...यह उनका (संविधान सभा का) आदेश था. पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने पर्सनल कानून को खत्म करने की जोरदार वकालत की थी.

उन्होंने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा है कि देश में यूसीसी जल्द से जल्द लाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को आदेश दिए हैं और उसी संविधान और संविधान निर्माताओं की भावना को ध्यान में रखते हुए, हम पूरी ताकत से सेक्युलर सिविल कोड के लिए काम कर रहे हैं."

सरदार पटेल के समर्थन में थीं कांग्रेस कमेटियां
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सरदार वल्लभभाई पटेल का भी जिक्र किया. मोदी ने कहा कि कांग्रेस की 12 प्रदेश कमिटियों ने प्रधानमंत्री के रूप में सरदार पटेल के नाम पर सहमति जताई थी. पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ एक भी कमेटी नहीं थी. कांग्रेस के संविधान के तहत सरदार पटेल प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन लोकतंत्र का अपमान किया गया. पीएम मोदी ने कहा, "जो अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते हैं वो देश के संविधान को कैसे अपना सकते हैं?"

उन्होंने कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ करना और उसकी भावना को कमजोर करना कांग्रेस की रगों में रहा है, जबकि हमारे लिए संविधान की पवित्रता और शुचिता सर्वोपरि है.

यह भी पढ़ें- '55 साल में क्या-क्या हुआ...' पीएम मोदी ने बताई गांधी परिवार पर निशाना साधने की वजह

नई दिल्ली : लोकसभा में 'भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (UCC) का भी मुद्दा उठाया और इस पर आगे बढ़ने को लेकर इशारों में अपनी सरकार की मंशा भी जाहिर कर दी. पीएम मोदी ने यूसीसी को सेक्युलर सिविल कोड कहा.

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का विषय संविधान सभा के ध्यान के बाहर नहीं था. संविधान सभा ने यूसीसी को लेकर गहन चर्चा की और उन्होंने बहस के बाद निर्णय किया कि अच्छा होगा कि जो भी सरकार चुनकर आए वह उसका निर्णय करे और देश में यूसीसी लागू करे...यह उनका (संविधान सभा का) आदेश था. पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने पर्सनल कानून को खत्म करने की जोरदार वकालत की थी.

उन्होंने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा है कि देश में यूसीसी जल्द से जल्द लाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को आदेश दिए हैं और उसी संविधान और संविधान निर्माताओं की भावना को ध्यान में रखते हुए, हम पूरी ताकत से सेक्युलर सिविल कोड के लिए काम कर रहे हैं."

सरदार पटेल के समर्थन में थीं कांग्रेस कमेटियां
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सरदार वल्लभभाई पटेल का भी जिक्र किया. मोदी ने कहा कि कांग्रेस की 12 प्रदेश कमिटियों ने प्रधानमंत्री के रूप में सरदार पटेल के नाम पर सहमति जताई थी. पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ एक भी कमेटी नहीं थी. कांग्रेस के संविधान के तहत सरदार पटेल प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन लोकतंत्र का अपमान किया गया. पीएम मोदी ने कहा, "जो अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते हैं वो देश के संविधान को कैसे अपना सकते हैं?"

उन्होंने कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ करना और उसकी भावना को कमजोर करना कांग्रेस की रगों में रहा है, जबकि हमारे लिए संविधान की पवित्रता और शुचिता सर्वोपरि है.

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