सागर। भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने के लिए भगवान श्रीराम और संत रविदास के सहारे आगे बढ़ रही है. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के जरिए चुनावी माहौल बनाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है तो सागर में 100 करोड़ की लागत से बना रहे संत रविदास मंदिर के जरिए दलितों को रिझाने की कोशिश की जा रही है. मौजूदा चुनाव में बीजेपी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और कांग्रेस द्वारा आयोजन का निमंत्रण ठुकराने का मुद्दा गरमाने में कसर नहीं छोड़ रही है. अनुसूचित जाति के वोटर्स को रिझाने के लिए 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सागर के बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास मंदिर बनाने का ऐलान किया था जिसका भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2023 में किया था. फिलहाल मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और मंदिर के पास ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को विशाल आमसभा को संबोधित करेंगे.
बुंदेलखंड से मोदी देंगे संदेश
जहां तक पीएम नरेंद्र मोदी के बुंदेलखंड दौरे की बात करें तो हाल ही में 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड के दमोह जिले के दौरे पर थे. जहां उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित किया था, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 दिन बाद सागर के बड़तूमा आ रहे हैं. वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा जहां आयोजित हो रही है वहां से कुछ दूरी पर संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का निर्माण कार्य चल रहा है. मध्य प्रदेश सरकार इस पर 100 करोड़ खर्च कर रही है. संत रविदास मंदिर और संग्रहालय 11.25 एकड़ में बनाया जा रहा है. यहां पर संत रविदास के जीवन से जुड़ी घटनाएं और संस्मरण के अलावा उनके दर्शन और शिक्षाओं को कला संग्रहालय और कला दीर्घा में स्थापित की जाएगा.
दलित वोट बैंक को रिझाने की कोशिश
मध्यप्रदेश के 15 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटरों को रिझाने के लिए भाजपा ने संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का दांव खेला है. बुंदेलखंड में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की आबादी 26 फीसदी है और यहां के कुल वोटरों में 20 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. जहां तक संत रविदास की बात करें तो मध्यप्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और कई राज्यों में संत रविदास के अनुयायी हैं. आमतौर पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं को कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है और उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की भी अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है. इन राजनीतिक दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए रविदास मंदिर और संग्रहालय का दांव भाजपा ने खेला है.
निर्माणाधीन संत रविदास मंदिर के पास सभा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि प्रधानमंत्री का 24 अप्रैल को सागर आगमन हो रहा है. हमारी कोशिश रहेगी की 30-40 हजार लोग सभा स्थल पहुंचे. सभा स्थल पर करीब 30 हजार कुर्सियों का इंतजाम किया गया है. "पीएम मोदी ने 54 हजार करोड़ की केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखंड को दी है. जिससे हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने बीना में 50 हजार करोड़ की लागत से औद्योगिक परिसर की आधारशिला रखी है. देश का पहला संत रविदास मंदिर 100 करोड़ की लागत से सागर में बन रहा है."
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'संतों के नाम पर गुमराह करने की राजनीति'
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि "संत और महापुरुषों के नाम पर गुमराह करने की कलाकारी की राजनीति भाजपा और नरेंद्र मोदी करती है, इसका उदाहरण रविदास मंदिर और संग्रहालय है. सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका भूमि पूजन किया. नरेंद्र मोदी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह निरीक्षण करने के लिए बार-बार आए और फिर मोहन यादव मुख्यमंत्री बने, तो वह मंदिर का निरीक्षण करने पहुंचे.नरेंद्र मोदी सरकार संतो के नाम पर वोट मांगने का काम कर रही है, लेकिन इस बार संतों का आशीर्वाद भाजपा को नहीं कांग्रेस को मिलने वाला है."