नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए कोविड-19 टीकाकरण सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी गई है. इससे पहले 'टुगेदर, इंडिया विल डिफीट' कैप्शन के साथ कोविन सार्टिफिकेट पर पीएम मोदी की इमेज छपी होती थीं, हालांकि, अब सार्टिफिकेट से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटा ली गई है.
एक सोशल मीडिया यूजर्स संदीप मनुधाने ने एक्स प्लेटफॉर्म पर कोविड-19 वैक्सीन सार्टिफिकेट की एक तस्वीर शेयर की. इसमें पीएम मोदी की तस्वीर नहीं है. उन्होंने पोस्ट में कहा, ' पीएम मोदी अब कोविड वैक्सीन प्रमाणपत्रों पर दिखाई नहीं देंगे. इसे बस जांचने के लिए डाउनलोड किया गया - हां, उनकी तस्वीर हटा गई है.' संदीप ने पीएम मोदी की तस्वीर हटाए जाने का कारण आदर्श आचार संहिता को बताया.
पहले भी सार्टिफिकेट से हटी थी तस्वीर
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है, जब मोदी की तस्वीर को कोविड-19 वैक्सीन प्रमाणपत्रों से हटाई गई है. इससे पहले 2022 में भी चुनाव आयोग के निर्देश पर, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित चुनावी राज्यों में प्रधानमंत्री की तस्वीर सार्टिफेकट से हटा दी गई थी.
नेटिजंस दे रहे प्रतिक्रियाएं
एक सोशल मीडिया यूजर संतोष अय्यर ने कहा, 'हां, आप सही हैं. मैंने भी जांच की और पाया कि पीएम मोदी की तस्वीर अब कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्रों पर दिखाई नहीं दे रही है! एक अन्य शख्स ने कमेंट किया कि ऐसा चुनाव आचार संहिता की वजह से हुआ है. अगर वह फिर से सत्ता में वापस आते हैं तो आपको उनकी तस्वीर फिर मिल जाएगी.'
एक यूजर ने कहा, 'सर, आपसे उम्मीद है कि आप लोगों को गुमराह नहीं करेंगे. इसका इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि आप किस ओर इशारा कर रहे हैं. यह आदर्श आचार संहिता और चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों की वजह से हुआ है. सभी चुनाव वाले राज्यों में फोटो हटा दी गई.
शिवम कुमार नाम के यूजर ने कहा कि अब पीएम मोदी अपनी फोटो हटवाने में लगे हैं, पहले तो छाती ठोक के कहते थे, हमने वैक्सीन लगवाई. अब कहो ना साहिब. करोड़ों लोगों की जिंदगी से खेलने वाला शख्त हमारा पीएम नहीं हो सकता.
देश जागरूक हो चुका है
वहीं, कांग्रेस नेता ने पोस्ट करते हुए कहा कि 2024 में देश जागरुक हो चुका है! अब कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर PM मोदी की फोटो गायब क्यों? जबकि कहा जाता था कि कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी के मैसेज के साथ फोटो लगी होने से लोगों में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलती है.