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पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर असम पहुंचे, विपक्षी दलों ने किया विरोध प्रदर्शन

PM Modi visit to Assam : पीएम नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर असम पहुंचे. इस दौरान वह काजीरंग राष्ट्रीय उद्यान में ठहरने के साथ ही 18,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. दूसरी तरफ पीएम के दौरे से पहले विपक्षी दलों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ नगांव जिले के कलियाबोर में प्रदर्शन किया.

Prime Minister Narendra Modi
पीएम नरेंद्र मोदी
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By PTI

Published : Mar 8, 2024, 4:11 PM IST

Updated : Mar 8, 2024, 6:52 PM IST

गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानी आज दो दिवसीय यात्रा पर असम के तेजपुर पहुंचे. बता दें कि प्रधानमंत्री इस दौरान वह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ठहरेंगे एवं 18,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं पीएम के असम पहुंचने से पहले विपक्षी दलों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ नगांव जिले के कलियाबोर में प्रदर्शन किया.

दूसरी तरफ देश के किसी प्रमुख नेता की मेजबानी कर काजीरंगा का पुलिस गेस्ट हाउस तीसरी बार गौरवान्वित होगा. शुक्रवार को पीएम अपनी रात काजीरंगा में बिताएंगे, काजीरंगा के कोहोरा रेंज स्थित गेस्ट हाउस को इस उपलब्धि पर गर्व होगा. क्योंकि इस गेस्ट हाउस में देश के दो राष्ट्रपति पहले ही रात गुजार चुके हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी काजीरंगा में उतरने वाले तीसरे पीएम होंगे, लेकिन जवाहरलाल नेहरू के बाद राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करने वाले देश के दूसरे प्रधान मंत्री होंगे.

मोदी दोपहर बाद तेजपुर पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए काजीरंगा के पनबारी के लिए उड़ान भरेंगे. वह उद्यान में 'सेंट्रल कोहोरा रेंज' के पास पुलिस अतिथि गृह में रात में ठहरेंगे. अधिकारियों ने बताया कि मोदी शनिवार तड़के जंगल सफारी करेंगे और इसके लिए जीप एवं हाथी सफारी दोनों की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि मोदी वहां करीब दो घंटे रहेंगे। इसके बाद वह अरुणाचल प्रदेश रवाना होंगे, जहां वह दो कार्यक्रमों में शामिल होंगे.

वह दोपहर में जोरहाट लौटेंगे और महान अहोम जनरल लचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ वेलर' (बहादुरी की प्रतिमा) का उद्घाटन करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद मोदी मेलेंग मेतेली पोथार जाएंगे, जहां वह लगभग 18,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय और राज्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे और बाद वह पश्चिम बंगाल रवाना होंगे. प्रधानमंत्री ने चार फरवरी को असम का दौरा किया था और 11,600 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की थीं.

वहीं पीएम के असम पहुंचने से पहले विपक्षी दलों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ नगांव जिले के कलियाबोर में प्रदर्शन किया. सोलह-सदस्यीय 'यूनाइटेड अपोजिशन फोरम, असम' (यूओएफए) ने काजीरंगा के समीप धरना प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री का यहां रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है. यूओएफए प्रवक्ता और रैजर दल के प्रमुख अखिल गोगोई ने कहा कि पहले शनिवार को प्रदर्शन किया जाना था, लेकिन अहोम समुदाय के संगठनों के अनुरोध पर यह एक दिन पहले किया गया.

गोगोई ने प्रदर्शन स्थल पर पत्रकारों से कहा, 'प्रधानमंत्री अहोम समुदाय के जनरल लाचित बोरफुकान की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। ऐसे में, समुदाय ने हमसे विरोध प्रदर्शन की तारीख बदलने का अनुरोध किया. इसलिए हम एक दिन पहले विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सीएए असमिया लोगों की पहचान के लिए खतरा है और वे इसका विरोध करते रहेंगे.

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने प्रदर्शन में भाग लेते हुए कहा, 'सरकार हमारी आवाज नहीं दबा सकती. हमने प्रधानमंत्री को राज्य में सीएए के विरोध के बारे में बताने के लिए उनसे मुलाकात का वक्त मांगा था, लेकिन हमें अभी तक इस पर जवाब नहीं मिला है.' कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता देबब्रत सैकिया ने कहा कि सीएए के खिलाफ विरोध जारी रहेगा. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सैकिया ने कहा, 'सरकार हमें दबाने के लिए सभी हथकंडों और ताकत का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन लोग सीएए के विरोध को लेकर अडिग हैं और हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.'

यूओएफए, अखिल असम छात्र संघ (आसू) और 30 अन्य संगठनों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने की पहले घोषणा की थी. सीएए में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आने वाले हिंदुओं, जैन, ईसाइयों, सिख, बौद्ध तथा पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सीएए का विरोध करने वाले लोगों से आंदोलन करने के बजाय अपनी शिकायतों के निवारण के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने का अनुरोध किया है.

ये भी पढ़ें - देश के कई युवाओं को पीएम मोदी ने किया 'नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड' से सम्मानित

गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानी आज दो दिवसीय यात्रा पर असम के तेजपुर पहुंचे. बता दें कि प्रधानमंत्री इस दौरान वह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ठहरेंगे एवं 18,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं पीएम के असम पहुंचने से पहले विपक्षी दलों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ नगांव जिले के कलियाबोर में प्रदर्शन किया.

दूसरी तरफ देश के किसी प्रमुख नेता की मेजबानी कर काजीरंगा का पुलिस गेस्ट हाउस तीसरी बार गौरवान्वित होगा. शुक्रवार को पीएम अपनी रात काजीरंगा में बिताएंगे, काजीरंगा के कोहोरा रेंज स्थित गेस्ट हाउस को इस उपलब्धि पर गर्व होगा. क्योंकि इस गेस्ट हाउस में देश के दो राष्ट्रपति पहले ही रात गुजार चुके हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी काजीरंगा में उतरने वाले तीसरे पीएम होंगे, लेकिन जवाहरलाल नेहरू के बाद राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करने वाले देश के दूसरे प्रधान मंत्री होंगे.

मोदी दोपहर बाद तेजपुर पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए काजीरंगा के पनबारी के लिए उड़ान भरेंगे. वह उद्यान में 'सेंट्रल कोहोरा रेंज' के पास पुलिस अतिथि गृह में रात में ठहरेंगे. अधिकारियों ने बताया कि मोदी शनिवार तड़के जंगल सफारी करेंगे और इसके लिए जीप एवं हाथी सफारी दोनों की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि मोदी वहां करीब दो घंटे रहेंगे। इसके बाद वह अरुणाचल प्रदेश रवाना होंगे, जहां वह दो कार्यक्रमों में शामिल होंगे.

वह दोपहर में जोरहाट लौटेंगे और महान अहोम जनरल लचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ वेलर' (बहादुरी की प्रतिमा) का उद्घाटन करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद मोदी मेलेंग मेतेली पोथार जाएंगे, जहां वह लगभग 18,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय और राज्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे और बाद वह पश्चिम बंगाल रवाना होंगे. प्रधानमंत्री ने चार फरवरी को असम का दौरा किया था और 11,600 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की थीं.

वहीं पीएम के असम पहुंचने से पहले विपक्षी दलों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ नगांव जिले के कलियाबोर में प्रदर्शन किया. सोलह-सदस्यीय 'यूनाइटेड अपोजिशन फोरम, असम' (यूओएफए) ने काजीरंगा के समीप धरना प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री का यहां रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है. यूओएफए प्रवक्ता और रैजर दल के प्रमुख अखिल गोगोई ने कहा कि पहले शनिवार को प्रदर्शन किया जाना था, लेकिन अहोम समुदाय के संगठनों के अनुरोध पर यह एक दिन पहले किया गया.

गोगोई ने प्रदर्शन स्थल पर पत्रकारों से कहा, 'प्रधानमंत्री अहोम समुदाय के जनरल लाचित बोरफुकान की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। ऐसे में, समुदाय ने हमसे विरोध प्रदर्शन की तारीख बदलने का अनुरोध किया. इसलिए हम एक दिन पहले विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सीएए असमिया लोगों की पहचान के लिए खतरा है और वे इसका विरोध करते रहेंगे.

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने प्रदर्शन में भाग लेते हुए कहा, 'सरकार हमारी आवाज नहीं दबा सकती. हमने प्रधानमंत्री को राज्य में सीएए के विरोध के बारे में बताने के लिए उनसे मुलाकात का वक्त मांगा था, लेकिन हमें अभी तक इस पर जवाब नहीं मिला है.' कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता देबब्रत सैकिया ने कहा कि सीएए के खिलाफ विरोध जारी रहेगा. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सैकिया ने कहा, 'सरकार हमें दबाने के लिए सभी हथकंडों और ताकत का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन लोग सीएए के विरोध को लेकर अडिग हैं और हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.'

यूओएफए, अखिल असम छात्र संघ (आसू) और 30 अन्य संगठनों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने की पहले घोषणा की थी. सीएए में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आने वाले हिंदुओं, जैन, ईसाइयों, सिख, बौद्ध तथा पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सीएए का विरोध करने वाले लोगों से आंदोलन करने के बजाय अपनी शिकायतों के निवारण के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने का अनुरोध किया है.

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Last Updated : Mar 8, 2024, 6:52 PM IST
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