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दो BRS नेताओं को MLC के रूप में नियुक्त करने से गवर्नर के इनकार के खिलाफ याचिका - Plea in Supreme Court

Plea in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तेलंगाना सरकार और राज्य के राज्यपाल से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं दासोजू श्रवण कुमार और कुर्रा सत्यनारायण को राज्य विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्यों के रूप में नामित करने से इनकार करने को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा हैं.

SC notice on plea against Telangana Governor's refusal to appoint two BRS leaders as MLCs
सुप्रीम कोर्ट (Getty Images)
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By Sumit Saxena

Published : Aug 14, 2024, 10:01 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तेलंगाना सरकार और राज्यपाल को उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें तेलंगाना के राज्यपाल द्वारा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं डॉ. दासोजू श्रवण कुमार और कुर्रा सत्यनारायण को राज्य विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्यों के रूप में नामित करने से इनकार करने को चुनौती दी गई थी.

हालांकि, तेलंगाना हाई कोर्ट ने इस साल मार्च में 2023 में राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा किए गए नामांकन को अस्वीकार करने के राज्यपाल के आदेशों को रद्द कर दिया था, लेकिन एमएलसी के रूप में कुमार और सत्यनारायण की नियुक्ति के लिए राज्यपाल को कोई सकारात्मक निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था.

प्रासंगिक रूप से, हाई कोर्ट ने इसी फैसले में इस साल जनवरी में एम कोडंदरम और आमेर अली खान को एमएलसी के रूप में नियुक्त करने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा की गई सिफारिशों को भी रद्द कर दिया था. उनकी नियुक्ति के लिए राज्यपाल को निर्देश जारी नहीं करने के उच्च न्यायालय के फैसले को कुमार और सत्यनारायण ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने आज हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. इसने बीआरएस नेताओं की याचिका पर तेलंगाना सरकार, राज्यपाल के सचिव और अन्य से प्रतिक्रिया मांगी. जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, अगले देश तक हाई कोर्ट के आक्षेपित फैसले पर रोक रहेगी. बेंच ने कहा कि, इस बीच किया गया कोई भी नामांकन इस याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन रहेगा. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और वकील अभिषेक जेबराज पेश हुए.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष यह तर्क दिया गया कि उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी के उस फैसले को भी रद्द कर दिया था जिसमें कांग्रेस सरकार द्वारा दो लोगों के नामांकन को खारिज कर दिया गया था.

इस साल मार्च में, उच्च न्यायालय ने 2023 में राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा किए गए नामांकन की अस्वीकृति पर राज्यपाल के आदेश को रद्द कर दिया. उच्च न्यायालय ने कुमार और सत्यनारायण की एमएलसी के रूप में नियुक्ति के लिए राज्यपाल को कोई सकारात्मक निर्देश जारी करने से भी इनकार कर दिया. इस साल जनवरी में कांग्रेस सरकार द्वारा एम कोदंडाराम और आमेर अली खान को एमएलसी के रूप में नियुक्त करने की सिफारिशों को भी रद्द कर दिया. वहीं, सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने बीआरएस नेताओं की याचिका पर तेलंगाना सरकार, राज्यपाल के सचिव और अन्य से जवाब मांगा.

ये भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट के 9 अतिरिक्त जज बनेंगे स्थायी जज, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नामों की सिफारिश की

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तेलंगाना सरकार और राज्यपाल को उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें तेलंगाना के राज्यपाल द्वारा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं डॉ. दासोजू श्रवण कुमार और कुर्रा सत्यनारायण को राज्य विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्यों के रूप में नामित करने से इनकार करने को चुनौती दी गई थी.

हालांकि, तेलंगाना हाई कोर्ट ने इस साल मार्च में 2023 में राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा किए गए नामांकन को अस्वीकार करने के राज्यपाल के आदेशों को रद्द कर दिया था, लेकिन एमएलसी के रूप में कुमार और सत्यनारायण की नियुक्ति के लिए राज्यपाल को कोई सकारात्मक निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था.

प्रासंगिक रूप से, हाई कोर्ट ने इसी फैसले में इस साल जनवरी में एम कोडंदरम और आमेर अली खान को एमएलसी के रूप में नियुक्त करने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा की गई सिफारिशों को भी रद्द कर दिया था. उनकी नियुक्ति के लिए राज्यपाल को निर्देश जारी नहीं करने के उच्च न्यायालय के फैसले को कुमार और सत्यनारायण ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने आज हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. इसने बीआरएस नेताओं की याचिका पर तेलंगाना सरकार, राज्यपाल के सचिव और अन्य से प्रतिक्रिया मांगी. जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, अगले देश तक हाई कोर्ट के आक्षेपित फैसले पर रोक रहेगी. बेंच ने कहा कि, इस बीच किया गया कोई भी नामांकन इस याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन रहेगा. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और वकील अभिषेक जेबराज पेश हुए.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष यह तर्क दिया गया कि उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी के उस फैसले को भी रद्द कर दिया था जिसमें कांग्रेस सरकार द्वारा दो लोगों के नामांकन को खारिज कर दिया गया था.

इस साल मार्च में, उच्च न्यायालय ने 2023 में राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा किए गए नामांकन की अस्वीकृति पर राज्यपाल के आदेश को रद्द कर दिया. उच्च न्यायालय ने कुमार और सत्यनारायण की एमएलसी के रूप में नियुक्ति के लिए राज्यपाल को कोई सकारात्मक निर्देश जारी करने से भी इनकार कर दिया. इस साल जनवरी में कांग्रेस सरकार द्वारा एम कोदंडाराम और आमेर अली खान को एमएलसी के रूप में नियुक्त करने की सिफारिशों को भी रद्द कर दिया. वहीं, सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने बीआरएस नेताओं की याचिका पर तेलंगाना सरकार, राज्यपाल के सचिव और अन्य से जवाब मांगा.

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