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फोन टैपिंग मामला: दिल्ली पुलिस की जांच में कोई अड़चन नहीं, राजस्थान सरकार ने SC से वापस ली याचिका - RAJASTHAN PHONE TAPPING CASE - RAJASTHAN PHONE TAPPING CASE

Phone Tapping Case: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से मिली छूट को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बार फिर 14 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है.

राजस्थान फोन टैपिंग मामला
राजस्थान फोन टैपिंग मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 27, 2024, 10:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने राजस्थान फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा की राहत बरकरार रखी है. जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर लगी रोक को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया. मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.

आज सुनवाई के दौरान लोकेश शर्मा की ओर से दलीलें रखने के लिए दो-तीन सप्ताह का समय मांगा गया. इस पर कोर्ट ने कहा कि मामला लंबे समय से लंबित है और इस पर सुनवाई होनी चाहिए. सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने जो अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी वो वापस ले ली है.

राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस को जांच से रोकने की मांग की थी. राजस्थान सरकार ने अब कहा कि उसे दिल्ली पुलिस की जांच में कोई अड़चन नहीं है. 8 दिसंबर 2023 को राजस्थान सरकार के वकील संदीप झा ने हाईकोर्ट को बताया था कि राजस्थान में सरकार बदल गई है, ऐसे में इस केस में सरकार से निर्देश लेना होगा.

बता दें कि 13 जनवरी 2023 को दिल्ली पुलिस ने अर्जी दाखिल कर लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने की मांग करते हुए कहा था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि लोकेश शर्मा ने अब तक अपना फोन जांच के लिए नहीं दिया है. 9 नवंबर 2022 को कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगी रोक बरकरार रखी थी. 29 अगस्त, 2022 को कोर्ट ने लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर लगी रोक 9 नवंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दी थी. उसके पहले 9 मई 2022 को कोर्ट ने 29 अगस्त तक के लिए ये रोक बढ़ाई थी.

वहीं, लोकेश शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है. शर्मा के खिलाफ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 26 मार्च, 2021 को फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने राजस्थान फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा की राहत बरकरार रखी है. जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर लगी रोक को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया. मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.

आज सुनवाई के दौरान लोकेश शर्मा की ओर से दलीलें रखने के लिए दो-तीन सप्ताह का समय मांगा गया. इस पर कोर्ट ने कहा कि मामला लंबे समय से लंबित है और इस पर सुनवाई होनी चाहिए. सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने जो अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी वो वापस ले ली है.

राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस को जांच से रोकने की मांग की थी. राजस्थान सरकार ने अब कहा कि उसे दिल्ली पुलिस की जांच में कोई अड़चन नहीं है. 8 दिसंबर 2023 को राजस्थान सरकार के वकील संदीप झा ने हाईकोर्ट को बताया था कि राजस्थान में सरकार बदल गई है, ऐसे में इस केस में सरकार से निर्देश लेना होगा.

बता दें कि 13 जनवरी 2023 को दिल्ली पुलिस ने अर्जी दाखिल कर लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने की मांग करते हुए कहा था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि लोकेश शर्मा ने अब तक अपना फोन जांच के लिए नहीं दिया है. 9 नवंबर 2022 को कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगी रोक बरकरार रखी थी. 29 अगस्त, 2022 को कोर्ट ने लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर लगी रोक 9 नवंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दी थी. उसके पहले 9 मई 2022 को कोर्ट ने 29 अगस्त तक के लिए ये रोक बढ़ाई थी.

वहीं, लोकेश शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है. शर्मा के खिलाफ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 26 मार्च, 2021 को फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी.

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