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पौड़ी में लोगों को दाह संस्कार के लिए नहीं मिल रही लकड़ी, जानें वजह - shortage of wood in uttarakhand

Shortage Of Wood In Pauri उत्तराखंड में आग ने भयानक तांडव किया है, जिसका परिणाम ये है कि अब जलौनी लकड़ी के टाल खाली हो चुके हैं. जिससे लोग दाह संस्कार के लिए निजी लकड़ी टाल पर निर्भर हो गए हैं और महंगे दामों पर जलौनी लकड़ी खरीदने को मजबूर हैं.

Shortage Of Wood In Uttarakhand
दाह संस्कार के लिए नहीं मिल रही लकड़ी (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 16, 2024, 11:51 AM IST

Updated : May 16, 2024, 2:35 PM IST

पौड़ी में लोगों को दाह संस्कार के लिए नहीं मिल रही लकड़ी (ETV Bharat)

श्रीनगर: पौड़ी में वनाग्नि की घटनाओं से वन विभाग को भारी नुकसान हुआ है. आलम ये है कि अब उत्तराखंड वन विकास निगम लोगों को शव के दाह संस्कार के लिए भी जलौनी लकड़ी उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. जिससे लोगों को दाह संस्कार के लिये निजी लकड़ी टाल पर निर्भर होना पड़ रहा है. निजी लकड़ी टाल से लकड़ी लेने के लिए लोगों को प्रति क्विंटल 500 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.

महंगे दामों में जलौनी लकड़ी खरीद रहे लोग: बता दें कि पहले उत्तराखंड वन विकास निगम की जलौनी टाल में सामान्य लोगों के लिये प्रति क्विंटल 300 रुपए और गरीब तबके के लोगों के लिए निशुल्क ही जलौनी लकड़ी उपलब्ध होती थी. लेकिन निजी जलौनी लकड़ी टाल में ये दाम 800 रुपए प्रति क्विंटल हैं, जो सामान्य लोगों के लिए 500 रुपए अधिक है, जबकि निर्धन लोगों के लिये 800 रुपए प्रति क्विंटल है.

जलौनी लकड़ी के टाल हुए खाली: उत्तराखंड वन विकास निगम पौड़ी के प्रभागीय प्रबंधक विक्रम सिंह रावत ने बताया कि बीते 6 माह से जलौनी लकड़ी की कमी बरकरार है. कुछ समय पहले कर्णप्रयाग से जलौनी लकड़ी की व्यवस्था जरूर की गई थी, लेकिन ये लकड़ी भी खत्म हो जाने से टाल फिर से खाली हो चुका है. उन्होंने कहा कि सूखे पेड़ों के लॉट उत्तराखंड वन विकास निगम को जल्द मिलें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

डीएम ने लकड़ी की पूर्ति करने के दिए निर्देश: डीएम पौड़ी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग को वन विकास निगम के लिये जलौनी लकड़ी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, जिससे दाह संस्कार के लिए लोगों को निजी जलौनी लकड़ी टाल पर निर्भर न रहना पड़े. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी ने भी इस संबंध में चिंता जताई है.

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महंगे दामों में जलौनी लकड़ी खरीद रहे लोग: बता दें कि पहले उत्तराखंड वन विकास निगम की जलौनी टाल में सामान्य लोगों के लिये प्रति क्विंटल 300 रुपए और गरीब तबके के लोगों के लिए निशुल्क ही जलौनी लकड़ी उपलब्ध होती थी. लेकिन निजी जलौनी लकड़ी टाल में ये दाम 800 रुपए प्रति क्विंटल हैं, जो सामान्य लोगों के लिए 500 रुपए अधिक है, जबकि निर्धन लोगों के लिये 800 रुपए प्रति क्विंटल है.

जलौनी लकड़ी के टाल हुए खाली: उत्तराखंड वन विकास निगम पौड़ी के प्रभागीय प्रबंधक विक्रम सिंह रावत ने बताया कि बीते 6 माह से जलौनी लकड़ी की कमी बरकरार है. कुछ समय पहले कर्णप्रयाग से जलौनी लकड़ी की व्यवस्था जरूर की गई थी, लेकिन ये लकड़ी भी खत्म हो जाने से टाल फिर से खाली हो चुका है. उन्होंने कहा कि सूखे पेड़ों के लॉट उत्तराखंड वन विकास निगम को जल्द मिलें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

डीएम ने लकड़ी की पूर्ति करने के दिए निर्देश: डीएम पौड़ी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग को वन विकास निगम के लिये जलौनी लकड़ी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, जिससे दाह संस्कार के लिए लोगों को निजी जलौनी लकड़ी टाल पर निर्भर न रहना पड़े. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी ने भी इस संबंध में चिंता जताई है.

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Last Updated : May 16, 2024, 2:35 PM IST
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