ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड के चार अस्पतालों ने पौड़ी के बीमार अमित को किया रेफर, दिल्ली ले जाते समय हो गई मौत - Uttarakhand Health Services

Uttarakhand Health Services उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का एक डराने वाला नमूना सामने आया है. पौड़ी के एक युवक को उत्तराखंड के चार अस्पतालों ने एक के बाद एक ऐसा रेफर किया कि उसकी जान चली गई. नाराज परिजनों ने जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. ये घटना उस जिले की है, जिसे उत्तराखंड का वीवीआईपी जिला कहा जाता है. 19 अप्रैल से पहले यहां लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने लोगों से बड़े-बड़े वादे और घोषणाएं की थी. मतदान के बाद लोग खुद को फिर पुराने हाल में पा रहे हैं.

Uttarakhand Health Services
श्रीनगर समाचार (Photo- Patient's family)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 25, 2024, 10:57 AM IST

उत्तराखंड की हेल्थ सर्विस (Audio- Patient's family)

श्रीनगर: पौड़ी जिले के विकासखंड नैनीडांडा में एक गांव के युवक के बीमार पड़ने पर एक के बाद एक चार अस्पतालों ने उसे रेफर किया. आखिर परिजन जब युवा को उपचार के लिए दिल्ली ले जा रहे थे, तब रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. घटना के बाद परिजनों में कड़ा आक्रोश है.

उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था: उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए डीएम और सीएमओ पौड़ी से मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पहाड़ में लचर स्वास्थ्य सेवा के चलते परिवार ने असमय एक युवा खो दिया है. वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी (प्रभारी) डॉक्टर पारुल गोयल ने प्रभारी चिकित्साधिकारी नैनीडांडा डॉ आशुतोष त्रिपाठी का स्पष्टीकरण तलब किया है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

पूजा के लिए गांव आया अमित रावत हुआ बीमार: विकासखंड नैनीडांडा के देवलधर गांव निवासी 24 वर्षीय अमित रावत कुछ दिनों पहले गांव में पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था. वह दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था. गांव में बीते 22 मई की रात को अमित की तबीयत खराब हो गई. ग्रामीण चारपाई पर रखकर उसे दो किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर सड़क पर लाए. यहां से 108 के माध्यम से अमित को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए. वहां डॉक्टर तैनात नहीं होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले गए. यहां डॉक्टर ने उपचार के बाद अमित को सीएचसी रामनगर रेफर कर दिया.

एक के बाद एक चार अस्पतालों ने किया रेफर: रामनगर में सीटी स्कैन किए जाने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर किया. यहां के डाक्टरों ने उसे दिल्ली रेफर कर दिया. अमित के भाई संजय रावत और सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप रावत ने बताया कि अमित के एक हाथ और एक पांव ने अचानक काम करना बंद कर दिया था. जिसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से दो किमी की चढ़ाई चढ़कर ग्रामीण उपचार के लिए अमित को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट लाए. लेकिन वहां पता चला कि दो माह से अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएचसी नैनीडांडा के डॉक्टरों ने उसे सीएचसी रामनगर रेफर किया.

दिल्ली ले जाते समय रास्ते में हुई मौत: वहां सीटी स्कैन के बाद डाक्टरों ने न्यूरो सर्जन से जांच कराने के लिए मेडिकल कालेज हल्द्वानी रेफर किया. यहां डाक्टरों ने न्यूरो फिजीशियन नहीं होने पर उसे दिल्ली रेफर किया. कुलदीप रावत ने बताया कि दिल्ली ले जाते समय अमित ने आधे रास्ते में दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि पहाड़ में लचर स्वास्थ्य सेवा के चलते हमने असमय अपना भाई खो दिया है. पहाड़ के गांवों में ग्रामीणों को भगवान भरोसे छोड़ा गया है. यह घटना उसका बड़ा प्रमाण है. उन्होंने कहा कि डीएम और सीएमओ पौड़ी से मामले की शिकायत कर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.

प्रभारी चिकित्साधिकारी से मांगा गया स्पष्टीकरण: प्रभारी सीएमओ डॉक्टर पारुल गोयल ने बताया कि प्रभारी चिकित्साधिकारी नैनीडांडा डॉ आशुतोष त्रिपाठी का स्पष्टीकरण तलब कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है. प्रभारी सीएमओ ने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मामले में कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की समस्या का जल्द निदान कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: कहीं डॉक्टर नहीं तो कहीं संसाधन! बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए करने होंगे कई काम

उत्तराखंड की हेल्थ सर्विस (Audio- Patient's family)

श्रीनगर: पौड़ी जिले के विकासखंड नैनीडांडा में एक गांव के युवक के बीमार पड़ने पर एक के बाद एक चार अस्पतालों ने उसे रेफर किया. आखिर परिजन जब युवा को उपचार के लिए दिल्ली ले जा रहे थे, तब रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. घटना के बाद परिजनों में कड़ा आक्रोश है.

उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था: उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए डीएम और सीएमओ पौड़ी से मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पहाड़ में लचर स्वास्थ्य सेवा के चलते परिवार ने असमय एक युवा खो दिया है. वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी (प्रभारी) डॉक्टर पारुल गोयल ने प्रभारी चिकित्साधिकारी नैनीडांडा डॉ आशुतोष त्रिपाठी का स्पष्टीकरण तलब किया है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

पूजा के लिए गांव आया अमित रावत हुआ बीमार: विकासखंड नैनीडांडा के देवलधर गांव निवासी 24 वर्षीय अमित रावत कुछ दिनों पहले गांव में पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था. वह दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था. गांव में बीते 22 मई की रात को अमित की तबीयत खराब हो गई. ग्रामीण चारपाई पर रखकर उसे दो किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर सड़क पर लाए. यहां से 108 के माध्यम से अमित को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए. वहां डॉक्टर तैनात नहीं होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले गए. यहां डॉक्टर ने उपचार के बाद अमित को सीएचसी रामनगर रेफर कर दिया.

एक के बाद एक चार अस्पतालों ने किया रेफर: रामनगर में सीटी स्कैन किए जाने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर किया. यहां के डाक्टरों ने उसे दिल्ली रेफर कर दिया. अमित के भाई संजय रावत और सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप रावत ने बताया कि अमित के एक हाथ और एक पांव ने अचानक काम करना बंद कर दिया था. जिसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से दो किमी की चढ़ाई चढ़कर ग्रामीण उपचार के लिए अमित को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट लाए. लेकिन वहां पता चला कि दो माह से अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएचसी नैनीडांडा के डॉक्टरों ने उसे सीएचसी रामनगर रेफर किया.

दिल्ली ले जाते समय रास्ते में हुई मौत: वहां सीटी स्कैन के बाद डाक्टरों ने न्यूरो सर्जन से जांच कराने के लिए मेडिकल कालेज हल्द्वानी रेफर किया. यहां डाक्टरों ने न्यूरो फिजीशियन नहीं होने पर उसे दिल्ली रेफर किया. कुलदीप रावत ने बताया कि दिल्ली ले जाते समय अमित ने आधे रास्ते में दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि पहाड़ में लचर स्वास्थ्य सेवा के चलते हमने असमय अपना भाई खो दिया है. पहाड़ के गांवों में ग्रामीणों को भगवान भरोसे छोड़ा गया है. यह घटना उसका बड़ा प्रमाण है. उन्होंने कहा कि डीएम और सीएमओ पौड़ी से मामले की शिकायत कर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.

प्रभारी चिकित्साधिकारी से मांगा गया स्पष्टीकरण: प्रभारी सीएमओ डॉक्टर पारुल गोयल ने बताया कि प्रभारी चिकित्साधिकारी नैनीडांडा डॉ आशुतोष त्रिपाठी का स्पष्टीकरण तलब कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है. प्रभारी सीएमओ ने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मामले में कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की समस्या का जल्द निदान कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: कहीं डॉक्टर नहीं तो कहीं संसाधन! बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए करने होंगे कई काम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.