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पटना की जेल में कैद नेपाली युवक को 9 साल बाद मिला इंसाफ, गिरफ्तारी की सूचना घरवालों को मिली ही नहीं थी - Nepalese youth acquitted

बिहार पुलिस की कार्यशैली पर कई बार सवाल उठ चुके हैं. एक नया मामला सामने आया है. पटना पुलिस की गलती के कारण एक बेगुनाह विदेशी नागरिक 9 साल से जेल में था. 9 साल से ज्यादा समय तक जेल में बंद इस नेपाली युवक को कोर्ट ने बेगुनाह मानते हुए बरी कर दिया है. आज उसे जेल से रिहा किया गया. पढ़ें, विस्तार से.

राकेश कुमार.
राकेश कुमार. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 2, 2024, 10:14 PM IST

पटनाः नेपाल के काठमांडू के मालोनी मंदिर का रहने वाला राकेश कुमार रोजगार के लिए 2009 में बिहार आया था. पटना स्टेशन के पास चाय की दुकान में वह नौकरी करने लगा. मां और पिता के अलावे 3 भाई बहन में सबसे छोटा था. करीब 4 साल तक चाय की दुकान में नौकरी करने वाला राकेश की जिंदगी में 2011 में मुसीबत आयी. एक सितंबर 2011 को पटना की कोतवाली पुलिस ने उसे आपराधिक घटना की साजिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

क्या था मामलाः एक सिंतबर 2011 की रात करीब 12:30 बजे पुलिस ने संदिग्ध अवस्था में पांच लोगों को जीपीओ गोलंबर पर पूछताछ के लिए रोका. दो आदमी भाग गए और तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोप लगाया गया कि यह सब किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए प्लानिंग कर रहे थे. राकेश का कहना है कि वह चाय की दुकान पर कप प्लेट धोने का काम करता था. जिस दिन पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया इस शाम कुछ लड़कों की उसके चाय के दुकान पर आपस में झगड़ा हो गया था. इस केस के सिलसिले में पुलिस ने पूछताछ के लिए थाना लाया और उसको गिरफ्तार कर लिया.

बिना गवाह के जेल में रहा बंदः लगभग 10 सालों तक वह उसी केस में जेल में बंद रहा. बुधवार को पटना सिविल कोर्ट ने पुलिस की दलील को खारिज कर दिया. इस मामले में सिर्फ पुलिसकर्मियों ने ही गवाही दी थी. किसी दूसरे गवाह की गवाही नहीं हुई थी. न्यायालय ने राकेश को इस केस से बरी कर दिया. राकेश के वकील संतोष कुमार का कहना है कि बिहार पुलिस की लापरवाही के चलते उसके क्लाइंट को 9 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा. एडवोकेट संतोष कुमार ने बताया कि राकेश नेपाल का रहने वाला था. पुलिस ने इसके परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी थी. इस वजह से इसको 9 साल से ज्यादा जेल में रहना पड़ा.

"पुलिस की लापरवाही के चलते मेरे क्लाइंट को 9 साल से ज्यादा जेल में रहना पड़ा. इन 9 सालों में उनके क्लाइंट को जो मानसिक और आर्थिक रूप से घटा लगा है, उसके कंपनसेशन के लिए माननीय पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे, ताकि राकेश को इंसाफ मिल सके."- संतोष कुमार, राकेश के वकील

इसे भी पढ़ेंः पटना: जेल मे बंद कैदियों के बीच चलाया गया AIDS के प्रति जागरूकता अभियान

पटनाः नेपाल के काठमांडू के मालोनी मंदिर का रहने वाला राकेश कुमार रोजगार के लिए 2009 में बिहार आया था. पटना स्टेशन के पास चाय की दुकान में वह नौकरी करने लगा. मां और पिता के अलावे 3 भाई बहन में सबसे छोटा था. करीब 4 साल तक चाय की दुकान में नौकरी करने वाला राकेश की जिंदगी में 2011 में मुसीबत आयी. एक सितंबर 2011 को पटना की कोतवाली पुलिस ने उसे आपराधिक घटना की साजिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

क्या था मामलाः एक सिंतबर 2011 की रात करीब 12:30 बजे पुलिस ने संदिग्ध अवस्था में पांच लोगों को जीपीओ गोलंबर पर पूछताछ के लिए रोका. दो आदमी भाग गए और तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोप लगाया गया कि यह सब किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए प्लानिंग कर रहे थे. राकेश का कहना है कि वह चाय की दुकान पर कप प्लेट धोने का काम करता था. जिस दिन पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया इस शाम कुछ लड़कों की उसके चाय के दुकान पर आपस में झगड़ा हो गया था. इस केस के सिलसिले में पुलिस ने पूछताछ के लिए थाना लाया और उसको गिरफ्तार कर लिया.

बिना गवाह के जेल में रहा बंदः लगभग 10 सालों तक वह उसी केस में जेल में बंद रहा. बुधवार को पटना सिविल कोर्ट ने पुलिस की दलील को खारिज कर दिया. इस मामले में सिर्फ पुलिसकर्मियों ने ही गवाही दी थी. किसी दूसरे गवाह की गवाही नहीं हुई थी. न्यायालय ने राकेश को इस केस से बरी कर दिया. राकेश के वकील संतोष कुमार का कहना है कि बिहार पुलिस की लापरवाही के चलते उसके क्लाइंट को 9 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा. एडवोकेट संतोष कुमार ने बताया कि राकेश नेपाल का रहने वाला था. पुलिस ने इसके परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी थी. इस वजह से इसको 9 साल से ज्यादा जेल में रहना पड़ा.

"पुलिस की लापरवाही के चलते मेरे क्लाइंट को 9 साल से ज्यादा जेल में रहना पड़ा. इन 9 सालों में उनके क्लाइंट को जो मानसिक और आर्थिक रूप से घटा लगा है, उसके कंपनसेशन के लिए माननीय पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे, ताकि राकेश को इंसाफ मिल सके."- संतोष कुमार, राकेश के वकील

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