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Watch : सूरत रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को परिवहन की निर्बाध कनेक्टिविटी का अनुभव मिलेगा

Surat railway station : सूरत रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को परिवहन की निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा मिल सकेगी. इसके लिए परियोजना पर काम जोरों पर चल रहा है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता चंचल मुखर्जी की रिपोर्ट...

Tushar Mishra, Chief Executive Officer, SITCO
एसआईटीसीओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तुषार मिश्रा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 23, 2024, 9:52 PM IST

Updated : Feb 23, 2024, 10:05 PM IST

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सूरत (गुजरात): सूरत रेलवे स्टेशन के यात्रियों को जल्द ही परिवहन की निर्बाध कनेक्टिविटी का अनुभव होगा क्योंकि स्टेशन को मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्टेशन हब (एमएमटीएच) में विकसित किया जा रहा है जो रेलवे, गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) को एकीकृत करेगा. इसके साथ ही सिटी बस टर्मिनल और मेट्रो सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल सकेंगी. इस संबंध में चल रहे एमएमटीएच परियोजना के बारे में एसआईटीसीओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तुषार मिश्रा ने कहा कि सूरत स्टेशन का पुनर्विकास कार्य पूरे जोरों पर चल रहा है.

उन्होंने कहा कि यह कार्य सूरत इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईटीसीओ) द्वारा किया जा रहा है. मिश्रा ने कहा कि यह परियोजना वास्तविक अर्थों में रेलवे, आईएसबीटी, मेट्रो, बीआरटीएस, सिटी बस और मध्यवर्ती सार्वजनिक परिवहन जैसे कई मल्टी-मोड को एकीकृत करेगी, जिससे यह यात्रियों के लिए एक बेहतर परिवहन केंद्र बन जाएगा. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन को पहुंच की दिशा के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जाएगा, पूर्व-तरफ और पश्चिम-तरफ. उन्होंने कहा कि इन इमारतों को बैठने की व्यवस्था के साथ एक स्थायी रूप से डिजाइन किए गए कॉनकोर्स के साथ प्लेटफार्मों पर दूसरे स्तर पर एकीकृत किया जाएगा. यहां पर 2000 लोगों की बैठने की क्षमता होगी. कुल मिलाकर इसकी प्रतिदिन 5 लाख से अधिक यात्री यहां से आवागमन कर सकेंगे.

मिश्रा ने कहा कि हमारे पास 45 लिफ्टों का प्रावधान होगा, पश्चिम और पूर्व में नए स्टेशन भवनों और नए बस टर्मिनल भवन में 70 एस्केलेटर और सीढ़ियां उपलब्ध कराई जाएंगी. इतना ही नहीं, भवन को विकलांगों के अनुकूल बनाया जाएगा. अन्य सुविधाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इमारतों में कई अन्य विशेषताएं होंगी जैसे हरित भवन प्रमाणन, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, छत पर बीएमएस सिस्टम-सौर पैनल, वर्षा जल संचयन, अपशिष्ट जल, तूफानी जल का पुन: उपयोग सुविधा, साइट पर उचित पृथक्करण के साथ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आग को लेकर आपातकालीन व्यवस्था होगी.

बता दें कि सूरत हीरे और कपड़े की समृद्ध आर्थिक गतिविधि के साथ व्यापार और वाणिज्य के केंद्र में से एक है. यहां पर एक बार यह एमएमटीएच शुरू हो जाए तो बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी के जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी. मिश्रा ने बताया कि आईएसबीटी का निर्माण रेलवे स्टेशन के दक्षिण-पूर्व में किया जा रहा है, जिसकी वर्तमान क्षमता 66 हजार की तुलना में प्रति दिन 1.5 लाख यात्रियों को संभालने की है.

एमएमटीएच में क्रमशः सभी तरीकों से कुशलतापूर्वक जुड़े मेट्रो उप-स्टेशनों तक पहुंच के लिए 6 कनेक्शन गेट होंगे. मेट्रो स्टेशन मार्ग को नियोल के पास निर्माणाधीन हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा मध्यवर्ती सार्वजनिक परिवहन यातायात की भीड़ को कम करने के लिए शहर के सभी दिशाओं में 4 किलोमीटर से अधिक की लंबाई वाला एक ऊंचा गलियारा प्रदान किया जाएगा.

ये भी पढ़ें - केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई में बुलेट ट्रेन सुरंग का विस्फोट कर किया उद्घाटन

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सूरत (गुजरात): सूरत रेलवे स्टेशन के यात्रियों को जल्द ही परिवहन की निर्बाध कनेक्टिविटी का अनुभव होगा क्योंकि स्टेशन को मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्टेशन हब (एमएमटीएच) में विकसित किया जा रहा है जो रेलवे, गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) को एकीकृत करेगा. इसके साथ ही सिटी बस टर्मिनल और मेट्रो सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल सकेंगी. इस संबंध में चल रहे एमएमटीएच परियोजना के बारे में एसआईटीसीओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तुषार मिश्रा ने कहा कि सूरत स्टेशन का पुनर्विकास कार्य पूरे जोरों पर चल रहा है.

उन्होंने कहा कि यह कार्य सूरत इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईटीसीओ) द्वारा किया जा रहा है. मिश्रा ने कहा कि यह परियोजना वास्तविक अर्थों में रेलवे, आईएसबीटी, मेट्रो, बीआरटीएस, सिटी बस और मध्यवर्ती सार्वजनिक परिवहन जैसे कई मल्टी-मोड को एकीकृत करेगी, जिससे यह यात्रियों के लिए एक बेहतर परिवहन केंद्र बन जाएगा. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन को पहुंच की दिशा के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जाएगा, पूर्व-तरफ और पश्चिम-तरफ. उन्होंने कहा कि इन इमारतों को बैठने की व्यवस्था के साथ एक स्थायी रूप से डिजाइन किए गए कॉनकोर्स के साथ प्लेटफार्मों पर दूसरे स्तर पर एकीकृत किया जाएगा. यहां पर 2000 लोगों की बैठने की क्षमता होगी. कुल मिलाकर इसकी प्रतिदिन 5 लाख से अधिक यात्री यहां से आवागमन कर सकेंगे.

मिश्रा ने कहा कि हमारे पास 45 लिफ्टों का प्रावधान होगा, पश्चिम और पूर्व में नए स्टेशन भवनों और नए बस टर्मिनल भवन में 70 एस्केलेटर और सीढ़ियां उपलब्ध कराई जाएंगी. इतना ही नहीं, भवन को विकलांगों के अनुकूल बनाया जाएगा. अन्य सुविधाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इमारतों में कई अन्य विशेषताएं होंगी जैसे हरित भवन प्रमाणन, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, छत पर बीएमएस सिस्टम-सौर पैनल, वर्षा जल संचयन, अपशिष्ट जल, तूफानी जल का पुन: उपयोग सुविधा, साइट पर उचित पृथक्करण के साथ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आग को लेकर आपातकालीन व्यवस्था होगी.

बता दें कि सूरत हीरे और कपड़े की समृद्ध आर्थिक गतिविधि के साथ व्यापार और वाणिज्य के केंद्र में से एक है. यहां पर एक बार यह एमएमटीएच शुरू हो जाए तो बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी के जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी. मिश्रा ने बताया कि आईएसबीटी का निर्माण रेलवे स्टेशन के दक्षिण-पूर्व में किया जा रहा है, जिसकी वर्तमान क्षमता 66 हजार की तुलना में प्रति दिन 1.5 लाख यात्रियों को संभालने की है.

एमएमटीएच में क्रमशः सभी तरीकों से कुशलतापूर्वक जुड़े मेट्रो उप-स्टेशनों तक पहुंच के लिए 6 कनेक्शन गेट होंगे. मेट्रो स्टेशन मार्ग को नियोल के पास निर्माणाधीन हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा मध्यवर्ती सार्वजनिक परिवहन यातायात की भीड़ को कम करने के लिए शहर के सभी दिशाओं में 4 किलोमीटर से अधिक की लंबाई वाला एक ऊंचा गलियारा प्रदान किया जाएगा.

ये भी पढ़ें - केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई में बुलेट ट्रेन सुरंग का विस्फोट कर किया उद्घाटन

Last Updated : Feb 23, 2024, 10:05 PM IST
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