श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में एक दुखद घटना में झेलम नदी में नाव पलटने से स्कूली बच्चों सहित छह लोगों की डूबने से मौत हो गई, जबकि तीन लोग लापता हैं.
यह हादसा श्रीनगर के गुंडबल इलाके में हुआ. यहां निवासियों के पास उफनती झेलम नदी को पार करने के लिए नाव का उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. यहां जम्मू और कश्मीर प्रशासन धन की कमी का हवाला देते हुए एक फुटब्रिज को पूरा करने में विफल रहा है. कश्मीर घाटी में भारी बारिश के कारण पिछले दो दिनों में नदी में जल स्तर बढ़ गया है जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है.
तीन की तलाश में चलाया जा रहा अभियान : श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट बिलाल मोहिदीन ने ईटीवी भारत को बताया कि नाव जब गुंडबल से श्रीनगर शहर की ओर जा रही थी तो उसमें सात स्कूली बच्चों सहित 15 लोग सवार थे. उन्होंने कहा कि तीन बच्चों समेत छह लोगों की डूबने से मौत हो गई, छह को बचा लिया गया जबकि लापता तीन के लिए बचाव अभियान जारी है. जब स्कूली बच्चों के शवों को दफनाया गया तो गुंडबल इलाके में मातम छा गया.
गुंडबल श्रीनगर के वाणिज्यिक केंद्र लालचौक से चार किलोमीटर दूर है, जिसे 1000 करोड़ रुपये की भारी फंडिंग के साथ स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत डेवलप किया जा रहा है. हादसे के बाद गुंडबल में शोक संतप्त निवासियों ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले जेके प्रशासन ने पैदल पुल को पूरा करने के लिए चार करोड़ रुपये खर्च नहीं किए.
गुंडबल के एक युवक यासीन अहमद ने ईटीवी भारत को बताया, 'इस त्रासदी को टाला जा सकता था अगर सरकार जिस पुल का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था, उसे समय पर पूरा कर लेती.' संवाददाता ने जब श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट बिलाल मोहिदीन से अधूरे पुल के बारे में पूछा तो उन्होंने सवाल को टाल दिया.
स्थानीय निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना नाव पलटने के एक घंटे बाद पहुंचे. कुछ स्थानीय लोगों और गैर-स्थानीय मजदूरों ने दो बच्चों सहित छह लोगों को बचाया.
यूपी के एक मजदूर दुदुनाथ ने ईटीवी भारत को बताया कि उसने लोगों को नदी में डूबते और मदद के लिए चिल्लाते देखा. उन्होंने कहा, 'नाव निर्माणाधीन पुल के स्टील के खंभे से टकरा गई और पलट गई.'
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने घटना पर दुख व्यक्त किया. लेकिन पुल के पूरा न होने पर निवासियों ने इन सभी नेताओं से सवाल किए.
एलजी मनोज सिन्हा ने ट्वीट किया, 'श्रीनगर में एक नाव दुर्घटना के कारण हुई लोगों की मृत्यु से मुझे गहरा दुख हुआ है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस त्रासदी की जांच की मांग की और सवाल किया कि एलजी प्रशासन पुल को पूरा क्यों नहीं कर सका. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि उसने उस पुल को पूरा क्यों नहीं किया जो एनसी-कांग्रेस सरकार के समय से निर्माणाधीन है जब उमर साहब (उनके बेटे उमर अब्दुल्ला) मुख्यमंत्री थे. इस त्रासदी से सरकार को हिल जाना चाहिए और उसे इसकी जांच करनी चाहिए कि पुल पूरा क्यों नहीं हो सका.'