रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में ईडी की ओर से दलील पेश की गई. बुधवार को आंशिक बहस हुई. गुरुवार को फिर ईडी की ओर से पक्ष रखा जाएगा. ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पक्ष रखा. इस दौरान हेमंत सोरेन के अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी ऑनलाइन जुड़े थे.
दरअसल, न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में 10 जून को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखते हुए कहा था कि बड़गाई की जिस 8.866 एकड़ जमीन मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है, वह जमीन भुईंहरी है. उसका ट्रांसफर नहीं हो सकता है. उस जमीन के दस्तावेज में हेमंत सोरेन का कहीं भी नाम नहीं है. यह सिविल मामला है. इसलिए हेमंत सोरेन को जमानत दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि जमीन पर कब्जे की भी कोई शिकायत नहीं हुई है. याचिकार्ता की ओर से दलील पेश होने के बाद कोर्ट ने ईडी को पक्ष रखने के लिए 12 जून की तारीख तय की थी.
आपको बता दें कि 13 मई को ईडी की स्पेशल कोर्ट ने हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उसी को हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. दरअसल, लैंड स्कैम मामले में ईडी की टीम ने 31 जनवरी को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. उसी दिन उन्होंने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हैं.
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