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इमरजेंसी संविधान पर सबसे बड़ा हमला: राष्ट्रपति मुर्मू - president comments on emergency

president murmu comments on emergency: राष्ट्रपति के अभिभाषण में इमरजेंसी पर बड़ा हमला किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 1975 में देश में हाहाकार मचा था.

president-murmu comments on emergency
राष्ट्रपति-मुर्मू की आपातकाल पर टिप्पणी (ANI VIDEO)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 27, 2024, 12:24 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 12:32 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आपातकाल (इमरजेंसी) का भी जिक्र किया. इस पर उन्होंने कहा कि इमरजेंसी संविधान पर सबसे बड़ा हमला था. आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था.

राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, 'देश के अंदर और बाहर लोकतंत्र को कमजोर करने, समाज में खाई पैदा करने की साजिश कर रही विभाजनकारी ताकतें, हमारे लोकतंत्र को कलंकित करने के हर प्रयास की सभी को निंदा करनी चाहिए. राष्ट्रपति ने अभिभाषण में कहा कि संविधान पर अनेक बार हमले किए गए. 1975 में देश में हाहाकार मचा था.

राष्ट्रपति की यह टिप्पणी सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष के बीच आपातकाल को लेकर तीखी नोकझोंक के बीच आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रियों ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की भयावहता पर जोर दिया है. वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में 'अघोषित आपातकाल' लागू है.

संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने पिछले कार्यकाल में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और मौजूदा सरकार के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है और अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में 2014 में 11वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अब भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित है. सरकार तीनों क्षेत्रों विनिर्माण, सेवा और कृषि को समान प्राथमिकता दे रही है. भारत हर क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण हुआ पूरा, राष्ट्रपति भवन के लिए किया प्रस्थान, थोड़ी देर में शुरू होगी दोनों सदनों की कार्यवाही - parliament session 18th lok sabha

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आपातकाल (इमरजेंसी) का भी जिक्र किया. इस पर उन्होंने कहा कि इमरजेंसी संविधान पर सबसे बड़ा हमला था. आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था.

राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, 'देश के अंदर और बाहर लोकतंत्र को कमजोर करने, समाज में खाई पैदा करने की साजिश कर रही विभाजनकारी ताकतें, हमारे लोकतंत्र को कलंकित करने के हर प्रयास की सभी को निंदा करनी चाहिए. राष्ट्रपति ने अभिभाषण में कहा कि संविधान पर अनेक बार हमले किए गए. 1975 में देश में हाहाकार मचा था.

राष्ट्रपति की यह टिप्पणी सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष के बीच आपातकाल को लेकर तीखी नोकझोंक के बीच आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रियों ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की भयावहता पर जोर दिया है. वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में 'अघोषित आपातकाल' लागू है.

संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने पिछले कार्यकाल में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और मौजूदा सरकार के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है और अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में 2014 में 11वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अब भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित है. सरकार तीनों क्षेत्रों विनिर्माण, सेवा और कृषि को समान प्राथमिकता दे रही है. भारत हर क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 12:32 PM IST
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