नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद के दोनों सदनों में गरमागरम बहस जारी है. इस बीच मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को फटकार लगाई. बहस के दौरान धनखड़ ने खड़गे की टिप्पणियों पर कहा कि नेता विपक्ष को कुर्सी (सभापति) को लेकर किए गए अपने अनादर पर चिंतन करने का समय आ गया है.
उन्होंने कहा कि ना जयराम रमेश मुझे सभापति बना सकते हैं और ना आप. राज्यसभा के सभापति ने खड़गे को उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाते हुए कहा, "आप हर बार कुर्सी पर दबाव नहीं बना सकते. आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते. आप अचानक खड़े हो जाते हैं और जो कुछ भी आप कहना चाहते हैं, उसे बिना समझे बोलते हैं."
#WATCH | Delhi: Reacting to Congress MP Mallikarjun Kharge in Rajya Sabha, Vice President Jagdeep Dhankhar says, " ... you cannot every time run down the chair. you cannot every time disrespect the chair... you stand suddenly and speak whatever you want without understanding what… pic.twitter.com/3JzyTlEBKQ
— ANI (@ANI) July 2, 2024
'आपके लिए आत्मचिंतन का समय'
धनखड़ ने कहा, "इस देश के इतिहास में संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान कभी भी आसन के प्रति ऐसी अवहेलना नहीं हुई, जैसी आप लोगों ने की... आपके लिए आत्मचिंतन का समय है... मैंने हमेशा आपकी गरिमा की रक्षा करने की कोशिश की है. मुझ में बहुत धैर्य है, मैंने इस अपमान को बहुत सहन किया है, फिर भी आप खड़े होकर मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं. कल का दिन बहुत भयानक था, फिर भी मैं हमेशा आपकी गरिमा की रक्षा के लिए खड़ा रहा हूं."
RSS को लेकर हुई था बहस
बता दें कि सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुद्दे पर धनखड़ और खड़गे के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता खड़गे ने आरोप लगाया था कि देश शिक्षा प्रणाली पर बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने कब्जा कर लिया है.
खड़गे ने सोमवार को कहा, "यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर, प्रोफेसर, एनसीईआरटी और सीबीएसई सभी आरएसएस के नियंत्रण में हैं और अच्छे विचारों वाले लोगों के लिए वहां कोई जगह नहीं है."
'किसी भी संगठन का सदस्य होना कोई अपराध नहीं'
धनखड़ ने कहा कि इन टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा और किसी भी संगठन का सदस्य होना कोई अपराध नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने बहस को सांप्रदायिक रंग देने की भी निंदा की. सभापति ने कहा, "खड़गे जी यह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा. मैं इसे हटा रहा हूं... क्या किसी संगठन का सदस्य होना अपराध है? आप यही कह रहे हैं, आप पाखंडी जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्या मैं इसकी अनुमति कैसे दे सकता हूं? आप कह रहे हैं कि एक संगठन ने कब्जा कर लिया. यह गलत है. मान लीजिए कि कोई व्यक्ति आरएसएस का सदस्य है, तो क्या यह अपने आप में अपराध है? इसमें सांप्रदायिक क्या है?"
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