पूर्णिया: आरजेडी के द्वारा पूर्णिया सीट पर अपने उम्मीदवार खड़ा किए जाने से नाराज चल रहे पप्पू यादव ने अब चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वो 4 अप्रैल को पूर्णिया सीट से नामाकंंन करेंगे. हाल ही में वो अपनी पार्टी जाप का विलय कर कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन पूर्णिया सीट पर पप्पू यादव को टिकट देने में कांग्रेस नाकाम रही है, अब पप्पू भी इस सीट के लिए अड़े हुए हैं और उन्होंने साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस के सिंबल पर ही पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे.
"जनता ने कांग्रेस का झंडा मेरे हाथ में दे दिया है और उस झंडे को जनता 26 अप्रैल को स्थापित करेगी. कांग्रेस से कभी अगल नहीं हो सकते हैं. देश सामने है, पार्टी पीछे में है. देश के हित के लिए हमारी पार्टी लड़ रही है, पूर्णिया की धरती पर कांग्रेस के झंडे को स्थापित करना हमारा संकल्प है"- पप्पू यादव, कांग्रेस नेता
बताया कांग्रेस में मर्ज करने का कारणः दरअसल पूर्णिया में पप्पू यादव ने एक प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि वह कांग्रेस के बैनर तले ही चुनाव लड़ेंगे और 4 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएंगे. उनकी पार्टी ने कांग्रेस में मर्ज इसलिए किया है कि सीमांचल में कांग्रेस की एक अलग पहचान बनानी है, जो 2024 चुनाव के बाद दिखेगा.
'ना तो कांग्रेस छोड़ेंगे और ना ही पूर्णिया': कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने ये भी कहा कि आज भी वह अपनी बात पर अडिग हैं. वह कांग्रेस के बैनर तले ही पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. मर जाएंगे, मिट जाएंगे, मगर ना तो कांग्रेस छोड़ेंगे और ना ही पूर्णिया. अब देखना यह है कि 4 अप्रैल को पप्पू यादव चुनावी मैदान में उतरते हैं या फिर इंडिया गठबंधन का साथ देने के लिए चुनावी प्रचार में जुटेगें.
आरजेडी की बीमा भारती को मिला टिकटः बता दें कि पूर्णिया से आरजेडी ने जेडीयू छोड़कर आईं विधायक बीमा भारती को टिकट दे दिया है, जबकि इस सीट पर कांग्रेस से पप्पू यादव लड़ना चाहते थे, वो काफी महीनों से इसकी तैयारी भी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी पप्पू यादव को वहां से टिकट नहीं मिल सका. इसे लेकर महागठबंधन में लंबी खीचातानी भी हुई, लेकिन पप्पू यादव को कांग्रेस यहां से टिकट नहीं दे सकी, क्योंकि आरजेडी इस सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई. अब तो सीटों का औपचारिक ऐलान भी हो चुका है.
निर्दलीय भी लड़ सकते हैं चुनावः चर्चा तो इस बात की भी है कि अगर कांग्रेस आलाकमान पप्पू यादव को पार्टी का सिंबल नहीं देता है, तो वह निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में राजद की बीमा भारती से उनकी फ्रेंडली फाइट हो सकती है. अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय करने के बाद पप्पू यादव पूर्णिया से कांग्रेस उम्मीदवार बनने की आस लगाए हुए थे, लेकिन अब बिहार में इंडिया गठबंधन की सीटों की तस्वीर साफ होने के बाद पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट किसी भी हाल में नहीं छोड़ने का ऐलान कर दिया है, जो पहले दिन से ही वो कहते आ रहे थे.
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