ETV Bharat / international

इमरान खान के हजारों समर्थकों का विरोध मार्च, इस्लामाबाद में 'लॉकडाउन', इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज बंद - IMRAN KHAN SUPPORTERS MARCH

Imran Khan Supporters March: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल से 24 नवंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.

Imran Khan supporters long march protest heavy security deployment lockdown in Islamabad
इमरान खान के हजारों समर्थकों का विरोध मार्च, इस्लामाबाद में 'लॉकडाउन', इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज बंद (स्क्रीनशॉट)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2024, 10:03 PM IST

इस्लामाबाद: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थक विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं. 72 वर्षीय इमरान खान ने 24 नवंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसमें उन्होंने जनादेश की चोरी, लोगों की अवैध गिरफ्तारी और 26वां संविधान संशोधन पारित होने की निंदा की थी. उन्होंने कहा कि इस संशोधन ने 'तानाशाही शासन' को मजबूत किया है.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों के मार्च को देखते हुए इस्लामाबाद में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है और मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

हालांकि, खान के समर्थक अभी भी इस्लामाबाद शहर से दूर हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि वे गंतव्य तक कब पहुंचेंगे. संघीय सरकार ने विरोध को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती, प्रमुख सड़कों को बंद करना और राजधानी के चारों ओर बैरिकेडिंग करना शामिल है. साथ ही सरकार ने सड़कों पर अवरोधों के कारण इस्लामाबाद में शैक्षणिक संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.

इस बीच, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस्लामाबाद की सुरक्षा करने की कसम खाई है. गृह मंत्री ने डी-चौक (D-Chowk) का दौरा किया, जहां खान की पार्टी पीटीआई ने धरना देने का एलान किया है.

डी-चौक प्रेसीडेंसी, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट जैसी कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों के करीब स्थित है. क्षेत्र की निगरानी के लिए पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के साथ रेंजर्स को तैनात किया गया है.

मीडिया से बात करते हुए नकवी ने कहा कि मार्च को देखते हुए सरकार ने सख्त सुरक्षा उपाय किए हैं. उन्होंने कहा, "एक विकल्प यह है कि हम उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) आने दें और इस्लामाबाद को पंगु बना दें. दूसरा विकल्प इस्लामाबाद की सुरक्षा करना है." उन्होंने कहा कि डी-चौक की ओर मार्च करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा.

शहर की नाकेबंदी
नकवी ने कहा कि पूरे शहर की नाकेबंदी कर दी गई है और सरकार असुविधा का सामना कर रहे लोगों को हरसंभव राहत देने की कोशिश कर रही है. नकवी ने कहा, "जिस क्षेत्र में उन्होंने (पीटीआई) विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, वह इस्लामाबाद का संरक्षित क्षेत्र है, जिसकी निगरानी आईजी और डीआईजी करते हैं." उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल सेवाएं अभी भी चालू हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.

नकवी ने विरोध प्रदर्शन के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी उसी मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे, जिससे दौरे पर आए बेलारूस के प्रतिनिधिमंडल को गुजरना था. उन्होंने कहा कि विरोध करना लोगों का अधिकार है, लेकिन सड़कों को बाधित करना और परेशानी पैदा करना कहीं से भी जायज नहीं है.

वहीं, पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ता तरार ने कहा कि शहर में कुछ मार्ग बंद हैं, जबकि अन्य अभी भी खुले हैं. उन्होंने कहा कि शहर की नाकेबंदी के लिए पीटीआई के लोग जिम्मेदार हैं.

यह भी पढ़ें- एलन मस्क ने भारत की चुनावी प्रक्रिया की प्रशंसा की, अमेरिकी प्रणाली पर किया कटाक्ष

इस्लामाबाद: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थक विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं. 72 वर्षीय इमरान खान ने 24 नवंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसमें उन्होंने जनादेश की चोरी, लोगों की अवैध गिरफ्तारी और 26वां संविधान संशोधन पारित होने की निंदा की थी. उन्होंने कहा कि इस संशोधन ने 'तानाशाही शासन' को मजबूत किया है.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों के मार्च को देखते हुए इस्लामाबाद में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है और मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

हालांकि, खान के समर्थक अभी भी इस्लामाबाद शहर से दूर हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि वे गंतव्य तक कब पहुंचेंगे. संघीय सरकार ने विरोध को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती, प्रमुख सड़कों को बंद करना और राजधानी के चारों ओर बैरिकेडिंग करना शामिल है. साथ ही सरकार ने सड़कों पर अवरोधों के कारण इस्लामाबाद में शैक्षणिक संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.

इस बीच, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस्लामाबाद की सुरक्षा करने की कसम खाई है. गृह मंत्री ने डी-चौक (D-Chowk) का दौरा किया, जहां खान की पार्टी पीटीआई ने धरना देने का एलान किया है.

डी-चौक प्रेसीडेंसी, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट जैसी कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों के करीब स्थित है. क्षेत्र की निगरानी के लिए पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के साथ रेंजर्स को तैनात किया गया है.

मीडिया से बात करते हुए नकवी ने कहा कि मार्च को देखते हुए सरकार ने सख्त सुरक्षा उपाय किए हैं. उन्होंने कहा, "एक विकल्प यह है कि हम उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) आने दें और इस्लामाबाद को पंगु बना दें. दूसरा विकल्प इस्लामाबाद की सुरक्षा करना है." उन्होंने कहा कि डी-चौक की ओर मार्च करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा.

शहर की नाकेबंदी
नकवी ने कहा कि पूरे शहर की नाकेबंदी कर दी गई है और सरकार असुविधा का सामना कर रहे लोगों को हरसंभव राहत देने की कोशिश कर रही है. नकवी ने कहा, "जिस क्षेत्र में उन्होंने (पीटीआई) विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, वह इस्लामाबाद का संरक्षित क्षेत्र है, जिसकी निगरानी आईजी और डीआईजी करते हैं." उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल सेवाएं अभी भी चालू हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.

नकवी ने विरोध प्रदर्शन के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी उसी मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे, जिससे दौरे पर आए बेलारूस के प्रतिनिधिमंडल को गुजरना था. उन्होंने कहा कि विरोध करना लोगों का अधिकार है, लेकिन सड़कों को बाधित करना और परेशानी पैदा करना कहीं से भी जायज नहीं है.

वहीं, पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ता तरार ने कहा कि शहर में कुछ मार्ग बंद हैं, जबकि अन्य अभी भी खुले हैं. उन्होंने कहा कि शहर की नाकेबंदी के लिए पीटीआई के लोग जिम्मेदार हैं.

यह भी पढ़ें- एलन मस्क ने भारत की चुनावी प्रक्रिया की प्रशंसा की, अमेरिकी प्रणाली पर किया कटाक्ष

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.