रायपुर: छत्तीसगढ़ की तीन विभूतियों को गणतंत्र दिवस 2024 पर पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा जाएगा. रायगढ़ के कथक नर्तक पंडित राम लाल बरेठ, नारायणपुर के वैद्यराज हेमचंद मांझी और जशपुर के जागेश्वर यादव का नाम शामिल हैं. पंडित राम लाल बरेठ को कला क्षेत्र में, वैद्यराज हेमचंद मांझी को चिकित्सा क्षेत्र में और जागेश्वर यादव को समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए पद्मश्री सम्मान देने के घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंडित राम लाल बरेठ, जागेश्वर यादव और वैद्यराज हेमचंद मांझी को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी.
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जशपुर के जनजातीय कल्याण के लिए समर्पित जशपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्री जगेश्वर यादव जी, जिन्होंने नंगे पैर रहने का संकल्प लेकर सरगुजा अंचल के साथ रायगढ़ बिरहोर पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया एवं नारायणपुर के वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी जी को #पद्मश्री… pic.twitter.com/q6ASusAGJk
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">जशपुर के जनजातीय कल्याण के लिए समर्पित जशपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्री जगेश्वर यादव जी, जिन्होंने नंगे पैर रहने का संकल्प लेकर सरगुजा अंचल के साथ रायगढ़ बिरहोर पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया एवं नारायणपुर के वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी जी को #पद्मश्री… pic.twitter.com/q6ASusAGJk
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) January 25, 2024जशपुर के जनजातीय कल्याण के लिए समर्पित जशपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्री जगेश्वर यादव जी, जिन्होंने नंगे पैर रहने का संकल्प लेकर सरगुजा अंचल के साथ रायगढ़ बिरहोर पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया एवं नारायणपुर के वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी जी को #पद्मश्री… pic.twitter.com/q6ASusAGJk
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बिरहोर और पहाड़ी कोरवा की सेवा के लिए जागेश्वर यादव को सम्मान: विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर और पहाड़ी कोरवा की भलाई के लिए जागेश्वर यादव ने अपना जीवन समर्पित कर दिया. मुख्यमंत्री ने पद्मश्री सम्मान के लिए जागेश्वर यादव के चयन के बाद उन्हें फोन किया और बधाई दी.
मुख्यमंत्री ने वैद्यराज हेमचंद मांझी द्वारा नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में पारंपरिक औषधि जड़ी-बूटी से बीते पांच दशकों से जरूरतमंद लोगों का इलाज को उनकी सेवा का प्रतिफल कहा है.
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कथक के उम्दा नर्तक, अकादमी पुरस्कार विजेता रायगढ़ के पं. श्री रामलाल बरेठ जी को 'पद्मश्री' सम्मान मिलने की सूचना पाकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। आपके इस सम्मान से पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित है।
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आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। pic.twitter.com/6MHBScXrPp
">कथक के उम्दा नर्तक, अकादमी पुरस्कार विजेता रायगढ़ के पं. श्री रामलाल बरेठ जी को 'पद्मश्री' सम्मान मिलने की सूचना पाकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। आपके इस सम्मान से पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित है।
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आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। pic.twitter.com/6MHBScXrPpकथक के उम्दा नर्तक, अकादमी पुरस्कार विजेता रायगढ़ के पं. श्री रामलाल बरेठ जी को 'पद्मश्री' सम्मान मिलने की सूचना पाकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। आपके इस सम्मान से पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित है।
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कथक नर्तक पंडित राम लाल बरेठ ने कला के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. रायगढ़ के रहने वाले पंडित राम लाल बरेठ के पिता कार्तिक राम बरेठ भी कथक नर्तक रहे हैं. पंडित राम लाल बरेठ को संगीत नाटक अकादमी द्वारा भी पुरस्कृत किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन तीनों विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्य से राष्ट्रीय स्तर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है.
छत्तीसगढ़ में अब तक 29 लोगों को पद्मश्री सम्मान: साल 1976 से लेकर 2023 तक छत्तीसगढ़ के 26 लोगों को पद्मश्री सम्मान मिल चुका है. पंडित राम लाल बरेठ, जागेश्वर यादव और हेमचंद मांझी का नाम पद्मश्री के लिए घोषित होने पर पद्मश्री सम्मान से विभूषित होने वालों की संख्या 29 हो गई है.
पंड़वानी गायिका तीजन बाई को मिला है तीनों पद्म सम्मान: विश्व विख्यात पंडवानी गायिका तीजन बाई छत्तीसगढ़ की एक मात्र ऐसी हस्ती है, जिन्हें भारत सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला तीनों पद्म सम्मान मिला है. तीजन बाई को लोक गायन (पंडवानी) के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए साल 1988 में पद्मश्री, साल 2003 में पद्म भूषण और साल 2019 में पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया है.