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5.8 लाख सिम कार्ड और एक लाख से ज्यादा IMEI नंबर ब्लॉक किए गए: होम मिनिस्ट्री - MHA 5 lakhs SIM cards blocked

MHA blocked over 5 lakhs SIM cards IMEI Number : गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाए हैं. इसके तहत अन्य बातों के अलावा सिम कार्ड को ब्लॉक करना भी शामिल है. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

SIM cards
गृह मंत्रालय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 25, 2024, 9:20 AM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार ने 5.8 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,08,000 आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए हैं. गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, 'पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अब तक भारत सरकार द्वारा 5.8 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,08,000 आईएमईआई ब्लॉक किए गए हैं.'

कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के विषय हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) की क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत परामर्श और वित्तीय सहायता के माध्यम से उनकी पहलों को सहायता प्रदान करती है.

उन्होंने कहा, 'सरकार अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से साइबर अपराध सहित अन्य अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं.' कुमार ने कहा कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के जांच अधिकारियों (IO) को प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करने के लिए नई दिल्ली में अत्याधुनिक ‘राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच)’ की स्थापना की गई है.

उन्होंने कहा, 'अब तक राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (Investigation) ने साइबर अपराधों से संबंधित मामलों की जांच में उनकी मदद करने के लिए मोबाइल फोरेंसिक, मेमोरी फोरेंसिक, सीडीआर विश्लेषण आदि जैसे लगभग 10,200 साइबर फोरेंसिक सेवाएं प्रदान की हैं.'

उन्होंने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए I4C के तहत 'नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली' शुरू की गई है. मंत्री ने कहा, 'अब तक 7.6 लाख से अधिक शिकायतों में 2400 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है. ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' चालू किया गया है.'

उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (CCPWC) योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, जूनियर साइबर सलाहकारों की भर्ती और एलईए के कर्मियों, सरकारी अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण जैसे क्षमता निर्माण के लिए 131.60 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है.

मंत्री ने कहा, '33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं चालू की गई हैं और 24,600 से अधिक एलईए कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच, फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है.'

ये भी पढ़ें- आपके नाम पर हैं कई सिम कार्ड, तो लगेगा जुर्माना और जाएंगे जेल

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार ने 5.8 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,08,000 आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए हैं. गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, 'पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अब तक भारत सरकार द्वारा 5.8 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,08,000 आईएमईआई ब्लॉक किए गए हैं.'

कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के विषय हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) की क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत परामर्श और वित्तीय सहायता के माध्यम से उनकी पहलों को सहायता प्रदान करती है.

उन्होंने कहा, 'सरकार अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से साइबर अपराध सहित अन्य अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं.' कुमार ने कहा कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के जांच अधिकारियों (IO) को प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करने के लिए नई दिल्ली में अत्याधुनिक ‘राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच)’ की स्थापना की गई है.

उन्होंने कहा, 'अब तक राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (Investigation) ने साइबर अपराधों से संबंधित मामलों की जांच में उनकी मदद करने के लिए मोबाइल फोरेंसिक, मेमोरी फोरेंसिक, सीडीआर विश्लेषण आदि जैसे लगभग 10,200 साइबर फोरेंसिक सेवाएं प्रदान की हैं.'

उन्होंने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए I4C के तहत 'नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली' शुरू की गई है. मंत्री ने कहा, 'अब तक 7.6 लाख से अधिक शिकायतों में 2400 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है. ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' चालू किया गया है.'

उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (CCPWC) योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, जूनियर साइबर सलाहकारों की भर्ती और एलईए के कर्मियों, सरकारी अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण जैसे क्षमता निर्माण के लिए 131.60 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है.

मंत्री ने कहा, '33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं चालू की गई हैं और 24,600 से अधिक एलईए कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच, फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है.'

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