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'UPSC मुझे अयोग्य नहीं ठहरा सकता...' बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया - Pooja Khedkar relief from arrest

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 29, 2024, 1:07 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 11:42 AM IST

Pooja Khedkar gets relief from arrest: बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने फर्जी पहचान मामले में पूजा खेडकर की गिरफ्तारी के लिए उनकी अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर
बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर (File Photo)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने दलील रखी कि यूपीएससी के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है. गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि यूपीएससी किसी को नियुक्त करने के बाद हटा नहीं सकता. हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने दलीलें सुनने के बाद गिरफ्तारी पर लगी रोक 5 सितंबर तक बढ़ा दी.

'नेम और सरनेम में कोई बदलाव नहीं'
खेडकर के वकील ने इन आरोपों को खारिज किया कि पूजा खेडकर ने अपने सरनेम में कभी कोई बदलाव किया. उन्होंने कहा कि पूजा खेडकर ने 2012 से लेकर 2022 तक अपने नेम और सरनेम में कोई बदलाव या कोई धोखाधड़ी नहीं की है. उनकी जन्म तिथि, आधार कार्ड और एकेडमिक सर्टिफिकेट में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया."

पुलिस ने किया जमानत याचिका का विरोध
बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि, पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर आरोप हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि यह मामला सिविल सेवाओं में आरक्षित श्रेणियों के दुरुपयोग से जुड़ा है. इस मामले की वजह से सार्वजनिक विश्वास पर व्यापक असर पड़ा है और यह सीधे तौर पर पूरी परीक्षा के साथ चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता व अखंडता को प्रभावित करता है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उसके पास साक्ष्य के तौर पर ईमेल, चैट, और दूसरे फिजिकल रिकॉर्ड जो अभी तक अधिकारियों को प्रस्तुत नहीं किए गए हैं वो भी मौजूद हैं.

यह भी पढ़ें- बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई आज

'साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकती हैं याचिकाकर्ता'

दिल्ली पुलिस का कहना है कि, "अगर जांच के प्रारंभिक चरण में आरोपी को सुरक्षा दी गई तो याचिकाकर्ता इन्हें नष्ट कर सकता है. क्योंकि याचिकाकर्ता के सूचना में हेरफेर करने के कथित इतिहास भी है. मामले की जांच में चल रही है जिसमें पूछताछ करना भी शामिल है. इसमें विकलांगता प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की पुष्टि करना, शैक्षणिक या चिकित्सा संस्थानों जैसे अन्य संस्थानों के दावों की जांच करना शामिल है. अगर पूजा खेडकर को जमानत दी जाती है तो वह भ्रामक जानकारी प्रदान करके या इन संस्थानों पर रिकॉर्ड या गवाही बदलने के लिए दबाव डालकर जांच प्रक्रियाओं में बाधा डाल सकती है. अब तक की जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि धोखाधड़ी में अन्य लोग भी शामिल हैं."

बता दें कि 21 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर को मिली राहत को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया था. 12 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दिया था. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था. एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत का किया विरोध, कहा- धोखाधड़ी के हैं गंभीर आरोप

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने दलील रखी कि यूपीएससी के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है. गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि यूपीएससी किसी को नियुक्त करने के बाद हटा नहीं सकता. हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने दलीलें सुनने के बाद गिरफ्तारी पर लगी रोक 5 सितंबर तक बढ़ा दी.

'नेम और सरनेम में कोई बदलाव नहीं'
खेडकर के वकील ने इन आरोपों को खारिज किया कि पूजा खेडकर ने अपने सरनेम में कभी कोई बदलाव किया. उन्होंने कहा कि पूजा खेडकर ने 2012 से लेकर 2022 तक अपने नेम और सरनेम में कोई बदलाव या कोई धोखाधड़ी नहीं की है. उनकी जन्म तिथि, आधार कार्ड और एकेडमिक सर्टिफिकेट में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया."

पुलिस ने किया जमानत याचिका का विरोध
बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि, पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर आरोप हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि यह मामला सिविल सेवाओं में आरक्षित श्रेणियों के दुरुपयोग से जुड़ा है. इस मामले की वजह से सार्वजनिक विश्वास पर व्यापक असर पड़ा है और यह सीधे तौर पर पूरी परीक्षा के साथ चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता व अखंडता को प्रभावित करता है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उसके पास साक्ष्य के तौर पर ईमेल, चैट, और दूसरे फिजिकल रिकॉर्ड जो अभी तक अधिकारियों को प्रस्तुत नहीं किए गए हैं वो भी मौजूद हैं.

यह भी पढ़ें- बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई आज

'साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकती हैं याचिकाकर्ता'

दिल्ली पुलिस का कहना है कि, "अगर जांच के प्रारंभिक चरण में आरोपी को सुरक्षा दी गई तो याचिकाकर्ता इन्हें नष्ट कर सकता है. क्योंकि याचिकाकर्ता के सूचना में हेरफेर करने के कथित इतिहास भी है. मामले की जांच में चल रही है जिसमें पूछताछ करना भी शामिल है. इसमें विकलांगता प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की पुष्टि करना, शैक्षणिक या चिकित्सा संस्थानों जैसे अन्य संस्थानों के दावों की जांच करना शामिल है. अगर पूजा खेडकर को जमानत दी जाती है तो वह भ्रामक जानकारी प्रदान करके या इन संस्थानों पर रिकॉर्ड या गवाही बदलने के लिए दबाव डालकर जांच प्रक्रियाओं में बाधा डाल सकती है. अब तक की जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि धोखाधड़ी में अन्य लोग भी शामिल हैं."

बता दें कि 21 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर को मिली राहत को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया था. 12 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दिया था. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था. एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत का किया विरोध, कहा- धोखाधड़ी के हैं गंभीर आरोप

Last Updated : Aug 30, 2024, 11:42 AM IST
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