नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की 27 सदस्यीय मैनिफेस्टो कमेटी की दूसरी बैठक कमेटी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. हालांकि पार्टी दो दशक के दौरान अपने किए गए अधिकांश वादों को पूरा कर चुकी है. इस वजह से विपक्षी पार्टियों को इस बार भाजपा के घोषणा पत्र का इंतजार है. बीजेपी ने संकल्प पत्र तैयार करने से पहले हर बार की तरह इस बार भी कमेटी बनाई है जो आम आदमी से मिले सुझावों पर भी चर्चा कर रही है जिसकी दूसरी बैठक गुरुवार को बीजेपी मुख्यालय में हुई.
सूत्रों की मानें तो पार्टी अपने संकल्प पत्र में प्रमुखता मोदी की गारंटी और 2047 के विकसित भारत को से सकती है. हालांकि इस संकल्प पत्र में विजन 2047 के अलावा घोषणा पत्र के लिए बीजेपी ने 27 सदस्यीय टीम का भी गठन किया है. इसके अध्यक्ष केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं. सूत्रों की माने तो बीजेपी अपने घोषणा पत्र में पिछले 10 सालों में सरकार की उपलब्धियों का ब्योरा और पूरे किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र भी कर सकती है जिनमे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा, सीएए को लागू करना, तीन तलाक़, कश्मीर से धारा 370 का हटना जैसे जिक्र तो किया ही जाएगा साथ ही इशारों में एनआरसी और वन इलेक्शन वन नेशन का भी जिक्र कर सकती है.
प्रधानमंत्री मुख्य तौर पर अपने भाषणों में चार जातियों का जिक्र करते रहे हैं जिनमे ज्ञान यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्त्ति का जिक्र भी इस संकल्प पत्र में होने की पूरी संभावना है. इससे पहले पार्टी ने पहली बैठक के बाद बताया था कि मिस्ड कॉल सेवा से 3 लाख से ऊपर और नमो ऐप के जरिए लगभग 2 लाख सुझाव मिले हैं. इन सुझावों को भी पार्टी अपने संकल्प पत्र में शामिल करेगी. मगर बीजेपी के संकल्प पत्र में सबसे ज्यादा अगर नजर है तो ज्ञानव्यापी और अयोध्या के बाद क्या पार्टी कृष्ण जन्मभूमि को भी विकसित करने के भी वायदे करेगी. इस मुद्दे पर ना सिर्फ जनता बल्कि विपक्षी पार्टियों की भी नजर रहेगी क्योंकि ये पार्टी के लिए वोटों का ध्रुवीकरण भी कर सकता है. साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर भी भाजपा दमखम के साथ अपने संकल्प पत्र के मुख्य वायदों में शामिल कर सकती है.
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