चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के अभिभाषण के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दे को लेकर नारेबाजी की, जिससे अभिभाषण में व्यवधान उत्पन्न हुआ. पुरोहित ने हंगामे के बीच अपने अभिभाषण की कुछ पंक्तियां पढ़ीं और सदन से कहा कि शेष हिस्से को पढ़ा हुआ माना जाए. जैसे ही राज्यपाल ने अपना अभिभाषण शुरू किया, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने किसानों का मुद्दा उठाया और कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान मारे गये शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए.
वड़िंग ने कहा, 'यह अच्छा होगा यदि राज्यपाल मृतक युवा किसान को श्रद्धांजलि दें.' नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हरियाणा ने पंजाब के साथ अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. उन्होंने इस मामले पर पंजाब के राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, 'आप अपने किसानों की रक्षा करने में सक्षम नहीं रहे हैं.' कांग्रेस सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि पहले किसानों के मुद्दों पर चर्चा की जाए, जिस पर राज्यपाल ने कहा, 'मैं विपक्ष के नेता से अनुरोध करूंगा कि आपके पास इन चीजों पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय है. एजेंडा और परंपरा के अनुसार, मुझे अभिभाषण देना है, मेरे अभिभाषण के बाद आप कोई भी मुद्दा उठा सकते हैं.'
पुरोहित ने कहा, 'बहुत सारे गंभीर सवाल हो सकते हैं, इससे मैं सहमत हूं, लेकिन यह समय मेरे अभिभाषण का है, आप क्यों बाधा डाल रहे हैं? यह उचित नहीं है, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि यह सदन बहस के लिए है, आपको पर्याप्त समय मिलेगा.' विधानसभा अध्यक्ष ने भी कांग्रेस विधायकों से राज्यपाल को अपना अभिभाषण पूरा करने देने का अनुरोध किया. कांग्रेस सदस्य किसानों के मुद्दे पर केंद्र, पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप)-नीत सरकार के साथ-साथ हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.
उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कथित अत्याचार के लिए हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की. इस पर राज्यपाल ने कहा, 'इस स्थिति में मेरे लिए अभिभाषण देना मुश्किल है. नियमों के मुताबिक, मैं पहली पंक्ति पढ़ रहा हूं. इस भाषण को पढ़ा हुआ माना जा सकता है.' प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए, पंजाब के कांग्रेस विधायकों ने हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के दौरान किसानों के घायल होने के मामले में भी प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों के पक्ष में सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. खनौरी में 21 फरवरी को किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में बठिंडा के मूल निवासी शुभकरण (21) की मौत हो गई थी और 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
यह घटना उस वक्त हुई जब कुछ प्रदर्शनकारी किसान पुलिस की ओर से लगाए गए अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. शुभकरण का गुरुवार को पंजाब के बठिंडा जिले में उनके पैतृक स्थान पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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