रांची: प्रवर्तन निदेशालय ने 26 जून 2023 को दर्ज ECIR No. RNZO/25/2023 मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के सेक्सन 19 को ग्राउंड बनाते हुए हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है. एजेंसी का कहना है कि ECIR No. RNZO/18/2022 मामले में 13 अप्रैल 2023 को कई जगहों पर छापेमारी की गई थी. उस दौरान रांची स्थित बड़गाईं के रेवेन्यू सब इंस्पेक्टर भानु प्रताप प्रसाद के घर से 11 बक्सों में रखे गए जमीन से जुड़े कागजात बरामद हुए थे. इनमें 17 पंजी-2 की ओरिजिनल कॉपियां भी मिली थीं. भानु प्रताप प्रसाद इन रजिस्टर -2 को मेंटेन करने के लिए कस्टोडियन की भूमिका में था. वह कई लोगों के साथ मिलकर ओरिजिनल रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करता था, इसकी बदौलत अवैध तरीके से जमीन का हस्तांतरण होता था.
ईडी का कहना है कि राज्य सरकार से यह सूचना साझा करने के बाद रांची के सदर थाना में पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत 1 जून 2023 को FIR नं. 272/23 दर्ज हुआ था. इसी FIR के आधार पर एजेंसी ने ECIR No. RNZO/25/2023 दर्ज कर जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. एजेंसी का दावा है कि जांच में पता चला है कि प्रॉपर्टी को हथियाने के लिए भानु प्रताप प्रसाद के साथ एक सिंडिकेट काम कर रहा था. इसको अमली जामा पहनाने के लिए सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ किए जा रहे थे और उसी आधार पर अवैध तरीके से डीड बनाए जा रहे थे.
दस्तावेज में हेराफेरी कर हड़पी गई प्रॉपर्टी: एजेंसी के मुताबिक ऐसे हथकंडे अपना कर कई प्रॉपर्टी हड़प ली गई. इसमें हेमंत सोरेन के नाम वाली कई प्रॉपर्टी भी शामिल है. हेमंत सोरेन के नाम अवैध तरीके से हड़पी गई प्रॉपर्टी का डिटेल भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल रिकॉर्ड से मिला है. इसमें 12 ऐसी प्रॉपर्टी का जिक्र है जिसका क्षेत्रफल 8.5 एकड़ है. इस प्रॉपर्टी को हेमंत सोरेन के नाम से अवैध तरीके से हड़पा गया है. इस मामले में पीएमएलए के सेक्शन 50 के तहत कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं. जिससे पता चलता है कि इन प्रॉपर्टी को अवैध तरीके से हथिया लिया गया है और इनका इस्तेमाल हेमंत सोरेन के द्वारा किया जा रहा है. इसको लेकर पीएमएलए के सेक्शन 16 के तहत सर्वे करने पर यह साबित हो गया है कि इन प्रॉपर्टी पर हेमंत सोरेन का अवैध तरीके से कब्जा है.
हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से क्या मिला: एजेंसी के मुताबिक नई दिल्ली में हेमंत सोरेन के शांति निकेतन स्थित 5/1 आवास में सर्च के दौरान एक अलमारी से 36 लाख 34 हजार रु नकद जब्त किए गए हैं. इसके साथ ही कुछ कागजात भी मिले हैं जो बताते हैं कि कैसे लैंड प्रॉपर्टी पर अवैध तरीके से कब्जा किया गया है. लिहाजा, पीएमएलए के सेक्शन 3 के तहत यह बताने के लिए काफी है कि प्रॉपर्टी को हथियाने में हेमंत सोरेन की सीधी भूमिका है जो अपराध के दायरे में आता है. इससे यह भी साबित होता है कि इस पूरे खेल में हेमंत सोरेन भी शामिल हैं. इस खेल को अंजाम देने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग हुआ है. इसमें हेमंत सोरेन की सीधी भूमिका है. एजेंसी का दावा है कि भानु प्रताप प्रसाद और अन्य के अलावा हेमंत सोरेन पीएमएलए के सेक्शन 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी हैं. इसी आधार पर पूरी जानकारी देने के बाद हेमंत सोरेन को पीएमएलए के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तार किया गया.
हेमंत को बताया गया गिरफ्तारी की वजह: हेमंत सोरेन ने यह लिखते हुए हस्ताक्षर भी किया है कि 31 जनवरी को उनके आवास पर पूछताछ करने आई एजेंसी की टीम ने शाम 5:00 बजे गिरफ्तारी की सूचना दे दी थी. इसके बाद वह खुद राज्यपाल के पास इस्तीफा देने गए थे. इसके बाद रात 10:00 बजे गिरफ्तारी का पूरा कारण बताया गया.
फिलहाल, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सियासी संकट शुरू हो गया है. हालांकि मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के साथ ही चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुनकर नई सरकार बनाने का दवा पेश किया जा चुका है, लेकिन राजभवन से अभी तक इसके लिए समय नहीं मिला है. लिहाजा, हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना को देखते हुए सत्ताधारी दल के विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है.
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