हरिद्वार: योग गुरु बाबा रामदेव ने लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव में देशवासियों से मतदान अवश्य करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि लोग मतदान कर ऐसी सरकार को चुनें जो विरासत को, विकास को, संस्कृति को, समृद्धि को, हमारे कल्चर को साथ लेकर के चले. दूसरी तरफ भारत को विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए सामरिक महाशक्ति बनाने के लिए समर्थ हो.
योग गुरु बाबा रामदेव के संन्यास के 30 साल पूरे: योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि रामराज्य स्थापित करने वाली ऐसी सरकार चुनेंगे, तो सब भारतीयों के सपने पूरे होंगे. वहीं स्वामी गोविंद देव ने कहा कि चुनाव पर सभी को मतदान अवश्य करना है. एक भी व्यक्ति मतदान के बिना न रहे. अगर कोई मतदान न करे तो उसे ऐसा अनुभव होना चाहिए, जैसे उसने कोई पाप किया. योग गुरु बाबा रामदेव आज शिवाजी महाराज कथा के समापन अवसर और अपने संन्यास दिवस के 30 वर्ष पूरे होने और रामनवमी के अवसर मीडिया से बात कर रहे थे.
बाबा रामदेव ने राष्ट्रवादी सरकार बनाने की अपील की: योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि यह सच है कि हमारा आध्यात्मिक जीवन हमारे सांस्कृतिक सनातन संविधान से चलता है. लेकिन देश देश के संविधान से चलता है और देश के संविधान ने सबसे बड़ा अधिकार हमें दिया है वोट करने का. तो जो राष्ट्रवादी सरकार है जो सनातन धर्म की जड़ों के साथ जुड़ी हुई सरकार है उसके लिए वोट करें. मैं संन्यासी होने के नाते वोट अवश्य करता हूं. मैं सबसे आह्वान करूंगा कि राष्ट्रीय हित में वोट जरूर करें. ऐसी सरकार को चुनें जो विरासत को, विकास को, संस्कृति को समृद्धि करते हुए हमारे कल्चर को साथ लेकर के चले. भारत को विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए, सामरिक महाशक्ति बनने के लिए समर्थ हो.
आचरण की श्रेष्ठता अपनाने की सीख: योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि रामराज आएगा हमारे आचरण की श्रेष्ठता से. राम हमारे आचरण की पवित्रता हैं. राम हमारे अवतारी सत्ता भी हैं. राम हमारे देव भी हैं. राम के हम वंशधरा हैं. हम रामकृष्ण की संतान हैं तो राम एक आदर्श पिता हैं, एक पुत्र हैं, एक शासक हैं, एक तपस्वी हैं और जो हम भजन गाते हैं रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम, हमारे मन के अंदर राम और सीता का विग्रह बस जाए, सियाराम मय सब जग जानी. इसी संकल्प के साथ सारे देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाओं के साथ ही राम और सीता के साक्षात विग्रह बने लक्ष्मी नारायण के भगवान भगवती के उमा महेश्वर के हम साक्षात विग्रह प्रतिरूप मूर्ति रूप उत्तराधिकारी बनकर उन सबके सपनों को पूरा करने वाले बनें.
छत्रपति शिवाजी की कथा का समापन: योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि अपने संन्यास दिवस के 30 वर्ष पूरे होने के अवसर पर पहली बार व्यासपीठ से छत्रपति शिवाजी महाराज की कथा हमारे सनातन धर्म के राष्ट्र धर्म के सबसे बड़े उद्घोषक गोविंद देव गिरि महाराज कर रहे हैं. उद्देश्य है जिस तरीके से गौ माता की, भारत माता की रक्षा के लिए और अखंड भारत के निर्माण के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो शौर्य पराक्रम के साथ प्रचंड कार्य किया उसे याद किया जाए. छत्रपति शिवाजी महाराज ने अखंड भारत के संकल्प की संकल्पना ही नहीं की बल्कि उनकी प्रतिष्ठा के लिए 50 वर्षों तक निरंतर संघर्ष किया. हमेशा विजेता की तरह लड़ते रहे और जीतते रहे. वह यह नहीं कहते थे कि करेंगे और मरेंगे और कहते थे करेंगे और जीतेंगे. ऐसे महापुरुष के शौर्य से यह सनातन धर्मी जगह और इस देश को शिक्षा की गुलामी से, चिकित्सा की गुलामी से, इस देश को आर्थिक गुलामी से, वैचारिक संस्कृति गुलामी और विलासिता की गुलामी से मुक्ति मिले.
बाबा रामदेव बोले- 250 से ज्यादा योगी योद्धा तैयार किए: आज मैं 30 वर्ष का संन्यासी हो गया हूं. अपने जैसे ढाई सौ से अधिक और योगी, योद्धा, वेद भक्त, सनातन धर्म और राष्ट्र धर्म को समान रूप से गौरव देने वाले योद्धा संन्यासी भी तैयार कर दिए हैं. पूरे देश को खड़ा करेंगे. जो सपना देखा था छत्रपति शिवाजी ने हिदुत्व साम्राज्य का, अखंड भारत का वह सपना है करोड़ों करोड़ों भारतवासियों का राम राज्य का. उसको हम लाने के लिए अपने जीवन की आहुतियां समर्पित करेंगे, यह हमारा रामनवमी पर संकल्प है.
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