देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अभी लगभग 6 महीने और चलेगी. यात्रा को शुरू हुए अभी महज 20 दिन हुए हैं, लेकिन भीड़ के आंकड़ों के साथ-साथ उत्तराखंड के चारधाम में हो रही श्रद्धालुओं की मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं. ये आंकड़े अब कई बड़े सवाल पैदा कर रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि हर साल केदारनाथ में सबसे अधिक मौतें होती हैं. स्वास्थ्य विभाग यह दावा करता है कि केदारनाथ में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अधिक मजबूत किया जाएगा, लेकिन इस बार भी आलम ये है कि अकेले केदारनाथ धाम में ही 18 दिनों में 33 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
अधिकतर इस उम्र के लोगों ने तोड़ा दम: राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से बताया ये जा रहा है कि अधिकतर लोग वो लोग हैं जिन्हें हार्ट अटैक आया है. चारधाम यात्रा में पहले दिन से ही मौत के आंकड़े आने शुरू हो गए थे. सबसे पहले इस तरह के हादसों की खबर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम से आई थी, लेकिन देखते ही देखते केदारनाथ में मौत का आंकड़ा इतना बढ़ गया कि अब ये डराने लगा है. आशंका है कि कहीं ये आंकड़े पिछले साल पूरे यात्रा सीजन में हुई मौत के आंकड़े को पार कर कर जाए.
हालांकि, सरकार के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग ये मानता है कि अब मौसम में जैसे-जैसे परिवर्तन आएगा और बारिश के समय यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की कमी होगी, वैसे-वैसे यह संख्या घट जाएगी. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे कहते हैं कि प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि 50 साल से ऊपर के जो श्रद्धालु हैं वो अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर ही आएं. क्योंकि देखने में ये आया है कि 50 वर्ष से अधिक और जिनको बीपी, दमा या अन्य गंभीर बीमारी है उन लोगों की ही कैजुअल्टी हो रही है.
गढ़वाल कमिश्नर बताते हैं कि अपनी ओर से स्वास्थ्य विभाग यह पूरी कोशिश कर रहा है कि केदारनाथ में चढ़ाई चढ़ने वाले हर उम्रदराज व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण हो सके और अबतक कई लाख श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य चेकअप किया जा चुका है.
श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा:
- चारधाम यात्रा में पिछले साल 245 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी.
- अकेले केदारनाथ में ही 97 भक्तों ने जान गंवाई थी.
- इस साल 18 दिनों में उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर 13 लाख 40 हजार से अधिक लोग दर्शन के लिए आ चुके हैं.
- इसके साथ ही 68 लोगों की चारधाम यात्रा पर मौत हो चुकी है.
- केदारनाथ में 33, बदरीनाथ में 16, यमुनोत्री में 13 और गंगोत्री में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.
केदारनाथ में ये है स्वास्थ्य की सुविधा: यात्रा मार्गों पर अच्छी स्वास्थ्य सुविधा और केदारनाथ में अधिक फोकस रखने की बात उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत बार-बार यात्रा शुरू होने के पहले से कहते रहे हैं. यात्रा शुरू होने से पहले 20 अप्रैल को हुई एक बैठक में धन सिंह रावत ने कहा था कि सरकार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है.
इतना ही नहीं, 22 मई को स्वास्थ्य निदेशक शिखा जनपंगी ने भी केदारनाथ का दौरा किया था और यात्रा शुरू होने के बाद यह निर्देश दिए थे कि पैदल मार्ग पर ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त मात्रा हो. हालांकि, स्वास्थ्य निदेशक यह दावा कर रही हैं कि अब तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को ओपीडी और 15 हजार से अधिक भक्तों को ऑक्सीजन की सुविधा दी गई है. इतना ही नहीं, केदारनाथ मार्ग पर 13 स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं जबकि 15 एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं.
स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी तो बता रहा है लेकिन सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिरकार इन सब के बीच मौत का आंकड़ा केदारनाथ में रोज क्यों बढ़ रहा है? क्यों हम बीते साल से कुछ सीख कर इस व्यवस्था को सही नहीं कर पा रहे हैं, ताकि हर साल इतने अधिक श्रद्धालुओं की जान ना जाए.
लगातार की जा रही है अपील: जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग सौरभ गहरवाल कहते हैं प्रशासन ऐसे लोगों से लगातार अपील कर रहा है जिन्हें चढ़ाई चढ़ने में किसी तरह की दिक्कत हो रही है. कई लोगों को बीच रास्ते में भी सलाह देकर नीचे वापस भेजा जा रहा है. लोग बात भी मान रहे हैं. प्रशासन की ओर से तैनात वालंटियर्स, डॉक्टर्स और अन्य विभागों के स्टाफ ऐसे लोगों पर नजर रख रहे हैं जिनको केदारनाथ की चढ़ाई चढ़ने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है.
डीएम बताते हैं कि, अमूमन अब तक जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनको पहले से ही कुछ ना कुछ दिक्कत रही है. केदारनाथ की यात्रा बेहद कठिन चढ़ाई चढ़कर पूरी होती है, इसलिए आने वाले श्रद्धालुओं से ये अपील की जा रही है कि वो यात्रा की पूरी जानकारी लेकर ही घर से निकलें. जिलाधिकारी ने बताया कि, अभी तक केदारनाथ में ऐसे किसी भी व्यक्ति की मृत्यु दुर्घटनावश नहीं हुई है. जिनकी भी मौत हुई है वो या तो गंभीर बीमारी या फिर यात्रा के दौरान हृदय गति रुकने से हुई है.
प्रशासन की अपील: यात्रा में आने से पहले यात्री अपने स्वास्थ्य का जरूर परीक्षण करवा लें और जरूरी सामान लेकर ही यात्रा करें. कई श्रद्धालु एक-दो बैग लेकर केदारनाथ की चढ़ाई चढ़ रहे हैं ऐसा बिल्कुल ना करें. हल्के बैग के साथ ही चढ़ाई चढ़े. यात्रा के कुछ घंटे कम करने के चक्कर में अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें. हल्के-हल्के बेबी स्टेप रखकर ही यात्रा की चढ़ाई चढ़ें.
2023 में ये था धामों में श्रद्धालुओं का आंकड़ा:
- साल 2023 में 56 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधाम दर्शन किए थे.
- केदारनाथ धाम में 19 लाख 55 हजार 415 श्रद्धालु पहुंचे थे.
- बदरीनाथ धाम में 18 लाख 36 हजार 519 श्रद्धालुओं ने माथा टेका था.
- गंगोत्री धाम में 9 लाख 04 हजार 869 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे.
- यमुनोत्री धाम में 7 लाख 35 हजार 40 भक्तों मे मां यमुना धाम के दर्शन किए थे.
- हेमकुंड साहिब में 1 लाख 77 हजार 463 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे.