नई दिल्ली: गृह मंत्रालय राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की VIP सुरक्षा इकाई की सेवा वापस लेने पर विचार कर रहा है. मंत्रालय इसकी जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संसद ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) को तैनात करने पर विचार कर रहा है. इस संबंध में हाल ही में गृह मंत्रालय में एक बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, एनएसजी के डीजी नलिन प्रभात और खुफिया ब्यूरो (IB) के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने ETV Bharat को बताया कि यह पहल इस तथ्य के बाद की गई है कि सीआरपीएफ के पीडीजी को संसद की सुरक्षा ड्यूटी के लिए नियुक्त किया गया था, जिसे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा संसद में समग्र सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी संभालने के बाद वापस ले लिया गया है. सीआरपीएफ द्वारा वीआईपी सुरक्षा संभाले जाने के बाद, एनएसजी को पूरी तरह से आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बल के पीडीजी अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और लेटेस्ट हथियारों सहित लेटेस्ट तकनीक से अवगत हैं. उन्होंने कहा कि VIP और वीवीआईपी की सुरक्षा का काम सीआरपीएफ द्वारा किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, VIP और वीवीआईपी सुरक्षा प्रदान करने के लिए नियुक्त सभी अन्य एजेंसियों को शामिल करने के लिए एक सामान्य नीति बनाने की एक और संभावना पर भी विचार किया जा रहा है.
अभी तक, एनएसजी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी वीआईपी सुरक्षा प्रदान करते हैं. गृह मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने ETV Bharat के संवाददाता को बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने वास्तव में अधिकारियों से एनएसजी को वीआईपी ड्यूटी से मुक्त करने के विचार पर काम करने के लिए कहा था. सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए हमारे पास अपनी विशेष इकाई है.
अगर हमें एनएसजी से ऐसी ड्यूटी लेने के लिए कहा जाता है, तो हम निश्चित रूप से जिम्मेदारी संभालेंगे. अब तक, सरकार ने लाल कृष्ण आडवाणी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, गुलाम नवी आजाद, बसपा सुप्रीमो मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, चंद्रबाबू नायडू सहित कई हस्तियों को एनएसजी सुरक्षा प्रदान की है.
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