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दिल्ली हाईकोर्ट ने JMM की संपत्तियों की जांच पर 10 मई तक लगाई रोक, निशिकांत दुबे को जारी किया नोटिस - jmm property investigation

दिल्ली हाईकोर्ट ने शिबू सोरेन से जुड़ी दो संपत्तियों की जांच पर भारत के लोकपाल को 10 मई तक कोई भी कदम उठाने पर रोक लगा दिया. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में भाजपा नेता निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 23, 2024, 8:37 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की संपत्ति की जांच करने के लोकपाल के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने लोकपाल को अगले आदेश तक कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया है. मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी.

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 4 मार्च के लोकपाल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी के स्वामित्व वाली दो संपत्तियों की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिया गया था. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत की थी.

सुनवाई के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि दो संपत्तियां झारखंड मुक्ति मोर्चा की है न कि शिबू सोरेन की. उन्होंने कहा कि लोकपाल का आदेश लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि लोकपाल की जांच किसी व्यक्ति के खिलाफ हो सकती है न कि किसी राजनीतिक दल के खिलाफ. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच इस निष्कर्ष पर पहुंची कि संबंधित संपत्तियां राजनीतिक दल की है. ऐसे में लोकपाल का आदेश कानून का उल्लंघन है.

बता दें, 5 अगस्त 2020 को निशिकांत दुबे ने लोकपाल के समक्ष शिबू सोरेन, उनकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. हाईकोर्ट के आदेश पर लोकपाल के किसी भी कार्रवाई पर सितंबर 2022 तक की रोक थी. 20 फरवरी को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने लोकपाल के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की संपत्ति की जांच करने के लोकपाल के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने लोकपाल को अगले आदेश तक कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया है. मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी.

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 4 मार्च के लोकपाल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी के स्वामित्व वाली दो संपत्तियों की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिया गया था. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत की थी.

सुनवाई के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि दो संपत्तियां झारखंड मुक्ति मोर्चा की है न कि शिबू सोरेन की. उन्होंने कहा कि लोकपाल का आदेश लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि लोकपाल की जांच किसी व्यक्ति के खिलाफ हो सकती है न कि किसी राजनीतिक दल के खिलाफ. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच इस निष्कर्ष पर पहुंची कि संबंधित संपत्तियां राजनीतिक दल की है. ऐसे में लोकपाल का आदेश कानून का उल्लंघन है.

बता दें, 5 अगस्त 2020 को निशिकांत दुबे ने लोकपाल के समक्ष शिबू सोरेन, उनकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. हाईकोर्ट के आदेश पर लोकपाल के किसी भी कार्रवाई पर सितंबर 2022 तक की रोक थी. 20 फरवरी को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने लोकपाल के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

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