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ममता बनर्जी के बयान पर निर्मला सीतारमण बोलीं- माइक बंद नहीं किया गया था, झूठ बोल रहीं - Mamata In Niti Aayog meeting

Sitharaman Comments On Mamata Banerjee: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस दावे को खारिज कर दिया कि शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में उनके भाषण के दौरान उन्हें गलत तरीके से बीच में रोका गया था.

Sitharaman Comments On Mamata Banerjee
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की फाइल फोटो. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 27, 2024, 4:25 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 8:32 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के आरोपों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं. हम सभी ने उन्हें सुना. हर सीएम को आवंटित समय दिया गया था और उसे स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया था जो हर टेबल के सामने मौजूद थी. उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था. यह पूरी तरह से गलत है. हर सीएम को बोलने के लिए अपना उचित समय दिया गया था.

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था जो सच नहीं है...उन्हें इसके पीछे सच बोलना चाहिए न कि झूठ पर आधारित कहानी गढ़नी चाहिए.

पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक का कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा बहिष्कार करने पर जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि यह वह संगठन है जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच धन आवंटन की समस्या को हल करता है. यह अधिकारों की रक्षा करता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया है जो उनके राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

बता दें कि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सिर्फ 5 मिनट बोलने का मौका देने और बाद में माइक बंद करने का आरोप लगाते हुए बैठक से वॉकआउट कर दिया.

हालांकि, सरकार की तरफ से ममता बनर्जी के आरोपों को पूरी तरह से गलत और निराधार बताते हुए कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक बंद नहीं किया गया था. नियमों के आधार पर उनके बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी. लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें बैठक में सातवें वक्ता के रूप में बोलने का मौका दिया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था.

समाचार एजेंसी आईएनएस के मुताबिक, भारत सरकार के संबंध में आने वाली भ्रामक खबरों का फैक्ट चेक कर सही तथ्य लोगों के सामने रखने वाली पीआईबी की फैक्ट चेक ईकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ममता बनर्जी के बयान को शेयर करते हुए कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था. यह दावा भ्रामक है. घड़ी ने केवल यह दिखाया कि उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था. यहां तक कि इसे चिह्नित करने के लिए घंटी भी नहीं बजाई गई.

पीआईबी फैक्ट चेक ने आगे बताया कि अल्फाबेट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की बारी (बैठक में भाषण देने की) दोपहर के भोजन के बाद आती. लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बैठक में शामिल किया गया था, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था.

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के आरोपों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं. हम सभी ने उन्हें सुना. हर सीएम को आवंटित समय दिया गया था और उसे स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया था जो हर टेबल के सामने मौजूद थी. उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था. यह पूरी तरह से गलत है. हर सीएम को बोलने के लिए अपना उचित समय दिया गया था.

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था जो सच नहीं है...उन्हें इसके पीछे सच बोलना चाहिए न कि झूठ पर आधारित कहानी गढ़नी चाहिए.

पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक का कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा बहिष्कार करने पर जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि यह वह संगठन है जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच धन आवंटन की समस्या को हल करता है. यह अधिकारों की रक्षा करता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया है जो उनके राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

बता दें कि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सिर्फ 5 मिनट बोलने का मौका देने और बाद में माइक बंद करने का आरोप लगाते हुए बैठक से वॉकआउट कर दिया.

हालांकि, सरकार की तरफ से ममता बनर्जी के आरोपों को पूरी तरह से गलत और निराधार बताते हुए कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक बंद नहीं किया गया था. नियमों के आधार पर उनके बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी. लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें बैठक में सातवें वक्ता के रूप में बोलने का मौका दिया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था.

समाचार एजेंसी आईएनएस के मुताबिक, भारत सरकार के संबंध में आने वाली भ्रामक खबरों का फैक्ट चेक कर सही तथ्य लोगों के सामने रखने वाली पीआईबी की फैक्ट चेक ईकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ममता बनर्जी के बयान को शेयर करते हुए कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था. यह दावा भ्रामक है. घड़ी ने केवल यह दिखाया कि उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था. यहां तक कि इसे चिह्नित करने के लिए घंटी भी नहीं बजाई गई.

पीआईबी फैक्ट चेक ने आगे बताया कि अल्फाबेट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की बारी (बैठक में भाषण देने की) दोपहर के भोजन के बाद आती. लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बैठक में शामिल किया गया था, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था.

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Last Updated : Jul 27, 2024, 8:32 PM IST
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