पटना : पटना हाई कोर्ट ने एक नाइजीरियन नागरिक के अवैध रूप से भारत की सीमा में प्रवेश करने के मामले पर सुनवाई करते हुए उसे जमानत दे दी. साथ ही कोर्ट ने इस मामले को सीतामढ़ी कोर्ट से पटना स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया है.
नाइजीरियन नागरिक को मिली जमानत : जस्टिस संदीप कुमार ने अगस्टिन चिनेट नेवोट की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत को तीन महीने के भीतर स्पीडी ट्रायल करने भी आदेश दिया है. इससे पहले अदालत ने सुरसंड थाना, सीतामढ़ी के एसएचओ को तमाम दस्तावेजों के साथ कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था.
3 महीने तक पटना इस्कॉन में रहना होगा : अदालती आदेश के अनुपालन में सुरसंड के एसएचओ कोर्ट में उपस्थित थे. कोर्ट ने नाइजीरियन नागरिक को तीन महीने के लिए पटना स्थित इस्कॉन संस्था में ही रहने के लिए कहा है. गौरतलब है कि पुलिस ने नाइजीरियन नागरिक को धोखाधड़ी करने वाले एक संगठित गिरोह का सदस्य बताते हुए 1 मई 2023 को गिरफ्तार किया था.
'भूलवश भारत की सीमा में घुस आया' : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कुमार हर्षवर्धन ने कोर्ट को बताया कि, ''नाइजीरियाई नागरिक इस्कॉन नामक संस्था से जुड़ा हुआ है और वह भूलवश भारत की सीमा में घुस आया. वह एक साल की ज्यादा अवधि से जेल में बंद है. पुलिस ने केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया है.''
सरकारी वकील ने संगीन अपराध बताया : याचिकाकर्ता के पक्ष पर केंद्र सरकार के वरीय अधिवक्ता डा. केएन सिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि, ''अगस्टिन बिना वैध वीजा एवं कागजात के भारतीय सीमा में घुस आया, जो कि एक संगीन अपराध है.'' कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन कर उसे जमानत दे दी.
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