जबलपुर। इसी माह की 25 अप्रैल को जबलपुर के खजूरी खिरिया बायपास के पास एक कबाड खाने में खतरनाक ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में अब तक दो लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. ब्लास्ट में लगभग 5 हजार वर्ग फीट का एक गोदाम पूरी तरह से उड़ गया. जबलपुर की एडिशनल एसपी सोनाली दुबे ने बताया "शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस को इस बात के सबूत मिल रहे थे कि यह ब्लास्ट किसी गैस सिलेंडर का नहीं है, बल्कि एक मेजर ब्लास्ट है. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां कुछ बड़े बम मिले. इनका इस्तेमाल सेना करती है. इसके बाद इस बात को और बल मिला कि ब्लास्ट किसी बम की वजह से ही हो सकता है."
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया के इंकार से मामला गंभीर
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया के जॉइंट वर्क मैनेजर अविनाश कुमार ने बताया "उनकी फैक्ट्री से पुराने बम या बमों के खोल जब भी बेचे जाते हैं तो इन्हें एक कंपनी के जरिए बेचा जाता है. यह पुख्ता किया जाता है कि इसे पूरी तरह से डिफ्यूज कर दिया गया है. उन्होंने आरोपी शमीम से जुड़े हुए किसी भी आदमी को बमों के खोल नहीं बेचे. शमीम के गोदाम में यह बम कहां से आए इसकी जानकारी उन्हें नहीं है." ऐसी स्थिति में ये मामला और पेचीदा हो गया है. शमीम फिलहाल फरार है और जबलपुर में चर्चा है कि समीम पाकिस्तान भाग गया है क्योंकि उसके लड़के की बहू पाकिस्तान की रहने वाली है. हालांकि पुलिस का कहना है कि यह बात निराधार है. जबलपुर पुलिस को जांच एजेंसियों की रिपोर्ट की दरकार है और समीम को खोजने के लिए पुलिस ने टीम में बना दी है. जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनके शरीर के अंगों की डीएनए जांच हो रही है.
एक बार फिर जबलपुर में एनआईए की दस्तक
जबलपुर में एनआईए की ये तीसरी जांच है. कुछ साल पहले बिहार और पश्चिम बंगाल में ए के-47 राइफल बरामद हुई थीं. इन्हें खोजते-खोजते एनआईए जबलपुर पहुंची थी. पता लगा था कि आर्डिनेंस डिपो के कुछ कर्मचारी पुरानी राइफल्स को चोरी छुपे बेच रहे थे. इस मामले में एनआईए ने जांच की थी और आरोपियों को हिरासत में लिया था. दूसरी बार एनआईए की दस्तक तब हुई थी, जब जबलपुर के कुछ युवा एक वेबसाइट चला रहे थे. इस वेबसाइट पर कुछ आपत्तिजनक राष्ट्र विरोधी गतिविधियां थीं. तब एनआईए ने जबलपुर के 6 युवाओं को हिरासत में लिया था.