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ज्ञानवापी केस: एक नयी याचिका दायर, पुराने प्रकरणों पर नहीं हो सकी सुनवाई - New petition in Gyanvapi case

सोमवार को वाराणसी में ज्ञानवापी केस को लेकर एक नयी याचिका दायर की गयी. मुख्य वादिनी राखी सिंह ने वजू स्थल और अंदर अन्य तहखानों में ASI सर्वे की मांग को लेकर भी एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया. अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 4:08 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले को लेकर सोमवार को वाराणसी के जिला कोर्ट समेत सीनियर डिवीजन की अदालत में अलग-अलग सुनवाई होनी थी. इनमें से कुछ में जज के अवकाश पर होने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी, जबकि कुछ में सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित की गई है. इसके अलावा श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन के मामले की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से वजू स्थल और अंदर अन्य तहखानों में एएसआई सर्वे की मांग को लेकर भी एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया.

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मुकदमे की मुख्य पक्षकार व विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य राखी सिंह ने अपने अधिवक्ता बहादुर सिंह, अनुपम त्रिवेदी व सौरभ तिवारी के माध्यम से जिला जज वाराणसी की कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल करके ज्ञानवापी परिसर में बन्द अन्य सभी तहखानों की एएसआई सर्वे करवाने की मांग की. इस याचिका में बंद तहखानों का नक्शा भी लगाया गया है, तथा अन्य जो गुप्त तहखाने है, जोकि तहखानों के अंदर है. उनका भी सर्वे हो ताकि ज्ञानवापी का संपूर्ण सत्य उजागर हो सके यह मांग की गई है. न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए, 6 फरवरी 2024 को सुनवाई के लिए सुनिश्चित किया है.

इसके अलावा ज्ञानवापी प्रकरण में अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता द्वारा जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था कि दिनांक 31 जनवरी के आदेश पूजा पाठ आरंभ करने के रोका जाए और हमें 15 दिन और समय दिया जाए जिसमें हम अपना पक्ष मजबूती से न्यायालय के समक्ष रख सकें. जिला जज की अनुपस्थिति में एडीजे प्रथम की कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र सुनवाई हुई. इस पर मुस्लिम पक्ष स्थगन प्रस्ताव चाह रहा था और कोर्ट के समक्ष हिंदू पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तो अभी यहां उसे विषय पर सुना जाना औचित्यहीन है. अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

इसके अलावा ज्ञानवापी प्रकरण में मुख्य वाद 1991 लार्ड आदिविश्वेशर बनाम अंजुमन इंतजामिया के वाद पर भी सुनवाई होनी थी. सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत कुमार सिंह अवकाश पर थे. मूल वाद 610/1991 के केस में हिंदू पक्ष को एएसआई सर्वे की कॉपी दे दी गई थी. सर्वे पर हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में शेष सर्वे पर अपनी बात न्यायालय के समक्ष रखनी थी. पीठाशीन अधिकारी के अवकाश पर होने के नाते 12 फरवरी को अगली सुनवाई होगी.
ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस: 30 साल बाद फिर से व्यास परिवार के अधीन हुआ तहखना, डीएम बने कस्टोडियन

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले को लेकर सोमवार को वाराणसी के जिला कोर्ट समेत सीनियर डिवीजन की अदालत में अलग-अलग सुनवाई होनी थी. इनमें से कुछ में जज के अवकाश पर होने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी, जबकि कुछ में सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित की गई है. इसके अलावा श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन के मामले की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से वजू स्थल और अंदर अन्य तहखानों में एएसआई सर्वे की मांग को लेकर भी एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया.

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मुकदमे की मुख्य पक्षकार व विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य राखी सिंह ने अपने अधिवक्ता बहादुर सिंह, अनुपम त्रिवेदी व सौरभ तिवारी के माध्यम से जिला जज वाराणसी की कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल करके ज्ञानवापी परिसर में बन्द अन्य सभी तहखानों की एएसआई सर्वे करवाने की मांग की. इस याचिका में बंद तहखानों का नक्शा भी लगाया गया है, तथा अन्य जो गुप्त तहखाने है, जोकि तहखानों के अंदर है. उनका भी सर्वे हो ताकि ज्ञानवापी का संपूर्ण सत्य उजागर हो सके यह मांग की गई है. न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए, 6 फरवरी 2024 को सुनवाई के लिए सुनिश्चित किया है.

इसके अलावा ज्ञानवापी प्रकरण में अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता द्वारा जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था कि दिनांक 31 जनवरी के आदेश पूजा पाठ आरंभ करने के रोका जाए और हमें 15 दिन और समय दिया जाए जिसमें हम अपना पक्ष मजबूती से न्यायालय के समक्ष रख सकें. जिला जज की अनुपस्थिति में एडीजे प्रथम की कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र सुनवाई हुई. इस पर मुस्लिम पक्ष स्थगन प्रस्ताव चाह रहा था और कोर्ट के समक्ष हिंदू पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तो अभी यहां उसे विषय पर सुना जाना औचित्यहीन है. अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

इसके अलावा ज्ञानवापी प्रकरण में मुख्य वाद 1991 लार्ड आदिविश्वेशर बनाम अंजुमन इंतजामिया के वाद पर भी सुनवाई होनी थी. सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत कुमार सिंह अवकाश पर थे. मूल वाद 610/1991 के केस में हिंदू पक्ष को एएसआई सर्वे की कॉपी दे दी गई थी. सर्वे पर हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में शेष सर्वे पर अपनी बात न्यायालय के समक्ष रखनी थी. पीठाशीन अधिकारी के अवकाश पर होने के नाते 12 फरवरी को अगली सुनवाई होगी.
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