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भारत-रूस राजनयिक संबंधों की 77वीं वर्षगांठ पर मैत्री साइकिल रैली का आयोजन, रूसी राजदूत ने कही ये बात - India Russia Diplomatic Ties - INDIA RUSSIA DIPLOMATIC TIES

India-Russia Diplomatic Ties: नई दिल्ली में निकाली गई रूस-भारत मैत्री साइकिलिंग रैली में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव समेत 600 से अधिक लोगों ने भाग लिया. इस अवसर रूसी राजदूत ने दोनों देशों के बीच मजबूत मैत्री संबंधों पर मुहर लगाने वाले ऐसे आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

Indo-Russia FRIENDSHIP CYCLING RALLY
रूस-भारत मैत्री साइकिलिंग रैली
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 14, 2024, 8:33 PM IST

नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच दशकों से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. भारत ने रविवार को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 77वीं वर्षगांठ को समर्पित रूस-भारत मैत्री साइकिलिंग रैली की मेजबानी की. 40 साल पहले सोवियत संघ-भारतीय दल के हिस्से के रूप में पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी. इस साल इसकी भी 40वीं वर्षगांठ है.

रूस-भारत मैत्री साइकिलिंग रैली का आयोजन भारत में रूसी दूतावास द्वारा भारतीय साइकिल चालक परिसंघ के साथ संयुक्त रूप से किया गया. दूसरी बार इस तरह की रैली नई दिल्ली में हुई. पहली रैली ठीक एक साल पहले आयोजित की गई थी. रविवार को हुई रैली में 600 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें दूतावास के कर्मचारी, स्थानीय और रूसी विश्वविद्यालयों के छात्र, राजनयिक प्रतिनिधि, आम लोग और पत्रकार शामिल थे.

साइकिलिंग रैली में भाग लेते हुए भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव (Denis Alipov) ने ऐसे आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत मैत्री संबंधों की पुष्टि करते हैं. साथ ही अलीपोव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत-रूस के बीच राजनयिक संबंधों की 77वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए भारतीय साइकिल चालक परिसंघ के साथ साइकिल दौड़ की आयोजित की गई. यह दिन की शुरुआत करने का शानदार तरीका है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, रूस, भारत के लिए बहुकालीन और भरोसेमंद भागीदार रहा है. भारत-रूस संबंधों का विस्तार भारतीय विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ रहा है. अक्टूबर 2000 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए थे. इसके बाद से भारत-रूस संबंधों ने लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग का नया आयाम स्थापित किया है. दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ हुए हैं.

रणनीतिक साझेदारी के तहत, नियमित बातचीत सुनिश्चित करने और सहयोग गतिविधियों पर अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कई संस्थागत संवाद तंत्र राजनीतिक और आधिकारिक दोनों स्तरों पर संचालित होते हैं. दिसंबर 2010 में रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक बढ़ाया गया था.

ये भी पढ़ें- सऊदी अरब में बन रही दुनिया की पहली लीनियर स्मार्ट सिटी पर लगा 'ग्रहण', क्या है यह प्रोजेक्ट, जानें

नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच दशकों से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. भारत ने रविवार को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 77वीं वर्षगांठ को समर्पित रूस-भारत मैत्री साइकिलिंग रैली की मेजबानी की. 40 साल पहले सोवियत संघ-भारतीय दल के हिस्से के रूप में पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी. इस साल इसकी भी 40वीं वर्षगांठ है.

रूस-भारत मैत्री साइकिलिंग रैली का आयोजन भारत में रूसी दूतावास द्वारा भारतीय साइकिल चालक परिसंघ के साथ संयुक्त रूप से किया गया. दूसरी बार इस तरह की रैली नई दिल्ली में हुई. पहली रैली ठीक एक साल पहले आयोजित की गई थी. रविवार को हुई रैली में 600 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें दूतावास के कर्मचारी, स्थानीय और रूसी विश्वविद्यालयों के छात्र, राजनयिक प्रतिनिधि, आम लोग और पत्रकार शामिल थे.

साइकिलिंग रैली में भाग लेते हुए भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव (Denis Alipov) ने ऐसे आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत मैत्री संबंधों की पुष्टि करते हैं. साथ ही अलीपोव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत-रूस के बीच राजनयिक संबंधों की 77वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए भारतीय साइकिल चालक परिसंघ के साथ साइकिल दौड़ की आयोजित की गई. यह दिन की शुरुआत करने का शानदार तरीका है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, रूस, भारत के लिए बहुकालीन और भरोसेमंद भागीदार रहा है. भारत-रूस संबंधों का विस्तार भारतीय विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ रहा है. अक्टूबर 2000 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए थे. इसके बाद से भारत-रूस संबंधों ने लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग का नया आयाम स्थापित किया है. दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ हुए हैं.

रणनीतिक साझेदारी के तहत, नियमित बातचीत सुनिश्चित करने और सहयोग गतिविधियों पर अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कई संस्थागत संवाद तंत्र राजनीतिक और आधिकारिक दोनों स्तरों पर संचालित होते हैं. दिसंबर 2010 में रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक बढ़ाया गया था.

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