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नेपाल के लिए भी लगेगा पासपोर्ट; पड़ोसी देश की संसद में रखा गया प्रस्ताव, सीमा पर लगेंगे कटीले तार - Passport at Indo Nepal Border

महाराजगंज जिले में भारत-नेपाल की 84 किलोमीटर की खुला सीमा है. नेपाली सांसद रघुजी पंत ने नेपाल-भारत सीमा पर पासपोर्ट लागू करने और कटीले तार लगाने का प्रस्ताव रखा है.

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नेपाली सांसद रघुजी पंत. (फोटो क्रेडिट; नेपाली मीडिया)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 22, 2024, 1:00 PM IST

महराजगंज: पड़ोसी देश नेपाल से भारत का रोटी-बेटी का संबंध है. लोग आसानी से भारत और नेपाल में आना-जाना करते आ रहे हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. क्योंकि, नेपाल की संसद में भारत-नेपाल सीमा पर कटीले तार लगाने सहित भारतीय नागरिकों के नेपाल में प्रवेश पर पासपोर्ट लागू करने की मांग उठी है.

बताया जा रहा है नेपाली सांसद रघुजी पंत ने नेपाल के संसद भवन में स्पीकर से मांग की है कि नेपाल-भारत सीमा पर पासपोर्ट लागू कर कटीले तार लगाए जाएं.
सांसद रघुजी पंत ने नेपाल-भारत सीमा पर पासपोर्ट लागू करने का प्रस्ताव दिया है.

पासपोर्ट सिस्टम से दोनों देश को होगा नुकसान

  • पासपोर्ट लगने से पर्यटन पूरी तरह से प्रवाहित होगा.
  • पहले लोग नेपाल में आसानी से आज जा सकते थे अब दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
  • पहले लोग भारत से नेपाल में कही से भी प्रवेश कर लेते थे अब उनको सोनौली बॉर्डर पर ही प्रवेश करना पड़ेगा.
  • नेपाल में रोटी का संबंध है। लोग शादी विवाह किए हैं। जो लोग आसानी से आ जा सकते थे उनको दिक्कतें होंगी.
  • ठूठीबारी से जो लोग नेपाल चले जाते थे उनको अब सोनौली बॉर्डर से ही प्रवेश मिलेगा.
  • इंडो नेपाल बॉर्डर की सीमा 84 किलोमीटर खुली है उसको तार से घेरे किया जा सकेगा

नेपाल के संसद भवन में प्रतिनिधि सभा की बैठक में बोलते हुए सांसद रघुजी पंत ने ऐसा प्रस्ताव रखा, जिसे सुनकर लोगों के होश उड़ गए. उनका कहना है कि एक स्वतंत्र देश को खुली सीमाओं का नियमन और नियंत्रण करना चाहिए. कुछ दिन से तराई में दिनदहाड़े लोगों के मारे जाने की खबरें आ रही हैं. इसका मुख्य कारण खुली सीमा है.

इसलिए एक स्वतंत्र देश को खुली सीमा का नियमन और नियंत्रण करना चाहिए. उनका प्रस्ताव है कि सरकार को इस दिशा में एक नीति अपनानी चाहिए. भले ही पासपोर्ट को नेपाल-भारत सीमा पर तुरंत लागू नहीं किया जा सकता. लेकिन, इसे जल्द से जल्द लागू कर देना चाहिए.

उन्होंने सुझाव दिया है कि पासपोर्ट पर जाने से पहले दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही के लिए संबंधित देशों के राष्ट्रीय पहचान पत्र को अनिवार्य बनाया जा सकता है. हम तुरंत पासपोर्ट प्रणाली लागू करने के चरण में नहीं जाएंगे.

राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी किए गए हैं. यह नागरिकता भी दे रही है. वहां से आधार कार्ड भी देखा जा सकता है, यहां से जाने पर भी आप नागरिकता की कॉपी देख सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, हमें धीरे-धीरे नेपाल सीमा पर कटीले तार लगाकर और सीमा व्यवस्थित करके पासपोर्ट प्रणाली की ओर बढ़ना होगा.

ये भी पढ़ेंः भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा बढ़ी; 5 थानों के ग्राम प्रहरियों को दी गई साइकिलें, चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर

महराजगंज: पड़ोसी देश नेपाल से भारत का रोटी-बेटी का संबंध है. लोग आसानी से भारत और नेपाल में आना-जाना करते आ रहे हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. क्योंकि, नेपाल की संसद में भारत-नेपाल सीमा पर कटीले तार लगाने सहित भारतीय नागरिकों के नेपाल में प्रवेश पर पासपोर्ट लागू करने की मांग उठी है.

बताया जा रहा है नेपाली सांसद रघुजी पंत ने नेपाल के संसद भवन में स्पीकर से मांग की है कि नेपाल-भारत सीमा पर पासपोर्ट लागू कर कटीले तार लगाए जाएं.
सांसद रघुजी पंत ने नेपाल-भारत सीमा पर पासपोर्ट लागू करने का प्रस्ताव दिया है.

पासपोर्ट सिस्टम से दोनों देश को होगा नुकसान

  • पासपोर्ट लगने से पर्यटन पूरी तरह से प्रवाहित होगा.
  • पहले लोग नेपाल में आसानी से आज जा सकते थे अब दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
  • पहले लोग भारत से नेपाल में कही से भी प्रवेश कर लेते थे अब उनको सोनौली बॉर्डर पर ही प्रवेश करना पड़ेगा.
  • नेपाल में रोटी का संबंध है। लोग शादी विवाह किए हैं। जो लोग आसानी से आ जा सकते थे उनको दिक्कतें होंगी.
  • ठूठीबारी से जो लोग नेपाल चले जाते थे उनको अब सोनौली बॉर्डर से ही प्रवेश मिलेगा.
  • इंडो नेपाल बॉर्डर की सीमा 84 किलोमीटर खुली है उसको तार से घेरे किया जा सकेगा

नेपाल के संसद भवन में प्रतिनिधि सभा की बैठक में बोलते हुए सांसद रघुजी पंत ने ऐसा प्रस्ताव रखा, जिसे सुनकर लोगों के होश उड़ गए. उनका कहना है कि एक स्वतंत्र देश को खुली सीमाओं का नियमन और नियंत्रण करना चाहिए. कुछ दिन से तराई में दिनदहाड़े लोगों के मारे जाने की खबरें आ रही हैं. इसका मुख्य कारण खुली सीमा है.

इसलिए एक स्वतंत्र देश को खुली सीमा का नियमन और नियंत्रण करना चाहिए. उनका प्रस्ताव है कि सरकार को इस दिशा में एक नीति अपनानी चाहिए. भले ही पासपोर्ट को नेपाल-भारत सीमा पर तुरंत लागू नहीं किया जा सकता. लेकिन, इसे जल्द से जल्द लागू कर देना चाहिए.

उन्होंने सुझाव दिया है कि पासपोर्ट पर जाने से पहले दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही के लिए संबंधित देशों के राष्ट्रीय पहचान पत्र को अनिवार्य बनाया जा सकता है. हम तुरंत पासपोर्ट प्रणाली लागू करने के चरण में नहीं जाएंगे.

राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी किए गए हैं. यह नागरिकता भी दे रही है. वहां से आधार कार्ड भी देखा जा सकता है, यहां से जाने पर भी आप नागरिकता की कॉपी देख सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, हमें धीरे-धीरे नेपाल सीमा पर कटीले तार लगाकर और सीमा व्यवस्थित करके पासपोर्ट प्रणाली की ओर बढ़ना होगा.

ये भी पढ़ेंः भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा बढ़ी; 5 थानों के ग्राम प्रहरियों को दी गई साइकिलें, चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर

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