बालोद/दंतेवाड़ा: विवादों में रहे नीट की परीक्षा बालोद और दंतेवाड़ा में संपन्न हो चुकी है. एग्जाम देकर बाहर आते समय स्टूडेंट्स के चेहरे पर खुशी नजर आई. बालोद जिले के दल्ली राजहरा शहर के डीएवी विद्यालय में ये परीक्षा संपन्न हुई है. कुल 185 स्टूडेंट्स के लिए यह परीक्षा बालोद जिले में फिर से आयोजित की गई थी, लेकिन यहां पर केवल 115 बच्चे ही परीक्षा में शामिल हुए. एग्जाम देकर बाहर आने पर बच्चों के चेहरे पर आत्मविश्वास झलक रहा था. दंतेवाड़ा के परीक्षा केंद्र जवांगा में 417 बच्चों में 176 बच्चों ने एग्जाम दिया, जबकि 241 बच्चे अनुपस्थित रहे.
जानिए क्या कहते हैं बच्चे: बच्चों ने कहा कि पिछली बार गलतियां हुई थी, लेकिन इस बार हमने बहुत अच्छे ढंग से परीक्षा दिया है. वहीं, एक अन्य स्टूडेंट ने कहा कि एग्जाम का मौका हर बच्चों को मिलना चाहिए था. लेकिन चयनित जगहों पर ही परीक्षा हुई है.बालोद में इस बार केवल 115 बच्चे ही इस परीक्षा में शामिल हुए थे. बच्चों ने बताया, "इस बार परीक्षा अच्छे से दिया है. पिछले बार जो व्यवस्थाएं थी, उस तरह की व्यवस्थाओं का इस बार सामना नहीं करना पड़ा. इस बार हमारा एग्जाम अच्छा गया.
व्यवस्था में सुधार: परीक्षा को संपन्न करने के लिए सुबह से ही पुलिस प्रशासन की टीम मौजूद रही. सुबह से कड़ी सुरक्षा के बीच प्रश्न पत्र को एग्जाम सेंटर में लाया गया. बच्चों की बारीकी से जांच की गई. जो रिस्ट्रिक्टेड सामग्रियां थी, उन्हें अंदर नहीं ले जाने दिया गया. समय का पूरी तरह ख्याल रखा गया.
जानिए क्यों हुई परीक्षा: मेडिकल क्षेत्र की सबसे बड़ी परीक्षा नीट परीक्षा फिर से बालोद और दंतेवाड़ा में आयोजित हुई थी. यहां पर वास्तविक प्रश्न पत्र को न देकर अतिरिक्त प्रश्न पत्र को दे दिया गया था. 45 मिनट बाद जब कर्मचारियों को गलती का एहसास हुआ, तो फिर से दूसरा पेपर उन्हें बनाने के लिए दिया गया. इसके बाद बच्चों को शांत रखने के लिए अतिरिक्त समय देने की बात कही गई थी, हालांकि उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया गया. इसके बाद पैरंट्स ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश के बाद फिर से नीट परीक्षा बालोद और दंतेवाड़ा में आयोजित की गई. बालोद में 185 बच्चों को ही मौका मिला, जिसमें से 114 बच्चों ने बालोद में एग्जाम दिया. वहीं, दंतेवाड़ा में 417 में 176 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया.