कोटा : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित नीट यूजी 2024 परीक्षा को लेकर शुरू से ही विवाद गहराया है. इसमें ग्रेस मार्क्स, परीक्षा का दोबारा आयोजन व रिजल्ट तक जारी किया गया. अब फिर मेडिकल काउंसलिंग में देरी करने का मामला सामने आया है. मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) ने शनिवार को काउंसलिंग राउंड-1 के सीट अलॉटमेंट का रिवाइज्ड प्रोविजनल रिजल्ट 2 जारी किया गया, जिसमें 43 कैंडिडेट को डिबार किया गया है. इसके बाद भी दोबारा आपत्ति एमसीसी ने मांगी है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी 2024 जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर भी शीर्ष एजेंसियों नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) के बीच कोऑर्डिनेशन का अभाव साफ नजर आ रहा है. एनटीए ने डिबार कैंडिडेट की सूचना राउंड-1 के सीट-आवंटन का प्रोविजनल रिजल्ट जारी किए जाने से पहले एमसीसी को दी जानी चाहिए थी. ऐसा नहीं होने के कारण प्रोविजनल रिजल्ट को भी रिवाइज करना पड़ा है. देव शर्मा ने बताया कि कोऑर्डिनेशन की कमी और पारदर्शिता के अभाव में दोनों ही केंद्रीय एजेंसियों की साख पर प्रश्न चिन्ह लगा है. एमसीसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर शनिवार को जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया है कि एनटीए ने लेटर नम्बर FN-17/27/2024-NTA NEET के जरिए एमसीसी को डिबार किए जाने की सूचना दी गई. इस सूचना के बाद एमसीसी ने 43-कैंडिडेट को आवंटन सूची से हटाकर दोबारा सीट आवंटन का रिवाइज्ड प्रोविजनल रिजल्ट 2 जारी करना पड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोबारा एग्जाम और रिजल्ट : देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी का आयोजन 5 मई को हुआ था, जिसकी परीक्षा के आयोजन के बाद 4 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में रिजल्ट जारी कर दिया था. इसमें कुछ विद्यार्थियों को ग्रेसिंग मार्क्स दिए थे और टॉपर्स की संख्या और परफेक्ट स्कोर वाले AIR-1 पर 67 कैंडिडेट थे. इसके साथ ही एक प्रश्न के दो सही जवाब पर भी आपत्ति थी, जिसे भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक ही जवाब सही माना गया. ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट की दोबारा परीक्षा हुई, इसके बाद टॉपर्स की संख्या कम होकर केवल 17 रह गई थी.