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दिल्ली की चुनावी जंग में एकजुट होकर मैदान में उतरेगी NDA, ये है BJP का पूरा प्लान - DELHI ASSEMBLY ELECTION 2025

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए की क्या है बड़ी तैयारी. क्या सीट शेयरिंग पर बनी बात. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

DELHI ASSEMBLY ELECTION
एनडीए नेताओं की बैठक के दौरान अमित शाह, जेपी नड्डा, चंद्रबाबू नायडू और अन्य (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 13 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों की तरफ से तैयारियां जोर-शोर से जारी है. इस बार न सिर्फ भाजपा बल्कि एनडीए अपनी ताकत दिखने में जुट गई है. एनडीए इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिलकर विपक्षी दलों का सामना करेगी और इसी बाबत भाजपा ने ये तय किया है कि वो कुछ सीटें अपनी सहयोगी पार्टियों को भी देगी.

सूत्रों की माने तो जेडीयू, लोक जनशक्ति पार्टी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा से सीटें मांग रही है. बुधवार को नड्डा के आवास पर हुई बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव पर चर्चा के दौरान भाजपा अपने सहयोगी दलों को ये संकेत दे दिया है कि, वो अकेले नहीं बल्कि एनडीए के साथ दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ेगी.

सूत्रों की माने तो,कुछ सीटें वह अपने सहयोगी दलों को दे सकती है. बता दें कि, पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने दो सीटें जेडीयू और एक सीट लोक जनशक्ति पार्टी को दी थी.

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट (ETV Bharat)

जेडीयू ने बुराड़ी और संगम विहार सीटों पर जबकि लोक जनशक्ति पार्टी ने सीमापुरी सीट पर चुनाव लड़ा था. जबकि जेडीयू और एलजेपी दिल्ली में एक सीट भी नहीं जीत पाई थी. जेडीयू को 84 हजार एलजेपी को करीब 33 हजार वोट मिले थे जो प्रतिशत में 0.91 और एलजेपी को 0.35 प्रतिशत थे. इन सबके बावजूद सूत्रों की माने तो भाजपा ने ये तय किया है कि, वो मिलकर चुनाव लड़ेंगे और प्रचार भी करेंगे.

बुधवार को एनडीए की बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणनीति और कैंपेन पर भी चर्चा की गई. इस चर्चा में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और तमाम बड़े नेता शामिल हुए. बैठक में झारखंड चुनाव में क्या कमियां रह गईं इसका भी जिक्र हुआ. जबकि, हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव की रणनीति को आगे बढ़ाने पर भी बात की गई.

भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए सभी सहयोगी दलों के बड़े नेताओं को भी चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली बुलाएगी. सूत्रों की माने तो इन बड़े नेताओं में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान आदि का नाम शामिल है.

वहीं, विधानसभा चुनाव को देखते हुए, दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों को लुभाने के लिए बिहार के एनडीए नेताओं को प्रचार में लगाया जाएगा. वोटर्स के प्रतिशत के मुताबिक दिल्ली में बिहार, पूर्वी यूपी और झारखंड के करीब 25 प्रतिशत मतदाता हैं. ये मतदाता लगभग दिल्ली के 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव परिणाम में प्रभाव डालने में अहम भूमिका निभातें हैं.

दिल्ली के गोकलपुर, मटियाला, द्वारका, नांगलोई, करावल नगर, जनकपुरी, त्रिलोकपुरी, बुराड़ी, उत्तम नगर, संगम विहार, जनकपुरी, त्रिलोकपुरी, किराड़ी, विकासपुरी व समयपुर बादली जैसी सीटें शामिल हैं, जहां पूर्वांचल वोटरों का वर्चस्व है.

इनके अलावा मराठी और तेलुगु प्रभावित वोटरों के क्षेत्र में एकनाथ शिंदे और चंद्रबाबू नायडू को चुनाव प्रचार में लगाया जा सकता है. दिल्ली में करीब 30 लाख दक्षिण भारतीय भी हैं जिनमें से लगभग 8 से 9 लाख अकेले तेलुगु भाषी हैं. मयूर विहार, दिलशाद गार्डन, आर के पुरम, महरौली, रोहिणी, कालकाजी और द्वारका, उत्तम नगर और विकासपुरी के कुछ हिस्सों में बड़ी संख्या में दक्षिण भारतीय रहते हैं.

कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जो दिल्ली विधानसभा में अलग अलग चुनाव लड़ रहीं हैं उन्हें मात देने के लिए भाजपा सशक्त रणनीति बना रही है, जिसमें क्षेत्र,भाषा मतदाता सभी का समीकरण देखते हुए चुनाव लड़ा जाएगा.

ये भी पढ़ें: दलित छात्रों के लिए स्कॉलरशिप का ऐलान, बीजेपी बोली, 'यह है केजरीवाल का चुनावी स्टंट'

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों की तरफ से तैयारियां जोर-शोर से जारी है. इस बार न सिर्फ भाजपा बल्कि एनडीए अपनी ताकत दिखने में जुट गई है. एनडीए इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिलकर विपक्षी दलों का सामना करेगी और इसी बाबत भाजपा ने ये तय किया है कि वो कुछ सीटें अपनी सहयोगी पार्टियों को भी देगी.

सूत्रों की माने तो जेडीयू, लोक जनशक्ति पार्टी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा से सीटें मांग रही है. बुधवार को नड्डा के आवास पर हुई बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव पर चर्चा के दौरान भाजपा अपने सहयोगी दलों को ये संकेत दे दिया है कि, वो अकेले नहीं बल्कि एनडीए के साथ दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ेगी.

सूत्रों की माने तो,कुछ सीटें वह अपने सहयोगी दलों को दे सकती है. बता दें कि, पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने दो सीटें जेडीयू और एक सीट लोक जनशक्ति पार्टी को दी थी.

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट (ETV Bharat)

जेडीयू ने बुराड़ी और संगम विहार सीटों पर जबकि लोक जनशक्ति पार्टी ने सीमापुरी सीट पर चुनाव लड़ा था. जबकि जेडीयू और एलजेपी दिल्ली में एक सीट भी नहीं जीत पाई थी. जेडीयू को 84 हजार एलजेपी को करीब 33 हजार वोट मिले थे जो प्रतिशत में 0.91 और एलजेपी को 0.35 प्रतिशत थे. इन सबके बावजूद सूत्रों की माने तो भाजपा ने ये तय किया है कि, वो मिलकर चुनाव लड़ेंगे और प्रचार भी करेंगे.

बुधवार को एनडीए की बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणनीति और कैंपेन पर भी चर्चा की गई. इस चर्चा में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और तमाम बड़े नेता शामिल हुए. बैठक में झारखंड चुनाव में क्या कमियां रह गईं इसका भी जिक्र हुआ. जबकि, हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव की रणनीति को आगे बढ़ाने पर भी बात की गई.

भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए सभी सहयोगी दलों के बड़े नेताओं को भी चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली बुलाएगी. सूत्रों की माने तो इन बड़े नेताओं में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान आदि का नाम शामिल है.

वहीं, विधानसभा चुनाव को देखते हुए, दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों को लुभाने के लिए बिहार के एनडीए नेताओं को प्रचार में लगाया जाएगा. वोटर्स के प्रतिशत के मुताबिक दिल्ली में बिहार, पूर्वी यूपी और झारखंड के करीब 25 प्रतिशत मतदाता हैं. ये मतदाता लगभग दिल्ली के 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव परिणाम में प्रभाव डालने में अहम भूमिका निभातें हैं.

दिल्ली के गोकलपुर, मटियाला, द्वारका, नांगलोई, करावल नगर, जनकपुरी, त्रिलोकपुरी, बुराड़ी, उत्तम नगर, संगम विहार, जनकपुरी, त्रिलोकपुरी, किराड़ी, विकासपुरी व समयपुर बादली जैसी सीटें शामिल हैं, जहां पूर्वांचल वोटरों का वर्चस्व है.

इनके अलावा मराठी और तेलुगु प्रभावित वोटरों के क्षेत्र में एकनाथ शिंदे और चंद्रबाबू नायडू को चुनाव प्रचार में लगाया जा सकता है. दिल्ली में करीब 30 लाख दक्षिण भारतीय भी हैं जिनमें से लगभग 8 से 9 लाख अकेले तेलुगु भाषी हैं. मयूर विहार, दिलशाद गार्डन, आर के पुरम, महरौली, रोहिणी, कालकाजी और द्वारका, उत्तम नगर और विकासपुरी के कुछ हिस्सों में बड़ी संख्या में दक्षिण भारतीय रहते हैं.

कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जो दिल्ली विधानसभा में अलग अलग चुनाव लड़ रहीं हैं उन्हें मात देने के लिए भाजपा सशक्त रणनीति बना रही है, जिसमें क्षेत्र,भाषा मतदाता सभी का समीकरण देखते हुए चुनाव लड़ा जाएगा.

ये भी पढ़ें: दलित छात्रों के लिए स्कॉलरशिप का ऐलान, बीजेपी बोली, 'यह है केजरीवाल का चुनावी स्टंट'

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