देहरादून: वायु प्रदूषण को लेकर ताजा आंकड़ों ने उत्तराखंडवासियों को राहत की सांस लेने का मौका दिया है. दरअसल NCAP (National Clean Air Program) के तहत एयर क्वालिटी के तुलनात्मक आकलन से यह साफ हुआ है कि पिछले कुछ सालों में प्रदेश के तीन मुख्य शहरों का वायु प्रदूषण काफी कम हुआ है. यह आंकड़े इस बात को भी स्पष्ट कर रहे हैं कि भारत सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम को उत्तराखंड में काफी बेहतर तरह से चलाया गया है. नतीजतन इससे वायु प्रदूषण में बहुत कमी आयी है.
उत्तराखंड में वायु प्रदूषण के लिहाज से चिंताजनक स्थिति में दिखाई देने वाले तीन शहर अब राहत की सांस ले सकते हैं. दरअसल प्रदेश में देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर उन शहरों में शामिल हैं, जहां वायु प्रदूषण काफी ज्यादा रिकॉर्ड किया जाता रहा है. खास बात यह है कि इन्हीं स्थितियों को देखते हुए भारत सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में इन तीनों शहरों को जोड़ा गया था. इसके बाद से ही यहां वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास शुरू कर दिए गए थे. अच्छी खबर यह है कि धामी सरकार द्वारा हुए इन प्रयासों में सफलता भी दिखाई देने लगी है. आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि राज्य के इन तीन शहरों को धीरे धीरे शहरवासियों के लिए मुफीद बनाया गया है. पिछले करीब 4 से 5 सालों में यह तीन शहर पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में कामयाब रहे हैं.
प्रदेश में देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर का चयन होने के बाद से ही लगातार विभिन्न गतिविधियां इन शहरों में अपनाई जा रही थीं. इसी की बदौलत इन शहरों की खुली हवा को सांस लेने लायक बनाया जा सका है. राज्य के तीन शहरों को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े देखिए.
देहरादून के आंकड़े
- देहरादून शहर में साल 2019-20 के दौरान PM10 166 MG/M3 रिकॉर्ड हुआ
- साल 2022-23 में 29 प्रतिशत की कमी के साथ PM10 117 MG/M3 रिकॉर्ड किया गया
- 2023-24 में कुल 34% की कमी के साथ PM10 109 MG/M3 रिकॉर्ड हुआ
काशीपुर के आंकड़े
- काशीपुर शहर में 2019-20 के दौरान PM10 130 MG/M3 रिकॉर्ड हुआ
- साल 2022-23 में 13 प्रतिशत की कमी के साथ PM10 112 MG/M3 रिकॉर्ड किया गया
- 2023-24 में कुल 24% की कमी के साथ PM10 98 MG/M3 रिकॉर्ड हुआ
ऋषिकेश के आंकड़े
- ऋषिकेश शहर में साल 2019-20 के दौरान PM10 136 MG/M3 रिकॉर्ड हुआ
- साल 2022-23 में 24 प्रतिशत की कमी के साथ PM10 103 MG/M3 रिकॉर्ड किया गया
- 2023-24 में कुल 44% की कमी के साथ PM10 76 MG/M3 रिकॉर्ड हुआ
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ईटीवी भारत से बात करते हुए कहते हैं कि केंद्रीय प्रोग्राम में राज्य के तीन शहरों को रखा गया था. उनकी मॉनिटरिंग करने के बाद पाया गया कि इन तीनों ही शहरों में इस प्रोग्राम को चलाए जाने के बाद बेस ईयर 2019-20 के लिहाज से PM10 में काफी कमी पाई गई.
उत्तराखंड को वैसे तो पर्यावरण के लिहाज से हमेशा से ही बेहतर माना जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय में राज्य के कुछ शहर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा मॉनिटरिंग करने के दौरान प्रदूषित पाए गए हैं. यही स्थिति देश के कई शहरों की रही है. इसीलिए भारत सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की शुरुआत की थी. नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की क्या हैं खास बातें जानिए.
ये है नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम
- नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत उन शहरों का चयन किया गया, जहां 5 सालों के दौरान PM10 में कमी नहीं आई
- उत्तराखंड के तीन शहर देहरादून, काशीपुर और ऋषिकेश को इसमें शामिल किया गया
- देश के कुल 131 शहरों को इस प्रोग्राम में जोड़कर प्रदूषण कम करने की कोशिश हुई
- साल 2019-20 को प्रोग्राम के तहत बेस ईयर माना गया
- प्रोग्राम में कुल 68 एक्टिविटीज को तय करते हुए चयनित शहरों में गतिविधियों को किया गया
- प्रदेश के इन तीनों शहरों में वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिए स्टेशन काम कर रहे हैं
- एयर क्वालिटी के आंकड़े नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की सफलता को कर रहे हैं बयां
देशभर के तमाम प्रदूषित शहरों को भी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में जोड़ा गया और कई शहरों को इसका लाभ भी मिला है. उत्तराखंड के यह तीन शहर भी इनमें से एक हैं. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि इस प्रोग्राम के तहत विभिन्न विभागों ने अपनी भूमिका निभाई है. आरटीओ से लेकर फॉरेस्ट और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के द्वारा भी विभिन्न गतिविधियों को किया गया है. पर्यावरण से धूल को कम करने के प्रयास करने के साथ ही निर्माण कार्यों में प्रदूषण कम करने, वाहनों के प्रदूषण पर नियंत्रण करने और इंडस्ट्री द्वारा हो रहे वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग करते हुए इसमें जरूरी कदम उठाने जैसे काम किए गए हैं.
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