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बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर नक्सली हमला, 3 जवान शहीद, घायल जवानों को रायपुर और जगदलपुर एयरलिफ्ट किया गया

Naxalite attack in Bijapur बीजापुर और सुकमा बॉर्डर पर टेकलगुडेम में मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए हैं. मुठभेड़ में 14 जवान जख्मी हैं. जख्मी जवानों को हेलिकॉप्टर की मदद से एयरलिफ्ट कर रायपुर और जगदलपुर भेजा गया है. बस्तर आईजी पी सुंदराज ने मुठभेड़ की पुष्टि की है. आईजी ने कहा है कि जवानों की गोलीबारी में 6 से ज्यादा माओवादी भी मारे गए हैं.

Naxalite attack in Bijapur Chhattisgarh
बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर नक्सली हमला
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 30, 2024, 5:40 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 6:24 AM IST

बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर नक्सली हमला

बस्तर: बीजापुर और सुकमा के बॉर्डर इलाके में नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए हैं. मुठभेड़ में जख्मी 14 जवानों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर और जगदलपुर एयरलिफ्ट किया गया है. बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने मुठभेड़ की पुष्टि की है. आईजी ने कहा है कि मुठभेड़ में 14 जवान जख्मी हुए हैं उनकी हालत ठीक है उनको बेहतर इलाज के लिए रायपुर और जगदलपुर भेजा गया है. बस्तर आईजी ने दावा किया है कि जवानों की गोलीबारी में 6 से ज्यादा माओवादी भी मारे गए हैं.

कहां पर हुई मुठभेड़: जिस जगह पर मुठभेड़ हुई है वो इलाका जोनागुड़ा और अलीगुड़ा के बीच का इलाका है. जवान हर दिन की तरह टेकलगुडेम कैंप से सर्चिंग पर निकले थे. सर्चिंग के दौरान जैसे ही जवानों की टोली जोनागुड़ा और अलीगुड़ा के बीच पहुंची, पहले से घात लगाए नक्सिलयों ने हमला बोल दिया. बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि जिस जगह पर मुठभेड़ हुई वो इलाका घने जंगल वाला है. साल 2021 में इसी इलाके में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें 23 जवान शहीद हो गए थे.

जहां पर मुठभेड़ हुआ है वो इलाका नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है. हम इस हमले से घबराने वाले नहीं हैं. शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. जवानों के बलिदान का बदला लिया जाएगा. जवानों की ओर से की गई गोलीबारी में उनके 6 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी ताकत से लड़ाई लड़ते रहेंगे - पी सुंदरराज, बस्तर आईजी

"घायल जवानों को श्री नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. चारों जवानों को कई तरह की इंज्यूरी हुई है. ज्यादातर जवानों के कंधे और पेट पर चोट हैं सभी का बेहतर तरीके से इलाज चल रहा है. सभी की हालत स्थिर है - युवराज खेमका, ऑपरेशनल हेड, श्री नारायण अस्पताल

बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर नक्सली हमला

जवानों को बुलेट इंज्यूरी है जिसमें वेकेंटेश नाम के जवान को दो तीन गोलियां लगी हैं. सभी जवानों की मेडिकल जांच की जा रही है, सीटी स्कैन किया जा रहा है, पेट में भी जख्म हैं. राजेश पांचाल नाम के जवान के हाथों में गोली लगी है. गोली आर पार होने से जख्म गहरा है. जवान हरजिंदर को बाएं नी और ज्वाइंट में जख्म आए हैं, इरफान को बुलेट इंज्यूरी हुई है. जिन जवानों को ऑपरेशन की जरूरत है उनका ऑपरेशन होने के बाद ही कुछ बता पाना संभव होगा - देवेंद्र नायक, डायरेक्टर, बालाजी अस्पताल, रायपुर

मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के नाम

  • देवन सी, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • पवन कुमार, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • लाम्बधर सिन्हा, आरक्षक,150 सीआरपीएफ

मुठभेड़ में घायल हुए जवानों के नाम

  • लखवीर, डिप्टी कमांडेंट, 201 कोबरा बटालियन
  • राजेश पंचाल, असिस्टेंट कमांडेंट, 201 कोबरा बटालियन
  • खेडकर रामदास, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • अखिलेश यादव, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • हरेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • मोहम्मद ईरफान, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • गोपीनाथ बासुमताढी, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • मनोज नाथ, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • विकास कुमार, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • बेनूधर साहू, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • टी. मधुकुमार, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • मलकित सिंह, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • ई. वेंकटेश, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • अविनाश शर्मा, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • राउत ओमप्रकाश, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन

कैंप बनने से खौफ में थे नक्सली: माओवादियों के हौसले को तोड़ने और उनकी मूवमेंट को रोकने के लिए टेकलगुडेम में जवानों का कैंप बनाया गया था. जवानों का कैंप बनने के बाद से नक्सली खौफ में थे. बस्तर आईजी की मानें तो नक्सलियों को काबू में करने के लिए कैंप बनाया गया जिसका फायदा जवानों को मिल रहा था. कैंप बनने के बाद से ही नक्सली खौफ में थे. कैंप बनने के बाद से जोनागुड़ा और अलीगुड़ा इलाके जो नक्सलियों का इलाका हुआ करता था जवान वहां तक सर्चिंग के लिए जाने लगे थे. मंगलवार को भी एसटीएफ और डीआरजी के जवान रुटीन सर्चिंग पर निकले थे. सर्चिंग पर निकले जवानों पर घात लगाकर नक्सलियों ने हमला बोल दिया. हमला होते ही जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. चूंकि नक्सलियों का हमला अचानक हुआ इसलिए जवान संभल नहीं पाए. मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए जबकी 14 जवान जख्मी हो गए हैं.

2021 में टेकलगुडेम में शहीद हुए थे 23 जवान: अप्रैल 2021 में भी टेकलगुडेम में नक्सलियों ने घात लगाकर 23 जवानों को शहीद कर दिया था. फोर्स उस वक्त जोनागुड़ा और अलीगुड़ा इलाके में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सर्चिंग पर निकली थी. पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में जहां 23 जवान शहीद हो गए थे वहीं नक्सलियों ने जवानों के हथियार भी लूट लिए थे. उस वक्त केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात कर हर संभव मदद देने की बात कही थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सीआरपीएफ के महानिदेशक खुद जांच के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे थे.

सुकमा में बड़ा नक्सली हमला, सीआरपीएफ का एसआई शहीद, सीएम विष्णुदेव साय ने जताया शोक
झीरम नक्सली हमले पर SC के फैसले से छत्तीसगढ़ का सियासी पारा हाई, लेकिन झीरम पीड़ितों में जगी इंसाफ की उम्मीद
बस्तर में पहले फेज के चुनाव में नक्सली हिंसा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में मुठभेड़, दंतेवाड़ा में आईईडी बरामद

बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर नक्सली हमला

बस्तर: बीजापुर और सुकमा के बॉर्डर इलाके में नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए हैं. मुठभेड़ में जख्मी 14 जवानों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर और जगदलपुर एयरलिफ्ट किया गया है. बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने मुठभेड़ की पुष्टि की है. आईजी ने कहा है कि मुठभेड़ में 14 जवान जख्मी हुए हैं उनकी हालत ठीक है उनको बेहतर इलाज के लिए रायपुर और जगदलपुर भेजा गया है. बस्तर आईजी ने दावा किया है कि जवानों की गोलीबारी में 6 से ज्यादा माओवादी भी मारे गए हैं.

कहां पर हुई मुठभेड़: जिस जगह पर मुठभेड़ हुई है वो इलाका जोनागुड़ा और अलीगुड़ा के बीच का इलाका है. जवान हर दिन की तरह टेकलगुडेम कैंप से सर्चिंग पर निकले थे. सर्चिंग के दौरान जैसे ही जवानों की टोली जोनागुड़ा और अलीगुड़ा के बीच पहुंची, पहले से घात लगाए नक्सिलयों ने हमला बोल दिया. बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि जिस जगह पर मुठभेड़ हुई वो इलाका घने जंगल वाला है. साल 2021 में इसी इलाके में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें 23 जवान शहीद हो गए थे.

जहां पर मुठभेड़ हुआ है वो इलाका नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है. हम इस हमले से घबराने वाले नहीं हैं. शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. जवानों के बलिदान का बदला लिया जाएगा. जवानों की ओर से की गई गोलीबारी में उनके 6 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी ताकत से लड़ाई लड़ते रहेंगे - पी सुंदरराज, बस्तर आईजी

"घायल जवानों को श्री नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. चारों जवानों को कई तरह की इंज्यूरी हुई है. ज्यादातर जवानों के कंधे और पेट पर चोट हैं सभी का बेहतर तरीके से इलाज चल रहा है. सभी की हालत स्थिर है - युवराज खेमका, ऑपरेशनल हेड, श्री नारायण अस्पताल

बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर नक्सली हमला

जवानों को बुलेट इंज्यूरी है जिसमें वेकेंटेश नाम के जवान को दो तीन गोलियां लगी हैं. सभी जवानों की मेडिकल जांच की जा रही है, सीटी स्कैन किया जा रहा है, पेट में भी जख्म हैं. राजेश पांचाल नाम के जवान के हाथों में गोली लगी है. गोली आर पार होने से जख्म गहरा है. जवान हरजिंदर को बाएं नी और ज्वाइंट में जख्म आए हैं, इरफान को बुलेट इंज्यूरी हुई है. जिन जवानों को ऑपरेशन की जरूरत है उनका ऑपरेशन होने के बाद ही कुछ बता पाना संभव होगा - देवेंद्र नायक, डायरेक्टर, बालाजी अस्पताल, रायपुर

मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के नाम

  • देवन सी, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • पवन कुमार, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • लाम्बधर सिन्हा, आरक्षक,150 सीआरपीएफ

मुठभेड़ में घायल हुए जवानों के नाम

  • लखवीर, डिप्टी कमांडेंट, 201 कोबरा बटालियन
  • राजेश पंचाल, असिस्टेंट कमांडेंट, 201 कोबरा बटालियन
  • खेडकर रामदास, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • अखिलेश यादव, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • हरेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • मोहम्मद ईरफान, प्रधान आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • गोपीनाथ बासुमताढी, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • मनोज नाथ, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • विकास कुमार, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • बेनूधर साहू, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • टी. मधुकुमार, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • मलकित सिंह, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • ई. वेंकटेश, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • अविनाश शर्मा, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन
  • राउत ओमप्रकाश, आरक्षक, 201 कोबरा बटालियन

कैंप बनने से खौफ में थे नक्सली: माओवादियों के हौसले को तोड़ने और उनकी मूवमेंट को रोकने के लिए टेकलगुडेम में जवानों का कैंप बनाया गया था. जवानों का कैंप बनने के बाद से नक्सली खौफ में थे. बस्तर आईजी की मानें तो नक्सलियों को काबू में करने के लिए कैंप बनाया गया जिसका फायदा जवानों को मिल रहा था. कैंप बनने के बाद से ही नक्सली खौफ में थे. कैंप बनने के बाद से जोनागुड़ा और अलीगुड़ा इलाके जो नक्सलियों का इलाका हुआ करता था जवान वहां तक सर्चिंग के लिए जाने लगे थे. मंगलवार को भी एसटीएफ और डीआरजी के जवान रुटीन सर्चिंग पर निकले थे. सर्चिंग पर निकले जवानों पर घात लगाकर नक्सलियों ने हमला बोल दिया. हमला होते ही जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. चूंकि नक्सलियों का हमला अचानक हुआ इसलिए जवान संभल नहीं पाए. मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए जबकी 14 जवान जख्मी हो गए हैं.

2021 में टेकलगुडेम में शहीद हुए थे 23 जवान: अप्रैल 2021 में भी टेकलगुडेम में नक्सलियों ने घात लगाकर 23 जवानों को शहीद कर दिया था. फोर्स उस वक्त जोनागुड़ा और अलीगुड़ा इलाके में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सर्चिंग पर निकली थी. पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में जहां 23 जवान शहीद हो गए थे वहीं नक्सलियों ने जवानों के हथियार भी लूट लिए थे. उस वक्त केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात कर हर संभव मदद देने की बात कही थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सीआरपीएफ के महानिदेशक खुद जांच के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे थे.

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Last Updated : Jan 31, 2024, 6:24 AM IST
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